रेवाड़ी-03 अगस्त –  वेतनमान बढ़ोतरी की मांग को लेकर लिपिकों द्वारा क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल के 30वें दिन गुरूवार को क्रमिक भूख हड़ताल के 13वें दिन शिक्षा विभाग के चार लिपिकीय वर्ग कर्मचारियों तारीफ सिंह, सुरेश कुमार, भरत सिंह व सज्जन कुमार बागड़ी ने भूख हड़ताल पर बैठकर रोष जताया और साथ में थाली बजाकर सोई हुई राज्य सरकार को जगाने का कार्य किया।

लिपिक एसोसिएशन के जिला प्रधान विकास यादव ने जानकारी देते हुए बताया लिपिकों की 35400 रूपये मूल वेतनमान की मांग को लेकर विभिन्न विभागों के लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को गुरूवार को 30 दिन पूरे हो चुके  है  वहीं हर रोज कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई क्रमिक भूख हड़ताल के भी 13 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार ने अब तक लिपिकों को जायज मांगों को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। जिसके चलते लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है। जिला रेवाड़ी व आस-पास के जिलों में धारा 144 लगाए जाने के कारण कर्मचारी सीमति संख्या में इकटठा होकर आमजन को पंपलेट वितरण, थाली बजाकर तथा सोशल मीडिया के जरिये लोगों को अपनी जायज मांगों के प्रति जागरूक करते हुए सरकार को जगाने का कार्य कर रहे है।

राज्य कार्यकारिणी के दिशा-निर्देशानुसार गुरूवार को पूरे प्रदेशभर में लिपिकों द्वारा थाली बजाओ सरकार जगाओ अभियान के तहत थाली बजाकर सरकार को जगाने का काम किया गया। इसी क्रम में रेवाड़ी जिले में भी लिपिकों ने भी विभिन्न गांवों में थाली बजाकर सरकार को जगाने का कार्य किया और आमजन को अपनी जायज मांगों के प्र्रति जागरूक किया। जिला महासचिव मधुसूदन ने बताया कि पिछले कई दशकों से लिपिकीय वर्ग का शोषण होता रहा है। सरकार के साथ बेनतीजा हो चुकी तीन वार्ता में लिपिक एसोसिएशन पदाधिकारियों द्वारा सरकार को 35400 रूपये मूल वेतनमान संबंधी सभी प्रकार के दस्तावेज भी उपलब्ध करवा दिए गए है लेकिन सरकार जानबूझकर लिपिकीय कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा करने में आनाकानी कर रही है। प्रदेश की जनता भी अब समझ चुकी है कि सरकार की भेदभाव पूर्ण नीतियों, मनमानी व असमानता के कारण ही लिपिकीय कर्मचारियो को हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रदेश का लिपिकीय कर्मचारी वर्ग पिछले करीब तीन साल में सरकार से अपनी जायज मांग को पूरा करवाने के लिए कई बार गुहार लगा चुका है। लेकिन इस बार कर्मचारियों के इरादे बुलंद है और अपनी जायज मांग को पूरा करवाकर ही रहेंगे।

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