लिपिकों की हड़ताल होने से सातवें दिन से कार्य ठप, राजस्व का हो रहा नुकसान, रोडवेज यूनियन ने दिया समर्थन

भारत सारथी/कौशिक

नारनौल। जिले के सभी विभागों, बोर्डों, निगमों सहित अन्य संस्थानों के लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। इसकी वजह से छह दिन से सरकारी कार्यालयों में आने वाले लोग परेशान हैं। क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर सभी कर्मचारी लघु सचिवालय नारनौल के सामने हड़ताल पर दोगुने जोश के साथ बैठे हैं। आज बुधवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने यूनियन के पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ लिपिकों के बेसिक वेतनमान 35400 रुपए का समर्थन करने के लिए लघु सचिवालय नारनौल पहुंचकर लिपिकों की हड़ताल का समर्थन किया।

लिपिकीय वर्ग लगातार कार्य समीक्षा के आधार पर वेतनमान 35400 रुपये निर्धारित करने की मांग कर रहा है। हड़ताल में जिले भर से लगभग 800 कर्मचारियों ने भाग लिया। क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी हरियाणा की सिर्फ एक ही मांग लिपिकों के कार्य समीक्षा के आधार पर न्यूनतम वेतन 19900 से बढ़ाकर 35400 रुपये किया जाए। सभी लिपिक वर्ग पांच जुलाई से हड़ताल चल रहें हैं। मंगलवार को मंच का संचालन सुरेश राजपूत ने किया। राज्य के महामंत्री अमित कुमार ने बताया कि सन 1957 लिपिक का वेतनमान 60-175 रुपये होता था। उस समय एमपीएचडब्ल्यू व जेबीटी का वेतनमान 60 से 120 रुपये था। जूनियर इंजीनियर को 60 से 170 तथा डिप्टी रेंजर को 60 से 175 रुपये वेतनमान निर्धारित था। 2016 के वेतन आयोग में लिपिक का वेतनमान 19900 निर्धारित किया गया तथा एमपीएचडब्ल्यू, जेबीटी, जूनियर इंजीनियर व डिप्टी रेंजर का वेतनमान 35400 रुपये निर्धारित किया गया।

रोडवेज यूनियन के प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने बताया कि लिपिक वर्ग इस मांग को लेकर काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं परंतु सरकार उनकी मांग को दरकिनार कर रही है । जो कि गलत है पे ग्रेड के लिए 23 जून को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के साथ परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें परिवहन मंत्री ने क्लर्को, परिचालकों , का वेतनमान बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजने का मोर्चा को आश्वासन दिया था। जिसके कारण 26 जून को होने वाली हड़ताल 1 महीने के लिए स्थगित कर दी गई थी। अगर समय रहते सरकार जल्द से जल्द क्लर्को व रोडवेज के परिचालको का बेसिक वेतनमान 35400 नहीं करती है तो रोडवेज के परिचालक भी आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। धरने में समर्थन के लिए महासंघ से उप प्रधान देवव्रत, कार्यालय सचिव दयानंद ,संगठन सचिव रतिराम, ऑडिटर श्री भगवान ,कोषाध्यक्ष राज सिंह , मुकेश ,सुंदर बेवल, प्रीतम बागड़ी, राकेश, सुरेंद्र वकील, अनूप, मंगल , वीरेंद्र, भीम, कुलदीप मास्टर, दलजीत, नवीन , महिंद्र पंकज आदि ने समर्थन किया

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