विदेशी कंपनियों को पहाड़ मुहैया करा रहे हैं भाजपा समर्थित बिचोलिये : माईकल सैनी (आप)
*प्रकृति से खिलवाड़ कर पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं सीएम खट्टर : माईकल सैनी (आप)
*पर्यावरण एवं वन्य जीवन के लिए घातक सिद्ध होगी जंगल सफारी योजना : माईकल सैनी (आप)

गुरुग्राम 17 जुलाई 2023 दक्षिण हरियाणा सहित पूरे एनसीआर रीजन को ऑक्सीजन (स्वांस) देने वाले फेफड़े कहे जाने वाली अरावली पर्वतमाला जो राजस्थान की रेत को बांधे रख कर हीट वेव्ज के साथ उद्योगिक वायु प्रदूषण से भी बचाए रखने में मददगार है जो प्रकृति के इकोसिस्टम को बनाए रख ग्लोबल वार्मिंग से डैमेज ओजोन परत के लिए क्षतिपूर्ति करती है और पर्यावरण को बनाए रखने के साथ वन्य जीवों का घर भी है , जहां की खनिज संपदा वनस्पति, जड़ी-बूटियां, झील-झरने, नदियाँ दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को आकर्षित करती है जिसका सीधा जुड़ाव दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा राज्यों से है और जो भूगोलिक दृष्टिकोण से भी अतिमहत्वपूर्ण एवं मनमोहक है !

हरियाणा में भाजपा की खट्टर सरकार केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर केवल आय अर्जित करने के मकसद से लायी जाने वाली इस जंगल सफारी योजना से वह अरावली को तबाह और बर्बाद कर देना चाहती है जो किसी भी लिहाज से उचित नहीं ठहराई जा सकती है मगर लगता है कि भाजपा सरकार अपने चंद पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए ही यह अनर्थ करने पर आमादा है अब इसमे इनका कितना निजी हित छिपा है इसका अनुमान पाठकगण लगा सकते हैं ….

तरविंदर सैनी (माईकल) आम आदमी पार्टी जिला मीडिया प्रभारी का कहना है कि अरावली हिल्स को खनन माफियाओं द्वारा पहले ही बहुत क्षति पहुंचाई जा चुकी है मगर अब रईसजादों की ऐशगाह क्षेत्र बनता जा रहा है यहां ऐसे फार्महाउस बहुतायत में बन रहे हैं ऐसा कोई उद्योगपति, ब्यूरोक्रेट्स राजनेता नहीं जिसका यहां फार्महाउस ना हो अधिकांश पूर्व मौजूदा मंत्रियों सांसदों ने पहले ही यहां फार्महाउस रिजॉर्ट बना रखे हैं और इन्हीं की शह पर ही कई बिल्डरों द्वारा रायसीना हिल्स क्षेत्र की पहाड़ियों पर अतिक्रमण कर सैंकड़ों फार्महाउस बनाकर बेच डाले गए हैं और जंगल सफारी योजना के ऐलान उपरांत तो यहां अन्य प्लेयर्स भी सक्रिय हो गए हैं ! खैर…

माईकल सैनी ने बताया कि वनक्षेत्र में अतिक्रमण व प्रदूषण और अधिक मात्रा में फैलेगा चूंकि जंगल सफारी के पर्यटकों को जायका टेस्ट कराने होटल इंडस्ट्री से जुड़े डोमिनोज, पिज़्ज़ाहट मैकडोनाल्ड, केएफसी, सबवे, हल्दीराम जैसी अनेकों कम्पनियों यहां आएंगी , इनके प्रोडक्ट्स को डिलीवर करने जोमैटो, स्विगी भी आएंगे और फिर ट्रांपोर्टेशन में लगी ओला-उबर जैसी टैक्सी मुहैया कराने वाली कंपनियां भी आएंगी !

चर्चाओं में यह भी है कि कुछ कम्पनियों ने तो अपने लिए माकूल जगहों को खरीदना शुरू भी कर दिया है और सुना है कि विदेशी कंपनियों के लिए पहाड़ मुहैया कराने में भाजपा समर्थित बिचोलिये बड़ी शिद्दत से जुटे हैं अर्थात पहाड़ो की खरीद-फरोख्त का कार्य तेजी से चल रहा है ! खैर शिलान्यास कब होगा तय नहीं हुआ है सरकार जाने मगर लोग इतना जरूर जानते हैं कि अरावली की बर्बादी होना तो तय है भले रोजगार के साधन बढ़ते हों !

सैनी कहते हैं कि जंगल सफारी से हजारों करोड़ के वारे न्यारे करना चाहती है खट्टर सरकार परन्तु उसका यही कदम अरावली के लिए तो विनाशकारी सिद्ध होगा ही साथ ही पर्यावरण और जीवजगत(वन्य-प्राणियों) के लिए और भी घातक सिद्ध होगा !
सैनी कहते हैं किसी को तो आगे आना ही था इस विध्वंसक वनविहार योजना के खिलाफ तो कुछ पर्यावरणविदों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अरावली पर्वतमाला,वन्यजीवों और पर्यावरण को बचाने के लिए एक याचिका दायर की है जिसकी सुनवाई 27 जुलाई से शुरू होगी शायद इसपर कोई रोक लग जाए अन्यथा विनाश होना तो निश्चित समझा जा ही सकता है !
सैनी कहते हैं कि मनुष्यों का वन्य प्राणियों के जीवन में इसे सीधा हस्तक्षेप समझा जाएगा इससे न केवल कई सारी प्रजातियों के समाप्त हो जाने का खतरा है बल्कि इंसानों से जानवरों में और जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बहुत अधिक हो जाता है अर्थात कुल मिलाकर अरावली पर्वतमाला के लिए जंगल सफारी योजना विनाशकारी सिद्ध होगी ।

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