नूंह (मेवात),गुरुग्राम, सोहना,मानेसर में हुई हिंसा के साजिशकर्ता हरियाणा की “सत्ता की शहतीर” पर विराजमान है। हरियाणा की हिंसा में भाजपा-जजपा सरकार की प्रायोजित साजिश की बू आ रही है! प्रदेश की जनता खट्टर-दुष्यंत सरकार से 5 सवालों के जवाब चाहती है :- 1. सीएम के पास लोकल इंटेलिजेंसी की रिपोर्ट थी कि दंगे होंगे, तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? 2. जब पता था कि दंगे होने वाले हैं तो पुलिस की जगह रैपिड एक्शन फोर्स क्यों नहीं तैनात की गई! 3. ऐसी संवेदनशील स्थिति में नूंह एसपी की छुट्टी मंजूरी देकर पड़ोस के एसपी को चार्ज क्यों दिया गया ? जब पता था कि दंगे होने वाले हैं तो बड़े अधिकारियों को वहां क्यों नहीं भेजा गया ? आमजन की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए ? 4. गुरुग्राम के एमपी और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी स्वीकार किया कि धार्मिक जुलूस में हथियार क्यों ले जाने दिए गए ? इस तरह दूसरे पक्ष को क्यों पत्थर इकट्ठे करने दिया गया ? 5. हिंसा पर जांच एजेंसियों की बिना रिपोर्ट आए ही हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा हत्यारोपी मोनू मानेसर को क्लीन चिट देना बेहद गैर जिम्मेदाराना! Post navigation लोग अपने सामान, सम्मान और जान के ख़ुद ज़िम्मेदार हैं, सरकार कुछ नही कर सकती वो सत्ता बचाने में व्यस्त है : सुनीता वर्मा पानी की बढ़ी दरें वापस करने पर विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने जताया सीएम का आभार