25 जुलाई, हिसार। स्थानीय शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने युवाओं से सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढऩे और देश की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान किया है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय एकता शिविर में बतौर मुख्यातिथि बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश को युवा शक्ति से बहुत अपेक्षाएं हैं इसलिए उन्हे धर्म, जातिवाद, क्षेत्रवाद आदि की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर और एकजुट होकर देश को क्षेष्ठ व आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प के साथ आगे बढऩा होगा।

सात दिवसीय इस राष्ट्रीय एकता शिविर में देश के 17 राज्यों से आए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। मुख्यातिथि ने कहा यह राष्ट्रीय एकता शिविर मिनी भारत की झलक प्रस्तुत करता है। इसमें विभिन्न राज्यों से विद्यार्थी भाग लेकर अनेकता में एकता जोकि भारत देश की पहचान है, को चरितार्थ करते हैं। यह विशेषता विश्व के किसी भी देश में नहीं मिलती।

उन्होंने देश की आजादी से पहले गुलाम देश की भयावह स्थिति का भी जिक्र कर राजा पृथ्वी राज चौहान व छत्रपति शिवाजी की वीरगाथा से सभी को रूबरू करवाया। इसके साथ उन्होंने देश को आजादी मिलने के बाद सबसे बड़ी समस्या मानसिक संकीर्णता से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के क्रांतिकारियों व शहीदों ने अपने प्राण न्यौछावर कर देश को आजादी तो दिलाई लेकिन आज भी हम मानसिक संकीर्णता की गुलामी में बंधे हुए हैं। अगर देश की तरक्की में हमें अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है तो मानसिक संकीर्णता का त्याग करना चाहिए।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, नई दिल्ली से मनोज कुमार व राज्य एनएसएस अधिकारी, हरियाणा डॉ. दिनेश कुमार भी उपस्थित रहे।

कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य समाज और स्वयं में सुधार लाना है। भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश को जानने के लिए व अनेकता में एकता के सूत्र को समझने में राष्ट्रीय एकता शिविर का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि शिविर से विद्यार्थियों में नि:स्वार्थ भाव से सेवा करने, समाज में भाईचारा कायम करने व एक-दूसरे की संस्कृति का सम्मान करने का भाव पैदा होता है। उन्होंने कहा कि  किसी भी काम को करने से पहले क्या-क्या व्यवस्थाएं करनी है या किसी भी समस्या का समाधान कैसे करना है, यह हमें टीम-वर्क से सीखने को मिलता है। इसी का एक प्रारूप एनएसएस शिविर है, जिसमें पहले विद्यार्थियों के चरित्र-विकास पर जोर दिया जाता है और उसके बाद लीडरशिप जैसे गुणों को विकसित कर विद्यार्थियों का सर्वांगिण विकास किया जाता है।

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, नई दिल्ली से आए मनोज कुमार व राज्य एनएसएस अधिकारी, हरियाणा डॉ. दिनेश कुमार ने इस सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर में हकृवि द्वारा किए गए प्रबंधों की सराहना की।

इससे पूर्व छात्र कल्याण निदेशक डॉ. अतुल ढींगड़ा ने सभी का स्वागत किया, जबकि राष्ट्रीय सेवा योजना अवार्डी डॉ. भगत सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। इस अवसर पर डॉ. चंद्रशेखर डागर, देशराज, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण व कर्मचारी मौजूद रहे।

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