जनता को सहुलियत देने के लिए कांग्रेस ने की थी डिजिटलाइजेशन की शुरुआत- हुड्डा
जनता को परेशान करने व अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए पोर्टल्स का इस्तेमाल कर रही है बीजेपी-जेजेपी- हुड्डा
बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने की बजाए उनके साथ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है सरकार- हुड्डा

रोहतक, 27 जुलाईः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा में चल रहे जनविरोधी पोर्टल जनविरोधी बीजेपी-जेजेपी सरकार के साथ ही विदा हो जाएंगे। कांग्रेस सरकार बनने पर परिवार पहचान पत्र, प्रॉपर्टी आईडी और मेरी फसल मेरा ब्यौरा जैसे जनता को परेशान करने के लिए बनाए गए तमाम पोर्टल बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन बुरी चीज़ नहीं है। इसकी शुरुआत कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही हुई थी। सरकारी कामों को ऑनलाइन करने से लेकर पंचायतों को डिजिटल करने की शुरुआत कांग्रेस सरकार ने ही की थी। इसका मकसद जनता को सहूलियत उपलब्ध करवाना और सरकारी कार्यों को आसान बनाना था।

लेकिन मौजूदा सरकार इसे जनता को परेशान करने और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए इस्तेमाल कर रही है। उदाहरण के तौर पर अगर सरकार को फसलों की खरीदना करनी हो तो किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ के जंजाल में फंसा दिया जाता है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रॉपर्टी आईडी’ का जाल बिछाया जाता है। बुजुर्गों की पेंशन, गरीबों का राशन और पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने के लिए ‘परिवार पहचान पत्र’ को हथियार बनाया जाता है। इसी तरह अब बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने की जिम्मेदारी से बचने के लिए ‘क्षतिपूर्ति पोर्टल’ शुरू किया गया है।

हुड्डा ने कहा कि बाढ़ की वजह से पूरे हरियाणा की जनता त्राहि-त्राहि कर रही हैं। किसानों की लाखों एकड़ फसल खराब हो चुकी है, हजारों लोगों के मकान ढह गए हैं या उनमें दरारे आई हैं, दुकानदारों का सामान खराब और कारोबारियों का माल खराब हुआ है। इन तमाम लोगों के नुकसान की भरपाई करना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन मुश्किल के इस वक्त में पीड़ितों को मुआवजा देने की बजाय सरकार उनके साथ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है।

कांग्रेस की मांग है कि सरकार तुरंत प्रभाव से किसानों को ₹40000 प्रति एकड़ मुआवजा दे। साथ ही दुकानों, मकानों व कारोबार को हुए नुकसान की भरपाई करे। मृतकों के परिवारों को ₹20 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि उन्होंने पूरे हरियाणा के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा किया है। बुधवार को भी उन्होंने रोहतक शहर और कई गांव का जायजा लिया। ड्रेन नंबर आठ टूटने की वजह से कई गांव में पानी भर गया है। जनता जलभराव से बुरी तरह परेशान है। सरकार सिर्फ प्रकृति पर दोष डालकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। इस बाढ़ के लिए काफी हद तक सरकार जिम्मेदार है। क्योंकि सरकार ने वक्त रहते ड्रेन्स और नेहरों की सफाई नहीं करवाई। इसकी वजह से पानी का बहाव रुका और तटबंध टूट गए। हर बारिश के मौसम से पहले सरकार को तटबंध मजबूत करने होते हैं। लेकिन पिछले कई साल से सरकार द्वारा यह कार्य नहीं किया गया। अवैध खनन को बढ़ावा देना भी बाढ़ का बड़ा कारण बना है। हर बरसाती मौसम से पहले फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक होती है। लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है। बैठक में लिए गए फैसले जमीन पर लागू नहीं किए गए।

पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे हुड्डा ने फसल बीमा योजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह निजी बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने का जरिया बन गई है। कांग्रेस अधिवेशन में उन्होंने जो मसौदा पेश किया था, उसमें भी इस बात का जिक्र किया गया था। इसलिए कांग्रेस ने फैसला लिया है कि पार्टी की सरकार बनने पर फसल बीमा का का एलआईसी जैसी कंपनियों को दिया जाएगा जो सरकार के अधिकार क्षेत्र में रहते हुए नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर काम करेंगी।

रोहतक के बाढ़ ग्रस्त गांवों के लोगों ने हुड्डा के समक्ष कई मांगें रखी हैं।

  1. धामड़ से मकडौली ड्रेन की सफाई व फुल साइज में खुदाई।
  2. स्टेडियम व लाडोत रोड के खेतो में स्थाई तौर पर पाइप लगाने चाहिए।
  3. हर रास्ते पर ड्रेन पर पुल बनवाए जाएं।
  4. खेतों के पानी का बहाव गांव में ना घुसे ताकि पंपों से पानी को ड्रेन में डाल सकें।
  5. पानी निकालने के लिए कम से कम 10 मोटर दी जाए।
  6. गांवों 24 घण्टे बिजली दी जाए।
  7. फ़सल नुकसान की स्पेशल गिरदावरी कर मुआवजा दिया जाए।

8.जहां बिजली की P.V.C लाइन है, वहां मोटर की जगह 15 HP के बर्में लगाए जाए।

  1. गांव रुड़की के खेल स्टेडियम में पानी भरा है, जिसमें 45 तरह के खेलों की प्रैक्टिस चलती है। उसमें से जल्द से जल्द पानी निकलवाया जाए।
  2. भारी जलभराव के कारण पूरे हरियाणा में आई फ्लू, वायरल, डेंगू आदि कई की तरह की बीमारियां फैल गई है। उनके लिए हर जगह डॉक्टर्स की टीम भेजी जाए।
  3. इसी तरह पशुओं के लिए भी डॉक्टर्स की टीम हर गांव में भेजी जाये।
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