चंडीगढ़, 4 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एमएसएमई के त्वरित विकास के लिए अग्रिम कार्यक्रम (पदमा) नीति की अधिसूचना में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधन के उपरांत प्रत्येक ब्लॉक के लिए, न्यूनतम 25 एकड़ क्षेत्र को कवर करने वाला एक नया एमएसएमई औद्योगिक क्लस्टर विकसित किया जाएगा, जो पहले 100 एकड़ का था। प्रत्येक एमएसएमई क्लस्टर में अन्य सक्षम बुनियादी ढांचे के साथ न्यूनतम 20 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का गठन किया जा सकेगा। परियोजना के लिए भूमि की व्यवस्था राज्य सरकार या कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक निजी डेवलपर्स द्वारा या खरीद के माध्यम से या कम से कम 30 वर्षों के पट्टे पर की जा सकती है। राज्य सरकार कार्यान्वयन एजेंसी के लिए राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकास योजना (एसआईडीएस) या निजी कार्यान्वयन एजेंसी (आईए) के लिए पदमा क्लस्टर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (पीसीआईडीएस) के तहत विकासशील एजेंसी द्वारा राज्य सरकार से 50 प्रतिशत से 85 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकेगी जो अधिकतम 50 करोड़ रुपये होगा। इसके अलावा, नए संशोधन के अनुसार, पदमा क्लस्टर स्थापित करने में निजी एजेंसियों को सक्षम बनाने और नए और संभावित उद्यमियों को पदमा क्लस्टर के भीतर इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय निर्धारित किया गया है। नीति के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न योजनाएं शामिल हैं :- पदमा क्लस्टर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (पीसीआईडीएस) जो पदमा क्लस्टरों में बुनियादी, कोर और सक्षम सामान्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निजी क्रियान्वयन एजेंसी को 50 प्रतिशत से 85 प्रतिशत, अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा, पदमा वेंचर कैपिटल फंड योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को इक्विटी/अर्ध-इक्विटी/इक्विटी जैसे संरचित उपकरणों के माध्यम से विकास पूंजी प्रदान करेगी। राज्य सरकार पदमा क्लस्टर के अंदर एमएसई इकाइयों को समर्थन देने के लिए इस योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का एक रिवॉल्विंग वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करेगी। इसके साथ ही, पदमा उद्यमिता त्वरण योजना पूंजी की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करेगी जो किसी उद्यम के विकास के शुरुआती चरण में उद्यमियों के लिए आवश्यक है, राज्य सरकार स्टार्ट-अप को अवधारणा के प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद ट्रेल्स, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण हेतु नवाचार के लिए 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। पदमा पूंजी निवेश सब्सिडी योजना निवेश को आकर्षित करने और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मजबूत प्रोत्साहन ढांचा प्रदान करेगी। राज्य सरकार अधिकतम 30 प्रतिशत तक की पूंजी निवेश सब्सिडी प्रदान करेगी जो क्लस्टर के अंदर एमएसई इकाइयों को 30 लाख रुपये और पदमा ब्याज सब्सिडी योजना उत्पादकता को बढ़ावा देगी तथा ऋण की लागत को कम करेगी। राज्य सरकार पदमा क्लस्टर के अंदर एमएसई इकाइयों के लिए सावधिक ऋण पर 6 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष अधिकतम 20 लाख रुपये तक ब्याज सब्सिडी प्रदान करेगी। नई योजना संशोधन के अनुसार, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार विस्तार के लिए विपणन और ब्रांडिंग सहायता प्रदान करने के लिए पदमा डिजाइनिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और निर्यात का पुनर्गठन किया गया है। योजना के तहत, 50 प्रतिशत तक, जो अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी, की प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह एमएसई को विभिन्न मार्केटिंग और ब्रांडिंग गतिविधियों, जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग, मार्केट इंटेलिजेंस गतिविधियां, लोगो और पैकेजिंग डिजाइन, डिजिटल मार्केटिंग, इनोवेटिव और पैकेजिंग को अपनाने आदि टिकाऊ पैकेजिंग पर होने वाले खर्च के लिए प्रदान किए जाएंगे। Post navigation अधिसूचित “बाजार विकास सहायता (एमडीए) योजना” में संशोधन के संबंध में मंजूरी हरियाणा ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के लिए हरियाणा गौरव सम्मान योजना, 2023 शुरू की