तेज बारिश में बिगड़ते हालातों, बहती सड़कों, महाजाम, शिविर ओवरफ्लो और घरों में घुसे पानी जैसी समस्याओं पर जवाबदेही किसकी?

गुरुग्राम/ पटौदी, 11/7/2023 :- ‘प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं सरकार और प्रशासन की नाकामी के कारण आज लोग बरसात में मुश्किल हालातों का सामना कर रहे हैं, हालात भयावह होते जा रहे हैं। सरकार को शर्म आनी चाहिए की वो हालात बेकाबू होने के बाद ही चेतती है, समय रहते भ्रष्टाचार को पोषित करने के लिए सिर्फ खानापूर्ति करती है।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि भारी बारिश से किसानों का बहुत नुकसान हुआ है, उनकी फसल खराब हो गई है और कई इलाकों में तो जान माल का भी नुकसान हुआ है सरकार को इसकी भरपाई जल्द से जल्द करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तेज बारिश ने गुरुग्राम की बदहाल हालात की पोल खोल दी है, समय रहते सिवाय खानापूर्ति के कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई। नालों, शिविरों की सफाई के टेंडर छोड़ते समय जमकर भ्रष्टाचार किया गया तभी तो उनकी सफाई नही की गई, ठेकेदार भगवान भरोसे रहे की पानी का तेज बहाव खुद ब खुद सफाई कर देगा। किंतु इस सोच ने शहर की सड़कों को गंदगी से भर दिया, क्योंकि पानी का तेज बहार पूरी गंदगी को शहर की सड़कों पर ले आया।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा की पूरे प्रदेश में भाजपा-जजपा सरकार का विकास सड़कों पर तैर रहा है। सरकार के तमाम दावों की पोल मानसून ने खोल कर रख दी है। यदि सरकार ने समय रहते हुए इंतजाम किए होते तो आज प्रदेश में हालात नहीं बिगड़ते। सरकार को बारिश से बिगड़े हालातों पर श्वेत पत्र जारी करके अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां स्थानीय प्रशासन के पास या तो स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं या फिर उन्होंने सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया है या फिर ये भयावह स्थिति भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस भारी बारिश में केवल सड़कें ही नही बही बल्कि फ्लड कंट्रोल के नाम पर खट्टर सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए 1100 करोड़ के 528 प्रोजेक्ट भी भ्रष्टाचार की गंगा में बह गए, जिसमें से 312 करोड़ रुपए ड्रेनेज, पानी निकासी और री-यूज के लिए थे तथा 788 करोड़ जल संरक्षण, भू जल, ड्रेनेज निर्माण तथा पानी के पुनः उपयोग पर खर्च होने थे, लेकिन ये सब गोलमाल हो गया क्योंकि इन करोड़ों रुपयों की व्यवस्था प्रदेश में कहीं दिखाई नहीं दी।

वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से सवाल किया की क्या वो बता सकते हैं की भारी जलभराव, रुके पड़े शिवरेज सिस्टम और महाजाम से निपटने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर कितना खर्चा हुआ, खर्च कहां किया गया और इस खर्च से कितना काम हुआ? क्या सरकार बताएगी की वो इन हालातों से परिचित होते हुए भी ये बदहाल स्थिति क्यों उत्पन्न हुई? सफाई करने का ठेका लेने वाली कंपनी ईको ग्रीन द्वारा अब काम छोड़ने के बाद सरकार ने सफाई कराने की क्या व्यवस्था की, अगर नही तो क्यों..शहर में गंदगी का अंबार क्यों? क्या सरकार जनता को इन सवालों का जवाब देगी।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि बारिश से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के लिए सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेदार है, सरकार की अकर्मण्यता की वजह से ही धारूहेड़ा आज गंदगी में डूबा हुआ है, वहां के लोगों का जीवन नारकीय बना हुआ है। इसी तरह मानेसर निगम में भी फैले भ्रष्टाचार की वजह से यहां का सिवरेज सिस्टम खट्टर सरकार का खराब विकास बनकर गलियों में गंदगी के रूप में जमा है।

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