चंडीगढ़ 14 जुलाई- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने दिव्यांग व्यक्ति समान अवसर, अधिकारों की सुरक्षा और पूर्ण भागीदारी अधिनियम, 1995 के  तहत दिव्यांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देर्शो का  उद्देश्य मसमूह ए, बी, सी और डी पदों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण और प्रक्रिया मामलों में स्पष्ट प्रावधान करना है।

निर्देशों के अनुसार दिव्यांग व्यक्ति समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी अधिनियम, 1995, 1 जनवरी, 1996 को लागू हुआ। हालांकि, बाद में इसे धारा 102 के तहत दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016 द्वारा निरस्त कर दिया गया और नया अधिनियम 19 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हुआ। इसलिए, जारी किए गए निर्देश 1 जनवरी, 1996 से 18 अप्रैल, 2017 तक की अवधि के लिए पीडब्ल्यूडी अधिनियम, 1995 के तहत आने वाले दिव्यांग कर्मचारियों पर लागू होंगे।

जारी निर्देशों में आरक्षण की मात्रा, आरक्षण से छूट, विकलांग व्यक्तियों के लिए उपयुक्त नौकरियों/पदों की पहचान, एक या दो दिव्यांग श्रेणियों के लिए पहचान किए गए पदों में आरक्षण, अनारक्षित रिक्तियों के खिलाफ नियुक्ति, दिव्यांगता की परिभाषा, आरक्षण की गणना, रोस्टर का रखरखाव, अतिरिक्त पदों का निर्माण, विचार क्षेत्र, पारस्परिक आदान-प्रदान, और पदोन्नति में आरक्षण को आगे बढ़ाना, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की क्षैतिजता, सेवा में दिव्यांगता प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ, कर्मचारियों को वेतन, शिकायत निवारण अधिकारी व सह नोडल अधिकारी की नियुक्ति, पीडब्ल्यूडी के प्रतिनिधित्व पर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना, शिकायतों के रजिस्टर का रखरखाव करना मुख्य रूप से शामिल है।

जारी निर्देश आरक्षण के लिए पात्रता मानदंड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी और प्रत्येक समूह में कुल रिक्तियों के आधार पर आरक्षण की गणना की व्याख्या करेंगे। इसके अतिरिक्त, पात्र दिव्यांग व्यक्तियों को समायोजित करने के लिए अलग आरक्षण रोस्टर बनाए रखने और अतिरिक्त पदों के निर्माण के महत्व का भी प्रावधान करते हैं। जारी दिशा निर्देश अनुपालना सुनिश्चित करने और दिव्यांग व्यक्तियों के प्रतिनिधित्व की निगरानी के लिए वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने में नोडल अधिकारी की भूमिका बारे भी अवगत करवाएगें।

इन निर्देशों अनुसार अंधापन, कम दृष्टि, श्रवण हानि, लोकोमोटर विकलांगता और सेरेब्रल पाल्सी में दिव्यांग व्यक्ति ही शामिल होंगे ।

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