धारा 144 के बावजूद अधिकारियों की मौजूदगी में भारी भीड़ बनी बड़ा सवाल
एसीपी और एसडीएम पटौदी बोले कोई अनहोनी नहीं काबू में हालात   
 बीच सड़क पर ही चलते हुए प्रदर्शनकारियों ने सौंपे अपने-अपने ज्ञापन   

फतह सिंह उजाला                                             

पटौदी / हेली मंडी 5 अगस्त । लोकतंत्र में संविधान ने अपनी बात कहने का और विरोध प्रदर्शन का सभी को अधिकार दिया हुआ है । जानकारों के मुताबिक अपनी बात कहने और विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून की अवहेलना भी नहीं होनी चाहिए । यह भी कटु सत्य है ।1 दिन पहले  जुम्मा के रोज जिला प्रशासन और कथित रूप से विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व और विभिन्न हिंदूवादी  संगठनों के नेतृत्व में पटौदी विधानसभा क्षेत्र में पहली बार  बंद ऐतिहासिक रूप से सफल रहा ।  

पटौदी शहर बोहड़ा कला गांव तथा हेली मंडी कस्बा में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर हर छोटी से छोटी दुकान यहां तक की स्ट्रीट वेंडर जो की गलियों में घूम कर या चौक चौराहों पर साथ सब्जी फल इत्यादि बेचकर गुजारा करते हैं,  वह भी दिखाई नहीं दिए। पटौदी में प्रदर्शनकारी पटौदी के रेस्ट हाउस के आस पास एकत्रित हुए। वही हेली मंडी में रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे नूह में हिंसात्मक घटना सहित यात्रा में शामिल लोगों पर किए गए हमले के विरोध में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए । पटौदी बोहड़ा कला हेली मंडी जाटोली के लोग शामिल रहे। विरोध प्रदर्शन करने वाले सहित अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने वाले और हरियाणा सरकार को खरी-खोटी सुनाने वालों में कथित रूप से अधिकांश लोगों में सत्ता पक्ष समर्थक या फिर सत्ता पक्ष के सहयोगी संगठनों सहित विभिन्न राजनेताओं के समर्थक मौजूद रहे। हरियाणा बनने के बाद पटौदी बंद पहली बार ऐतिहासिक रूप से बेहद सफल कहा जा सकता है ।

लेकिन इसी बीच में कथित रूप से लोगों के बीच यह भी चर्चा का विषय बना रहा कि जहां चाय के खोखे तक नहीं खुले, इन्हें बंद रखने का आह्वान किया गया वहीं दूसरी ओर पटौदी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर देसी और अंग्रेजी शराब के ठेके दिन भर खुले रहे ? आखिर ऐसा क्यों । इस संदर्भ में एसीपी पटौदी हरिंदर शर्मा का भी कहना है कि बंद प्रशासन ने नहीं करवाया । लोगों के द्वारा स्वेच्छा से बंद किया गया , बंद करवाने की कोशिश हो तो शिकायत मिलने पर आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

प्रदर्शनकारी जोश में यह भूल गए कि जिलाधीश के द्वारा पूरे जिले में धारा 144 लागू की गई है । यही कारण रहा कि जुम्मा के रोज मुस्लिमों के द्वारा मस्जिदों मैं सामूहिक नमाज पढ़ने से परहेज किया गया । मुस्लिमों के द्वारा अपने अपने घरों में ही नमाज अदा की गई । इसी बीच प्रदर्शनकारी पटौदी रेस्ट हाउस के निर्धारित स्थान पर एकत्रित हुए और वहां से अपने-अपने पक्ष और समर्थन में तथा कथित रूप से हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पटौदी लघु सचिवालय की तरफ रवाना हो लिए। जिलाधीश के द्वारा धारा 144 लागू किया जाने करते हुए प्रदर्शनकारियों के द्वारा कथित रूप से मनमाने तरीके से प्रदर्शन किया गया । वही प्रदर्शन करने की जिला प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली गई ? यह एक कानूनी पहलू है ।  

 इसी बीच प्रदर्शनकारियों के द्वारा पटौदी के एसडीएम संदीप अग्रवाल को प्रदर्शन के दौरान ही महामहिम राष्ट्रपति, हरियाणा के राज्यपाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपे गए  । सौपे गए  ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों के द्वारा मांग करते हुए कहा गया है कि नूह मैं कथित सुनियोजित धार्मिक उन्माद फैलाने सहित धार्मिक यात्रा पर और मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। सभी दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ रासुका लगाया जाए । जिस जिस व्यक्ति का जो भी कुछ नुकसान हुआ है उसकी भरपाई आरोपी दोषियों से करवाई जाए । नूह मैं घटित हिंसात्मक घटना  की एनआईए के द्वारा जांच कराई जाए । इसके अलावा पटौदी हेली मंडी के आसपास के इलाकों में बसे हुए तथा झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के साथ साथ पटौदी हेली मंडी जाटोली बोहड़ाकला शहर में रह रहे किरायेदारों का सत्यापन पुलिस प्रशासन के द्वारा किया जाए।    

इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि संडे को क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह अपने राजनीतिक गढ़ पटौदी में पहुंच रहे हैं । इससे एक दिन पहले ही शनिवार को जिला पुलिस प्रशासन के द्वारा शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में विभिन्न लोगों पर अपराधिक मामला दर्ज किया गया है । ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की प्रदर्शनकारी राव इंदरजीत सिंह से मिलकर प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए मामलों को निरस्त करवाने या फिर इस पूरे प्रकरण में दखल देने के लिए भी अपनी बात मजबूती से रख सकते हैं । यह सब संडे को ही स्पष्ट हो सकेगा ।

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