राव इंद्रजीत सिंह बोले 2017 में ही तावडू में दे दी गई थी जमीन यदि तावडू में पैरामिलिट्री फोर्स उपलब्ध होती तो मेवात दंगे जल्द होते काबू बिना जांच के किसी को भी दोषी ठहरना उचित नहीं होगा पुलिस प्रशासन और कानून अपना अपना काम कर रहे ऐसा क्या कारण रहा मेवात में इतना जबरदस्त तनाव बना इसकी जांच हो फतह सिंह उजाला पटौदी 6 अगस्त । तो फिर तावडू मेवात में आर ए एफ का परमानेंट कैंप कभी का बन चुका होता। करीब 7 – 8 वर्ष पहले भारत सरकार और होम मिनिस्ट्री ने तय किया था कि तावडू में पैरामिलिट्री फोर्स , आर ए एफ का कैंप स्थापित किया जाए। यह फैसला उस समय तावडू में हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए लिया गया था । यह बात सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संडे को पटौदी रोड रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण कार्य का शिलान्यास करने के उपरांत नूह में हुई हिंसा आगजनी और उपद्रव संबंधित सवालों के जवाब में पत्रकारों से बात करते हुए कही । राव इंदरजीत सिंह ने साफ-साफ कहा कि तावडू में प्रस्तावित आर ए एफ कैंप के लिए राज्य सरकार के द्वारा पानी बिजली सड़क जैसे संसाधन नहीं उपलब्ध कराने के साथ-साथ सीएलयू की औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की गई । धार्मिक यात्रा के दौरान नूह में हिंसात्मक घटना की जांच के बाद ही किसी को दोषी ठहराना उचित होगा । बिना ठोस सबूत के किसी को भी दोषी नहीं कहना चाहिए । पुलिस प्रशासन और कानून दोनों ही अपना अपना काम कर रहे हैं । जांच में जो भी दोषी होगा , उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट के द्वारा ही आरोपी दोषी को सजा भी मिलेगी । उन्होंने कहा नूह में हिंसा की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है । आजादी के बाद से लेकर आज तक वहां इस प्रकार की कथित जातीय हिंसा देखने को नहीं मिली है । वहां की हिंसा आगजनी सहित उपद्रव में जो जो लोग भी शामिल थे , उनकी पहचान कर अधिकांश को गिरफ्तार किया जा चुका है और जो भी बाकी बचे हैं वह भी जल्द काबू कर लिए जाएंगे। राव इंदरजीत सिंह ने कहा मेवात नूह में दोनों समुदायों के बीच 75 वर्ष से अमन चैन कायम रहा है। आखिर ऐसा क्या कारण रहा कि वहां पर अचानक ही तनाव का माहौल बन गया, तुष्टीकरण हुआ ? इस प्रकार बने अचानक तनाव की भी उच्च स्तरीय जांच होना न्याय के लिए आवश्यक है । जो कोई भी हिंसा आगजनी जैसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार मिले , उस व्यक्ति को अवश्य सजा मिलनी चाहिए । उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि जिस दिन नूह में धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा हुई उस यात्रा की इजाजत अधिकारियों के द्वारा दी गई, और यदि यात्रा की इजाजत दे दी गई तो फिर ऐसे क्या कारण रहे कि जिला के सबसे वरिष्ठ अधिकारी छुट्टी लेकर चले गए ? हालांकि इस मामले में मीडिया के द्वारा सवाल उठाए जाने पर वहां के डीसी और एसपी दोनों का तबादला कर दिया गया । केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा की गुरुग्राम जिसको दुनिया भर में मिलेनियम सिटी के नाम से पहचाना जाता है । उसके दरवाजे पर हिंसा का पहुंचना कतई भी उचित नहीं है । एक प्रकार से मेवात भी गुरुग्राम का अभिन्न हिस्सा है, मेवात में हिंसा होना पूरी दुनिया में गुरुग्राम की छवि को भी प्रभावित करता है । उन्होंने कहा केंद्र सरकार का लक्ष्य है 2030 तक पांच ट्रीलियन की इकनोमिक का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाए । लेकिन गुरुग्राम के साथ लगते मेवात से होकर इस लक्ष्य को तय समय तक प्राप्त करना आसान नहीं होगा । राव इंद्रजीत सिंह ने एक बार फिर से नूह में रहने वाले सभी लोग एकता अखंडता और भाईचारे का माहौल बनाने का सामूहिक प्रयास आरंभ करें। Post navigation पटौदी और हेलीमंडी बंद के रंग ……. धारा 144 , बैनर लिये, नारे लगाते प्रदर्शनकारी और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन हिन्दू एवं मुसलमान शब्द धार्मिक विभेद को व्यक्त करते हैं, दोनों एक ही राष्ट्र हिन्दुस्तान के निवासी हैं : सुनीता वर्मा