—- लोगों से शांति बनाए रखने की अपील, सरकार उठाए सख्त कदम – जयहिंद
— एमपी व एम एल ए को चेतावनी, कोई दंगे में जाकर मरे, 1 करोड़ रुपए देंगे मुआवजा : जयहिंद
— इस पूरे मामले की हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई जाँच हो – जयहिन्द
—- जो दोषी है उन पर सख्त कार्यवाही की जाए, उन्हें बक्शा नही जाए – जयहिन्द

रौनक शर्मा

रोहतक – पिछले दो-तीन दिनों से जिस तरह की हिंसा मेवात (नूंह) में हो रही है और पूरे देश में नेताओं की बढ़ती संम्पति को लेकर रोहतक में नवीन जयहिंद ने प्रेसवार्ता की।

जयहिन्द ने बताया कि अगर मुख्यमंत्री खट्टर व गृहमंत्री अनिल विज के बस की बात नहीं है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

जयहिन्द ने कहा कि सरकार जो इन दंगो में मरने वालों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा दे रही है। पर वे यह नहीं जानते कि 50 लाख रुपये में किसी का मरा हुआ आदमी वापिस नहीं लौटता। इस पर जयहिन्द ने शर्त रखी के कोई भी एमपी व एमएलए वहां दंगे में जाकर मरके दिखाए हम उसे 1 करोड़ रुपये एकत्रित करके मुआवजा देंगे।

जयहिन्द ने हर वर्ग के लोगो से अपील करते हुए कहा कि लड़ाई-झगडो व दंगो से किसी का भला नही होने वाला इसलिए आपस मे भाईचारा व शांति बनाए रखे।

यह पूरे देश के लिए व हरियाणा के लिए बहुत ही घातक है। इस पर सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए और जो भी उपद्रवी है उन पर कार्यवाही हो। इस पर जयहिन्द ने सरकार से गंभीर सवाल पूछते हुए कहा कि जब सरकार को यह पता था कि यह एक धार्मिक यात्रा का आयोजन हो रहा है जिसमे महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग भी शामिल है। यहां तक कि सेंटर एजेंसियों से भी जानकारी थी के वहां गड़बड़ हो सकती है। इस पर खुद गृहमंत्री अनिल विज मान रहे है कि उन्होंने वहां 800 पुलिस कर्मी तैनात किए थे।

जयहिन्द ने कहा कि 800 पुलिसकर्मी तो जब हम कोई प्रदर्शन करते है वे तब भी तैनात कर देते है, तो जहां पर स्थिति इतनी नाजूक हो रही हो, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बयान बाजी चल रही हो दोनों तरफ से, इन सबके बावजूद यह सरकार की जिम्मेदारी थी की वह इस घटना को रोक सकती थी।

जयहिन्द ने दो-तीन महीने पहले एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मेवात के अंदर साईबर क्राइम को पकड़ने के लिए पांच हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की एक टीम वहां गयी थी और वहां छापेमारी की थी। इस पर जयहिन्द ने कहा कि तो क्या एक धार्मिक आयोजन पर यह सरकार पांच हजार पुलिसकर्मी नही लगा सकती थी। जब सरकार को पहले से ही पता था तो कोई कार्यवाही क्यों नही की, यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी बड़कऊ पोस्ट शेयर की जा रही थी लेकिन उन ओर भी कोई कार्यवाही नही हुई, जो सरकार कब दोनों समाज को बिठाकर मीटिंग करवा रही है वह पहले क्यों नही करवाई और अब मुख्यमंत्री कहते है कि यह एक घर षड्यंत्र है। तो हम मुख़्यमंत्री से पूछते है वह षड्यंत्रकारी कौन है?

जयहिन्द ने कहा कि हम मुख़्यमंत्री व गृहमंत्री की माने तो अगर आगे ऐसे षड्यंत्र होंगे तो यह सरकार उन्हें रोक ही नही पाएगी। क्या उनके षड्यंत्र कामयाब हो जाएंगे? क्या हजारो गाड़ियां ऐसे ही जला दी जाएंगी? क्या लोग ऐसे ही मारे जाएंगे? साथ ही जयहिन्द ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि अब जब एफआईआर की जाएंगी तो यह सरकार केवल दोषियों को पकड़े निर्दोषों को नही।

जयहिन्द ने कहा की हमे लगता है कि देश के माननीय प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को सबसे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व गृहमंत्री अनिल विज का इस्तीफा ले लेना चाहिए और अगर इनको थोड़ी बहुत भी शर्म हो तो खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इसके बस की बात नही है

हजारो बच्चो, महिलाओं व बुजुर्गो की जान को खतरे में किसने डाला – जयहिंद

जयहिन्द ने बताया कि गृहमंत्री अनिल विज अपने बयान में बोल रहे है कि हमने 50 कंपनियां वहां तैनात कर दी है, तो हम उनसे पूछते है कि पांच कम्पनी पहले ही वहां तैनात कर देते। प्रदेश में इस तरह से दंगे होना पूरी तरह से सरकार की विफलता को दर्शाता है।

इसके बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का भी बयान आता है की हमे यह नही बताया गया कि शोभा यात्रा में कितनी संख्या में लोग पहुंचेंगे, इस पर जयहिन्द ने उपमुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसका मतलब यह है कि यह सरकार नींद में है। किसी भी धरने प्रदर्शन में कितने आदमी पहुंचेंगे यह पहले ही सरकार को खुफिया एजेंसियों द्वारा सूचना दे दी जाती है और यह एकदम से नही हुआ है यात्रा तो पहले भी चल रही थी। आप देखिए कि अब चुनाव नजदीक आ रहे है।

जयहिन्द ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई जाँच होनी चाहिए। और जो दो होमगार्ड व बहुत आम लोग मारे गए है और बहुत से पुलिसकर्मी घायल है। क्या इनमें किसी भी पार्टी के नेता का कोई रिश्तेदार है उनमें?

जयहिंद ने देश के 4 हजार विधायको के पास 54 हजार करोड़ की संपति मामले पर उठाए सवाल

जयहिन्द ने बताया एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक देश मे सभी पार्टियों के, सभी धर्मों के व सभी जातियों के मिलाकर चार हजार एमएलए है जिन्होंने 54 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली है। लोकसभा के 543 सांसद है जिन्होंने 11 हजार 300 करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली है। राज्यसभा के 252 सांसद है जिन्होंने 19 हजार 400 करोड़ रुपये की सम्पत्ति बना ली है

तो आप अंदाजा लगा सकते है कि लगभग 85 हजार करोड़ की सम्पत्ति वर्तमान के सांसद व विधायक के पास है। जयहिन्द अपील करते हुए कहा अगर कोई वकील हो तो वह पीआईएल लगा दे ताकि जितने भी वर्तमान व भूतपूर्व सांसद व विधायक है पूरी सम्पत्ति का पता लगे और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच होनी चाहिए।

इन 5 हजार लोगों में से किसी का भी बच्चा या रिश्तेदार किसी भी दंगे में शामिल नही मिलेगा। जयहिन्द ने पूरे हिंदुस्तान व सभी हरियाणा के लोगो से अपील करते हुए कहा की इन नेताओं की जय जय बोलने का ओर आपस मे धर्म-जाती के नाम पर लड़ने का कोई फायदा नही है क्योंकि आखिर में गरीब व आम आदमी को ही मरना है, किसी नेता का कोई रिश्तेदार नही मरता। इसलिए शांति और भाईचारा बहुत बड़ी चीज है इसे बनाए रखे।

जयहिन्द ने याद दिलाते हुए कहा कि जब देश को आज़ाद करवाने की बात थी तो रामप्रसाद बिस्मिल व अशफाकुल्लाह खाँ एक साथ फांसी टूटे थे और जिनको परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया उनमें सोमनाथ शर्मा व कैप्टन अब्दुल हमीद भी एक साथ थे।

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