भरतेश गोयल रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में सियासी पारा गर्मा चुका है, विभिन्न दलों के नेता येन केन प्रकारेन अपनी टिकट पक्का करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं l कुछ दिनों पहले तक कांग्रेस टिकट के लिए चिरंजीव राव का दावा सबसे प्रबल था लेकिन भूपेंद्र हुड्डा की सतीश प्रधान से हुई मुलाक़ात के बाद तमाम अटकलों व अफवाहों का बाजार गर्म है l जैसा कि चर्चा है कि राव इंद्रजीत की कांग्रेस में घर वापसी हो सकती है, कल ही ई डी डायरेक्टर के खिलाफ आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी तमाम नेता अपनी रणनीति में बदलाव कर वक्त का मिजाज भापनें की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में यदि इंद्रजीत कांग्रेस में वापिस आते हैं तो न केवल रेवाड़ी बल्कि पूरे दक्षिणी हरियाणा के समीकरण बदलते नजर आएंगे l कप्तान अजय का सुरजेवाला, कुमारी शैलजा व किरण चौधरी की तिकड़ी से दूरी बनाकर अपने आप को तटष्ठ रखना बहुत कुछ संकेत देता है l अब बात करें भाजपा की तो 2019 के प्रत्याशी सुनील मूसेपुर की तो उनका टिकट कटना लगभग तय है, चाहे कितनी भी आरती यात्रा निकाल कर राजदरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा लें, लेकिन राव साहब किसी भी सूरत में अपने चहेते को टिकट दिलवाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे l भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े रणधीर कापड़ीवास की राजनीति अंतिम पड़ाव पर है, उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत व संघर्ष करना पड़ेगा, फिलहाल उनकी दावेदारी को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा l कुल मिलाकर भाजपा की टिकट के लिए दो ही सशक्त उम्मीदवार नजर आते हैं – सतीश खोला व डॉ अरविन्द यादव! दोनों की ही भाजपा नेतृत्व से काफ़ी नजदीकियां स्पष्ट दिखाई देती हैं लेकिन जमीनी स्तर पर सतीश खोला का पलड़ा भारी दिखाई देता है l वैसे भी अरविन्द यादव गुडगाँव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके हैं l देखना दिलचस्प होगा कि अंत में मोहर किसके नाम पर लगती है l इनेलो, जजपा व आप तीनों ही पार्टिओं का क्षेत्र में जनाधार अत्यंत सीमित है, उनके प्रत्याशी केवल वोट काटने का कार्य कर सकते हैं l लेकिन तेजी से उभर रहे युवा लोकप्रिय नेता प्रशांत यादव उर्फ़ सन्नी के मैदान में उतरने से भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टिओं का गणित गड़बड़ा सकता है क्योंकि 2019 में सन्नी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 14% से भी ज्यादा वोट लेकर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवायी थी l Post navigation भ्रष्टाचार के कारण रेवाडी, नारनौल, गुरूग्राम जैसे शहरों का नरक में बदलने पर मुख्यमंत्री के पास क्या जवाब है? विद्रोही शिक्षण संस्थानों में पीपीपी की अनिवार्यता कांग्रेस-यूपीए सरकार में पारित शिक्षा के अधिकार के विरूद्ध : विद्रोही