खट्टर सरकार के रोज़ बदलते मापदंडों व CET की ग़लतियों ने युवाओं की ज़िंदगी बर्बाद कर दी

चंडीगढ़, कैथल – 05 अगस्त, 2023 – खट्टर सरकार व उसके “हेराफेरी साँठगाँठ सर्विस कमीशन” – HSSC के रोज़ बदलते ‘तुगलकी फ़रमान’ व ‘मनमर्ज़ी की दुकान’ ने हरियाणा के नौजवानों की ज़िंदगी को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। CET की परीक्षा के चार साल से चल रहे खेल के “मनोहर जाल” ने हरियाणा के बच्चों की ज़िंदगी को बदहाल बना दिया है। हरियाणा के युवाओं से आये-दिन नौकरी के नाम पर हो रहे मज़ाक़ ने युवाओं की रोज़गार पाने की हर उम्मीद को धराशायी कर दिया है। इसके लिए सीधे-सीधे श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री दुष्यंत चौटाला ज़िम्मेदार हैं।

हरियाणा के युवाओं से CET के नाम पर आये-दिन हो रहे मज़ाक़ के कुछ तथ्य देखें:-

I. 5 मई 2022 – हरियाणा में ग्रुप C और ग्रुप D के सभी पदों को “कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट” (CET) से भरे जाने का निर्णय लिया गया।

II. 5/6 नवंबर 2022 – CET एग्जाम लिया गया।

III. 10 जनवरी 2023 – CET का रिजल्ट निकाला गया। 11,22,000 युवाओं में से 3,59,000 युवा CET पास घोषित किए गये। साथ के साथ अजीबोग़रीब तरीक़े से एक शर्त लगा दी गई कि कुल पदों के अनुपात में केवल चार गुना अभ्यर्थी ही बुलाये जाएँगे, यानि 2 साल धक्के खाकर CET पास करने का कोई लाभ ही नहीं हुआ।

IV. 01 फ़रवरी 2023 – CET पास करने वाले बच्चों के “सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी’ के नंबर भी जुड़ने थे। कई अभ्यर्थियों ने सोशो–इकोनॉमिक कैटेगरी के नंबर ग़लत तरीक़े से क्लेम कर रखे थे और कई अभ्यर्थियों को ये नंबर नहीं दिये गये थे। HSSC ने नोटिस निकलकर सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी के नंबर छोड़ने या जुड़वाने का पहला मौक़ा दिया।

V. 07 मार्च 2023 – खट्टर सरकार ने ग्रुप C की पोस्ट एडवरटाइज़ कर दी। 01 जुलाई 2023 को लिखित पेपर की तारीख़ निश्चित कर दी।

VI. 10 मार्च 2023 – HSSC ने एक बार फिर पब्लिक नोटिस निकालकर CET के रिजल्ट में सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी के नंबर छोड़ने या जुड़वाने के लिए अभ्यर्थियों को कहा।

VII. HSSC द्वारा जारी की गई CET लिस्ट को हाईकोर्ट में CWP 11370/2023 दायर कर चुनौती दे दी गई। आधार ये था कि HSSC ने सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी के नंबर दुरुस्त नहीं किए। इस पेटिशन के दायर होने के बाद HSSC ने 01 जुलाई 2023 की ग्रुप C पेपर परीक्षा पोस्टपोन कर दी।

VIII. 28 जून 2023 – HSSC ने तीसरा पब्लिक नोटिस जारी कर सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी के नंबर CET रिजल्ट में दुरुस्त करवाने के लिए अभ्यर्थियों को कहा।

IX. 24 जुलाई 2023 – CWP 11370/2023 हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए लगा। सरकार के वकील ने कहा कि 2 से 3 हफ़्तों में सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी के नंबर दुरुस्त कर CET का नया रिजल्ट निकाला जाएगा।

X. 25 जुलाई 2023 – 2 से 3 हफ़्तों की बजाय अगले दिन ही यानि 25 जुलाई को CET का रिवाइज़्ड रिजल्ट जारी कर दिया गया। परंतु सारी त्रुटियाँ ज्यों की त्यों बनी रहीं। इसके बावजूद 5 व 6 अगस्त, 2023 को CET के नंबरों के आधार पर पदों की भर्ती के लिए रिटन एग्जाम बुला लिया गया।

XI. युवाओं ने एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस रिवाइज़्ड रिजल्ट को चुनौती दी व CWP16536/2023 दायर किया गया।

XII. 03 अगस्त, 2023 – जब 5 और 6 अगस्त की परीक्षा के लिए CET के बच्चों ने HSSC की वेबसाइट से एडमिट कार्ड निकाले, तो सब कुछ उल्टा-पुल्टा हुआ मिला। किसी के रोल नंबर पर किसी और का एडमिट कार्ड निकल रहा था। या फिर एडमिट कार्ड निकलता ही नहीं था। या फिर एडमिट कार्ड पर उम्मीदवार की फोटो ही नहीं आ रही थी। खट्टर सरकार व HSSC ने स्वीकार किया कि वेबसाइट हैक हो गई है, और हैदराबाद से इंजीनियर बुलाए जाएँगे। इस सबके बीच हज़ारों बच्चे दर-दर की ठोकरें खा रहे थे।

XIII. 04 अगस्त, 2023 – सोशो-इकोनॉमिक कैटेगरी की भारी ख़ामियों व CET रिजल्ट में भयंकर ग़लतियों को देखकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने CET का 28 जून 2023 का रिवाइज़्ड रिजल्ट ख़ारिज कर दिया व 05 तथा 06 अगस्त की परीक्षा भी ख़ारिज (मुल्तवी) करने का आदेश दिया।

XIV. 05 अगस्त, 2023 – खट्टर सरकार व HSSC ने हाईकोर्ट के डिवीज़न बेंच में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि एग्जाम लिया जा सकता है, पर एग्जाम का नतीजा निकालने की रोक लगा दी।

XV. 05 अगस्त, 2023 – खट्टर सरकार व HSSC ने आनन-फ़ानन में आज दोपहर बाद नोटिस जारी कर सोमवार 07 अगस्त, 2023 को पेपर की तिथि निश्चित कर डाली। नोटिस की कॉपी संलग्नकA1 है।

सच्चाई यह है कि खट्टर सरकार व ‘हेराफेरी साँठगाँठ सर्विस कमीशन’ HSSC एक बार फिर बच्चों की ज़िंदगी को अंधकार में धकेल रहे हैं। 04 साल से हरियाणा के युवा सैकड़ों-हज़ारों करोड़ रुपया खर्च के CET के जंजाल में धक्के खा रहे हैं, और खट्टर सरकार हर रोज़ मनमाने ढंग से मापदंड बदल व भयंकर ग़लतियाँ कर उनकी ज़िंदगियों को लूट रही है।

हमारे खट्टर सरकार से सीधे सवाल:-

  1. CET का रिजल्ट ठीक किए बग़ैर एक और पेपर करवाने की बेवकूफाना हड़बड़ी व जल्दबाज़ी क्यों? किस साज़िश के तहत युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेला जा रहा है?

सारी खामियाँ, त्रुटियां दूर करके भर्ती पेपर लिया जा सकता है लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? जब अगले पेपर में बैठने का आधार ही CET score है, तो इस score को ठीक क्यों नहीं किया जा रहा है? यदि कल को यह क्लेम किसी का गलत मिलता है, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय सैकड़ों ऐसे केस सामने आएंगे, तब उनका candidature तो आप रद्द कर देंगे, लेकिन उनकी जगह पर जो genuine कैंडिडेट पेपर दे सकते थे, उनके साथ तो घोर अन्याय हो जाएगा। 35000 बच्चों की ज़िन्दगियों, उनके करियर, उनके भविष्य का सवाल है, जो 4 साल से इंतज़ार कर रहे हैं।

जिन्होंने सोशो-इकोनॉमिक के अंक छोड़े हैं उन्हें अभी भी वे अंक दिए हुए दर्शाये गए हैं। हरियाणा से बाहर के अभ्यर्थियों के ये क्लेम कैसे जांचेंगे?

जिनका CET score कम है, उन्हें पेपर में बैठने का मौका दिया जा रहा है, जिनके ज़्यादा हैं वे बाहर हैं, ऐसा क्यों?

नूह, मेवात, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद में तनाव भरे माहौल के बावजूद पेपर लेने की जल्दी क्या है?

हाई कोर्ट के Single बेंच से CET नतीजा ख़ारिज होने के बावजूद रातों रात हाई कोर्ट के डबल बेंच में जाकर दरवाज़ा खटखटाने व 24 घंटे में ही पेपर लेने की ज़िद क्यों है?

CET रिजल्ट ख़ारिज होने व 05 तथा 06 अगस्त, 2023 को होने वाला पेपर स्टे होने के बावजूद भी कल रात 11 बजे तक बच्चों के पास कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी। बच्चों को पेपर होने से 10 घंटे पहले तक ये पता नहीं था कि पेपर होगा भी या नहीं, कि एग्जाम सेंटर जो 100-150-200 किमी तक दूर हैं, वहाँ जाएं या नहीं, जो पहुँच चुके थे वे वापिस आएं या नहीं? जो समय बच्चों को लास्ट मिनट revision करने के लिए या एग्जाम से पहले रिक्वायर्ड रेस्ट के लिए देना चाहिए, उसमें वे बार-बार HSSC की वेबसाइट चैक कर रहे थे या news चैनल बदल बदल कर देख रहे थे कि पेपर होगा या नहीं।

अब आनन फ़ानन में 24 घंटे में ही 07 अगस्त को फिर पेपर होगा। ऐसी जल्दी किसलिए?

  1. बिना एडमिट कार्ड जारी किये एग्जाम लेने पर उतारू क्यों? इतना बड़ा पेपर है, 4 साल का इंतज़ार, मेहनत सब है अब बिना एडमिट कार्ड के पेपर कैसे ले सकते हैं? ऐसे notice (annexure A1) जारी होने का अर्थ साफ है कि जो कमीशन एक अदद एडमिट कार्ड जारी करने में विफल है वो रिजल्ट बनाने, पेपर लेने में पास हो ही नहीं सकता। इनसे न एडमिट कार्ड ढंग से जारी किये गए, परीक्षा होने से 24 घंटे पहले तक अभ्यर्थी HSSC ऑफिस में एडमिट कार्ड जारी होने के लिए खडे थे। हैदराबाद से इंजीनियर बुलाने पड़े लेकिन वे भी इस काम में सफल नहीं हो पाए। ऐसे कमीशन से रिजल्ट बनाने में त्रुटियां होंगी या ये जानबूझकर करेंगे। अब कह रहे हैं कि बच्चे पुराना एडमिट कार्ड लेकर आ सकते हैं या कोई भी आइडेंटिटी लेकर आ सकते हैं। क्या यह सीधे-सीधे पेपर सॉल्वर गैंग को हेराफेरी का न्योता नहीं। इस जल्दी का कारण क्या है?
  2. जब CET का रिवाइज़्ड रिजल्ट पूरी तरह से ग़लत है, तो पेपर लेने का औचित्य ही क्या है?

CET के रिजल्ट में ESM, DESM, Disabled ESM, DFF, सबको ESM की कैटेगरी में डाल दिया गया, जो अपने आप में ग़लत है। खट्टर सरकार व HSSC को यह भी मालूम नहीं, कि पहली प्राथमिकता Disabled एक्स सर्विसमैन- ESM को मिलती है। दूसरी प्राथमिकता Dependant of disabled ESM को मिलती है। तीसरी प्राथमिकता ESM को मिलती है। चौथी प्राथमिकता Dependant of ESM को मिलती है। और आख़िरी कैटेगरी DFF होती है। ऐसे में इन ESM कैटेगरी का विभाजन कैसे होगा जब सारी श्रेणियाँ एक दूसरे से मिला दी गई हैं।

HSSC ने CET के लिए जो कट ऑफ जारी की है, उसमें केवल विकलांग/दिव्यांग लिखकर ही कट ऑफ जारी कर दी। जबकि HSSC को दिव्यांगों की अलग-अलग श्रेणियों की अलग-अलग कट ऑफ जारी करनी चाहिए। जैसे कि hearing handicapped, visual handicapped, ortho handicapped इत्यादि।

जब इन सबको भी कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, तो फिर नौकरियाँ कैसे लगेंगी।

  1. जब CET पास 3,59,000 उम्मीदवारों में से 3,29,000 उम्मीदवार ग्रुप 56 और 57 के एग्जाम में बैठ ही नहीं पायेंगे, तो फिर सेट की प्रक्रिया के क्या मायने बचे हैं। HSSC ने ग्रुप 56 के लिए कट ऑफ नंबर 65 निर्धारित किए हैं तथा ग्रुप 57 के लिए कट ऑफ नंबर 67 निर्धारित किए हैं। पोस्ट से चार गुना उम्मीदवार बुलाने का मतलब है कि लगभग 30,000 बच्चों को रिटन एग्जाम के लिये बुलाया जाएगा। ग्रुप 57 के सभी उम्मीदवार ग्रुप 56 में भी एलिजिबल होंगे। यानि दोनों ग्रुप्स में 90% उम्मीदवार वही होंगे। ऐसे में CET पास हुए 3,59,000 उम्मीदवारों में से 3,29,000 को रिटन एग्जाम में बैठने का मौक़ा ही नहीं मिलेगा। तो फिर चार साल धक्के खाकर CET पास करने का क्या अर्थ रह गया है?

इन्होंने जितने ब्लंडर इस भर्ती में किए हैं उनके कारण अगले 10 साल भी मामले न्यायालयों में लटके रहेंगे। जो बच्चे नौकरी लगेंगे उनको भी ये सरकार चैन से सोने नहीं देगी तथा जो नहीं लग पाएंगे उनका तो भविष्य चौपट कर ही दिया है। कांग्रेस पार्टी आज भी खट्टर साहब से दरख्वास्त करती है कि वो तानाशाही छोड़कर प्रदेश के युवाओं और उनके अभिभावकों से माफी मांगें तथा इस रायते को समेटते हुए सभी क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को मौका दें।

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