राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2023 के अवसर पर केंद्रीय मत्स्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की अध्यक्षता में तमिलनाडु में आयोजित कार्यक्रम में जेपी दलाल ने की शिरकत

जेपी दलाल ने मत्स्य पालकों के हित में कंद्रीय मंत्री के समक्ष रखी मांग, खारे पाने में झींगा यूनिट स्थापित करने के लिए तय प्रोजेक्ट क़ीमत को पूर्व की भाँति 25 लाख रुपये किया जाए

दिल्ली से लगते हरियाणा के क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित फिश मंडी बनाई जाने की भी की अपील

चंडीगढ़, 11 जुलाई – राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2023 के अवसर पर भारत सरकार द्वारा केंद्रीय मत्स्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला की अध्यक्षता में महाबलीपुरम, तमिलनाडू में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण व मत्स्य पालन मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्री दलाल ने हरियाणा में मत्स्य पालन गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए मत्स्य पालन के क्षेत्र में आ रही दिक्कतों के निवारण के लिए केंद्रीय मंत्री से सहयोग करने का आग्रह किया।

श्री जे पी दलाल ने कहा कि हरियाणा में 16 हजार मत्स्य पालक किसान हैं और 45 हजार एकड़ में मछली पालन किया जाता है। परिणामस्वरूप 2.12 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन होता है। 5681 मीट्रिक टन झींगा उत्पादन होता है। रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) के 112 प्रोजेक्ट लगाए हैं। इसके अलावा, बायोफ्लोक के 257 प्रोजेक्ट लगाने के साथ-साथ 4 कोल्ड स्टोरेज और 16 फीड मिल प्लांट भी  स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम हरियाणा में नई किस्मों का उत्पादन करना चाहते हैं, इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष सहायता मुहैया करवाई जाए।

खारे पाने में झींगा यूनिट स्थापित करने के लिए तय प्रोजेक्ट क़ीमत को पूर्व की भाँति 25 लाख रुपये किया जाए

कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री संपदा योजना की तारीफ़ करते हुए कहा कि यह योजना मत्स्य किसानों विशेषकर झींगा पालकों के लिए एक वरदान है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि मत्स्य किसानों को खारे पाने में झींगा यूनिट स्थापित करने के लिए तय प्रोजेक्ट क़ीमत को पूर्व की भाँति 25 लाख किया जाए। उन्होंने कहा कि इस स्कीम को तटीय क्षेत्र में झींगा यूनिट स्थापित करने की तर्ज़ पर संपूर्ण भारत में विशेषकर हरियाणा प्रदेश में लागू किया गया, जबकि तटीय क्षेत्रों की अपेक्षा प्रदेश में यूनिट स्थापित करने पर अधिक खर्च आता है। इसलिए मत्स्य पालकों को राहत देने हेतु प्रोजेक्ट की कीमत को बढ़ाया जाना चाहिए।

इसके अलावा, राज्य के झींगा पालकों के लिए सोलर सिस्टम को प्रधानमंत्री संपदा योजना में शामिल कर उपलब्ध करवाने की बात भी कही ताकि मत्स्य पालकों का बिजली खर्च का बोझ कम हो सके और ऊर्जा के नए विकल्प मुहैया हो सकें। उन्होंने कहा कि इस कदम से निश्चित रूप से मत्स्य पालकों की लागत में कमी आएगी व उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।

दिल्ली से लगते हरियाणा के क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित फिश मंडी बनाई जाए

श्री जे पी दलाल ने केंद्रीय मत्स्य मंत्री को दिल्ली से लगते हरियाणा के क्षेत्र में अति आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित फिश मंडी बनाने की अपील करते हुए कहा कि इस मंडी से हरियाणा ही नहीं अपितु पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत के मत्स्य किसानों का फायदा होगा। इस मंडी के निर्माण से जहां एक और मत्स्य किसान अपनी उपज (झींगा/मछली) को उचित दर पर बेच पाएँगे, वहीं दूसरी ओर मत्स्य किसान किसी आपदा के समय अपनी उपज को स्टोर कर पाएँगे। इस तरह मत्स्य किसानों को मार्केट के उतार चढ़ाव के चलते अपनी उपज को कम दरों पर बेचने की नौबत नहीं आएगी।