हनुमान चालीसा पाठ में मन को निर्मल और जीवन को सफल करने की शक्ति : बोधराज सीकरी
समाज सेवी श्री बोध राज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम का प्रयास दिन-प्रतिदिन नई ऊँचाईयों को छू रहा है।

गुरुग्राम। लगभग साढ़े चार महीने में 35 स्थानों पर 2 लाख 22 हजार से अधिक पाठ पिछले सप्ताह तक हो चुके हैं। कल मंगलवार 04/07/2023 सायं 7 बजे सी-5/6, DLF-I, गुरुग्राम में पहली बार किसी के निवास स्थान पर ये आध्यात्मिक आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 130 लोगों ने 21-21 बार श्री गजेन्द्र गोसाईं की गायकी के साथ कुल 2730 पाठ हुए, इसके अतिरिक्त कल ही प्रात: फ्लायर पार्क, सुशांत लोक में 12 महिलाओं ने सैर के उपरांत 5-5 बार पाठ किया, जिसकी कुल संख्या 60 हुई। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर, ईस्ट ऑफ़ कैलाश, जिसके प्रधान श्री बोध राज सीकरी स्वयं है, के निरंतर प्रयास से हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। कल प्रथम बार 100 लोगों की संख्या पार हुई जिन्होंने सामूहिक रूप से 5-5 बार पाठ किया, इस प्रकार कल कुल तीन स्थानों पर पाठ की संख्या 3290 हुई और पिछली संख्या को जोड़ा जाये तो 2, 28, 815 तक पाठ हुए हैं।

कल के कार्यक्रम के आयोजक श्री अभिषेक खनेजा, श्री नरेश चावला, श्री गुरजीत सिंह थे। भारी वर्षा के बावजूद भी किसी निवास पर इतने साधकों की संख्या का पहुंचना ये प्रदर्शित करता है कि श्री बोध राज सीकरी की आध्यात्म के प्रति मुहिम और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का प्रयास सफलता की ओर जा रहा है।

लगभग सवा घंटा गायकी के माध्यम से श्री गजेन्द्र गोसाईं द्वारा किये गये पाठ के उपरांत बड़े विलक्षण ढ़ंग से श्री बोध राज सीकरी ने हनुमान चालीसा के पहले दो शब्द “श्री गुरु” की विवेचना इतने अद्भुत ढ़ंग से की कि वास्तव में जो रहस्य गुरुतत्व के बारे में आम आदमी को मालूम नहीं होते, उन्हें उजागर किया |

तुलसीकृत रामायण की चौपाईयों का सहारा लेते हुए जहाँ एक ओर गुरुतत्व की महिमा बताई वहाँ दूसरी ओर कैसे संत तुलसीदास को हनुमान जी के राम कथा में दर्शन हुए और कैसे हनुमान जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से संत तुलसीदास को चित्रकूट में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के दर्शन हुए, आदि नए-नए रहस्य प्रस्तुत कर साधकों को अचंभित कर दिया।
इस कार्यक्रम में श्री बोध राज सीकरी ने सुमति और कुमति का भी व्याख्यान किया :

सुमति कुमति सब कें उर रहहीं। नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥
जहाँ सुमति तहँ संपति नाना। जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥

बोधराज सीकरी के वक्तव्य के उपरांत भण्डारे की सुन्दर व्यवस्था थी। इस कार्यक्रम के जजमान श्री अभिषेक खनेजा, श्री नरेश चावला एवं गुरजीत सिंह के अतिरिक्त जाने-माने बिल्डर श्री दिनेश नागपाल, ओम स्वीट्स के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश कथूरिया, समाजसेवी श्री गजेन्द्र गोसाईं, श्री केन्द्रीय सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र खुल्लर, डेरावाल बिरादरी के प्रधान श्री रमेश चुटानी, पंजाबी बिरादरी महासंगठन के महामंत्री श्री राम लाल ग्रोवर, उप-प्रधान श्री धर्मेंद्र बजाज, श्री रमेश कामरा, श्री ओम प्रकाश गाबा, श्री ओ. पी. कालरा, श्री अनिल कुमार, श्री सुभाष गाँधी, श्री सुभाष नागपाल, श्री रवि मनोचा, श्री रमेश मुंजाल, श्री हेमन्त मोंगिया, श्री किशोरी डुडेजा, श्री द्वारका नाथ मक्कड़, श्री रूपक चौधरी उपस्थित रहे।

कैनवीन फाउंडेशन के संस्थापक श्री डी.पी. गोयल ने अपनी हाजरी भरी। सिद्धपीठ माँ वैष्णों दरबार गढ़ी हरसरू की संस्थापक पूनम माता जी की सुपुत्री जानी-मानी ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुकार डॉ. अलका शर्मा भी पूरे कार्यक्रम में उपस्थित रही। भाजपा की नेता सविता चौधरी ने भी सत्संग का आनंद उठाया।

पंजाबी बिरादरी महासंगठन की महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमति ज्योत्सना बजाज, ज्योति वर्मा, रचना बजाज, निशी मोंगिया ने भी सत्संग का लाभ उठाया।

न्यू गुरुग्राम से भारत विकास परिषद्, लाल बहादुर शास्त्री शाखा के अध्यक्ष श्री राजीव छाबड़ा, श्री सतीश चावला, श्री नरेश नरूला, श्री अजय अग्रवाल, श्री अजय भार्गव और श्रीमति सुरेश सीकरी, मीनू छाबड़ा उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त श्री पी.एन. सिंह पर्यावरणविद, श्री सलिल मिश्रा, डॉ. अशोक रामपाल, जगदीश डुडेजा भी उपस्थित रहे।

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