हरियाणा सरकार द्वारा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की कनेक्टिविटी और बेहतर की जाएगी

वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम परियोजना से बेरी के आसपास के गांवों की एक हजार एकड़ भूमि कृषि योग्य बनाई गई : संजीव कौशल

चंडीगढ़ ,14 जुलाई-  हरियाणा के मुख्य सचिव श्री  संजीव कौशल ने कहा कि राष्ट्रीय कैंसर संस्थान बाढ़सा विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित संस्थान है और कैंसर के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवा रहा है। एनसीआई बाढ़सा में देश और सार्क देशों के मरीज ईलाज के लिए पहुंच रहे हैं।   

मुख्य सचिव आज झज्जर जिले के एनसीआई सभागार में एम्स व जिला प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।  उन्होंने  कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय कैंसर संस्थान से जुड़े प्रोजेक्ट को तत्परता से पूरा कर रही हैं।  एनसीआई  की दिल्ली से  कनेक्टिविटी और बेहतर करने के प्रयास  निरंतर किए जा रहे हैं। रिहायशी परिसर से मेडिकल परिसर को जोड़ने के लिए उपरगामी पुल का निर्माण कार्य 21 जुलाई से शुरू हो जाएगा।            

 एनसीआई हैड डॉ आलोक ठक्कर ने बैठक में बताया कि 710 बैड के इस विश्वस्तरीय अस्पताल में 42 प्रतिशत हरियाणा के मरीजों का इलाज हो रहा है। इसके  अलावा पूरे देश के साथ साथ सार्क देशों से भी मरीज  यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। एनसीआई -एम्स में 16 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर और आधुनिक रोबोट द्वारा सर्जरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कार्य कर रहा है।

मुख्य सचिव ने बैठक उपरांत एनसीआई में स्थापित की गई एशिया की सबसे बड़ी आटोमेटिड लैब का अवलोकन किया और अन्य सुविधाओं का जायजा लिया।  

इसके अलावा मुख्य सचिव ने आज बेरी बहादुरगढ़ मार्ग पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा स्थापित वर्टिकल ड्रेनेज परियोजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अधिकारियों को केस स्टडी के निर्देश दिए। इस परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन से न केवल सेम की समस्या से किसानों को निजात मिल रही है,साथ ही भूजल स्तर में भी गिरावट दर्ज की गई है।

डीसी झज्जर कैप्टन शक्ति सिंह ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि बेरी क्षेत्र  में स्थापित वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम पर लगभग 5.29 करोड़ रुपये क लागत आई है,जिससे 43 सौर ऊर्जा आधारित ट्यूबवेल के माध्यम से सेम की समस्या को दूर किया जा रहा है। मौके पर किसानों ने मुख्य सचिव को बताया कि भूजल स्तर पहले तीन फुट पर था ,जिसके कारण कोई भी फसल नहीं होती थी। योजना के शुरू होने से भूजल स्तर 12 फुट नीचे चला गया है और अब गेहूं की फसल होने लगी है।  

 मुख्य सचिव ने कहा कि सेमग्रस्त एवं जलभराव की समस्या से किसानों को स्थाई निजात दिलाने के लिए लगाए जा रहे वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम कारगर सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा स्थापित यह परियोजना किसानों के लिए फायदेमंद है जिससे आसपास के गांवों की एक हजार एकड़ भूमि कृषि योग्य बन पाई है। सरकार  द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम प्रभावशाली ढंग से संचालित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं पर किसानों को अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है। जिला के अन्य सेम ग्रस्त क्षेत्रों समस्या से निजात दिलाने के लिए वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।

Previous post

मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) श्री देवेंद्र सिंह की सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं पर प्रतिक्रिया

Next post

दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने बारे निर्देश जारी-संजीव कौशल

You May Have Missed

error: Content is protected !!