
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र 31 जुलाई : आज श्रावण सोमवार को रंतुक यक्ष चिट्टा मन्दिर पिपली में भगवान भोलेनाथ जी का 56 भोग द्वारा भव्य श्रृंगार किया गया। शाम 4 बजे भजन संध्या कीर्तन के बाद संध्या आरती की गई। सभी श्रद्धालु संध्या कीर्तन में शामिल होकर पुण्य के भागी बने।
मन्दिर के महंत राम अवतार दास ने बताया की रत्नदक्ष मन्दिर महाभारतकालीन प्राचीन है जो श्रद्धालु धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में तीर्थ यात्रा करने आते है जब तक रत्नदक्ष महाराज के दर्शन ना करे तो यात्रा सफल नही होती।
महंत जी ने बताया की महाभारत युद्ध के साक्षी 48 कोस में 4 यक्ष स्थल बने है जिसमे कुरुक्षेत्र के रत्नदक्ष पिपली में विराजमान है इनके दर्शन और धर्मनगरी की यात्रा पूजा पाठ अनुष्ठान भी तभी सफल होते है जब यहां से आज्ञा ली जाए।
रत्नदक्ष धर्मनगरी के प्रहरी है ऐसी मान्यता है।