अपनी साख बचाने में जुटे विधायक सुधीर सिंगला!

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज विधायक सुधीर सिंगला की ओर से प्रेस विज्ञप्ति प्राप्त हुई कि उन्होंने 85 लाख रूपए की लागत से बनने वाली सीवर लाइन डालने के कार्य का शुभारंभ किया है। मन में यकायक प्रश्न उठा कि बरसात के मौसम में खुदाई के कार्य निगम के नियमों में निषेध हैं। फिर कैसे आज उन्होंने इस सीवर लाइन का शुभारंभ किया? क्या निगम अधिकारियों ने भी इन्हें नहीं बताया? और फिर यह भी पढ़े-लिखे वकील और विधायक हैं, ऐसी जानकारी तो इन्हें होनी चाहिए।

एक साधारण सोचने की बात है कि बरसात के मौसम में जब सारा शहर पानी भरने से और सीवर लाइन ब्लॉक होने से परेशान है और जगह-जगह सडक़ों पर गड्ढ़े होने और पानी भरा होने से दुपहिया वाहन चोट खा रहे हैं तथा पैदल यात्री भी कई दफा बुरी स्थिति में फंस जाते हैं। ऐसे में सामान्य बुद्धि का व्यक्ति भी यह सोच सकता है कि गड्ढ़े खोदकर लाइन डालना इस समय कितना घातक होगा?

आज ही सैक्टर-4 आरडब्ल्यूए के प्रधान धर्म सागर ने बताया कि पिछली बरसात से पूर्व विधायक जी ने नाले का कार्य शुरू करने का शुभारंभ किया था, वह आज तक पूर्ण नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी कुछ माह पूर्व विधायक जी ने सडक़ निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था, वह सडक़ अभी तक तो बनी नहीं है और जो बनी है, उसकी मोटाई 6 इंच से अधिक दिखाई नहीं देती, जबकि नियमानुार 9 इंच होनी चाहिए। और कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ है लेकिन बनी हुई सडक़ टूटने लगी है।

उनका कहना था कि शायद आरसीसी की सडक़ में सरिया डाला जाता है जो इन्होंने डाला ही नहीं। सैक्टर की जनता असहाय विधायक और निगम अधिकारियों का मुंह देख रही है। स्थिति यहां तक है कि सामुदायिक केंद्र में बहुत मोटे-मोटे चूहे घूम रहे हैं गंदगी और रख-रखाव की कमी के कारण, जिसकी शिकायत भी बारंबार की गई है लेकिन कोई परिणाम निकलता नजर आ नहीं रहा है।

जानकारी प्राप्त हुई है कि सैक्टर-4 और फिरोजगांधी कॉलोनी दोनों क्षेत्रों के एक्सइएन गोपाल कलावत हैं। यह वही गोपाल कलावत हैं, जिन पर अनिल विज जब निकाय मंत्री होते थे तो उन्होंने अपनी जांच में पाया था कि पार्षदों के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में उन एफआइआर दर्ज करने के आदेश हुए थे और एफआइआर दर्ज भी हुई थी।

प्रश्न यह नहीं है कि वह कैसे दोबारा नौकरी पर आ गए? प्रश्न तो यह है कि इतने वरिष्ठ कार्यकारी अभियंता को ही यह ज्ञात नहीं कि बरसात के समय में खुदाई के काम नहीं होते? 

गत रविवार को जब बरसात आई थी तो गुरुग्राम के उपायुक्त स्वयं जलभराव के स्थानों पर जाकर निरीक्षण करके आए थे और उन्होंने उस समय भी अपने संपूर्ण प्रयास किए थे कि पानी की निकासी किसी प्रकार जल्द से जल्द हो और आवागमन सुगम हो लेकिन स्थिति इतनी बिगड़ी थी कि अगले दिन स्कूलों की छुट्टी करनी पड़ी थी और कंपनियों को सलाह दी गई थी कि वह अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम कराएं। यह बताने का तात्पर्य केवल इतना है कि आप समझ सकें कि स्थिति कितनी दूभर हो गई थी गुरुग्राम की।

आम धारणा है कि इसके पीछे कारण निगम और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही रही, जिन्होंने समय रहते सीवर लाइन साफ नहीं कराई। सूत्र तो यह तक बताते हैं कि कुछ सीवर लाइनों के तो सफाई के टेंडर ही नहीं हुए और कुछ के मानसून पूर्व बरसात के समय टेंडर हुए। तो प्रश्न यही उठता है कि उस समय विधायक जी का क्यों नहीं ध्यान गया कि मानसून से पूर्व संपूर्ण गुरुग्राम के सीवरों की सफाई हो जाए?

मुख्यमंत्री की निगाह में विधायक गुरुग्राम के प्रबुद्ध व्यक्ति नहीं?

गत दिनों मुख्यमंत्री जी ने अपने चंडीगढ़ आवास पर गुरुग्राम के हालात जानने के लिए गुरुग्राम के  प्रबुद्ध व्यक्तियों से बात भी की। उन प्रबुद्ध व्यक्तियों में विधायक सुधीर सिंगला को आमंत्रित नहीं किया गया या वह गए नहीं, यह तो वही बता सकते हैं, किंतु वह दर्जनों बार फोन करने पर भी फोन तो उठाते नहीं। प्रबुद्ध व्यक्तियों में गुरुग्राम विधानसभा से भाजपा उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, बादशाहपुर से ओएसडी जवाहर यादव और मनीष यादव, पटौदी से महेश चौहान थे, क्योंकि वहां के विधायक सरकारी भ्रमण पर गए थे और सोहना से संजय सिंह थे। उनसें उन्होंने गुरुग्राम की समस्याओं पर चर्चा की थी।

अब जब मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, उपायुक्त, जीएमडीए और निगम कमिश्नर पीसी मीणा गुरुग्राम की जलनिकासी में लगे हुए हैं तो यह कुछ क्षेत्रों से पानी निकासी का श्रेय लेने में लगे है। इसी से लगता है विधायक सुधीर सिंगला अपनी साख बचाने में जुटे हुए हैं।

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