जयराम विद्यापीठ में गुरुकुल परम्परा के अनुसार 108 विद्यार्थियों का होगा उपनयन संस्कार

उपनयन संस्कार के साथ होगा विद्यार्थियों के जीवन में दूसरा जन्म।
जयराम विद्यापीठ में होगा ब्रह्मचारियों का जनेऊ एवं उपनयन संस्कार।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 2 जुलाई : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित जयराम विद्यापीठ के संस्कृत महाविद्यालय के 108 ब्रह्मचारियों एवं विद्यार्थियों का 3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जनेऊ संस्कार एवं उपनयन संस्कार विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न करवाया जायेगा।

इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कारों की शिक्षा ग्रहण करने आए विद्यार्थी तथा ब्रह्मचारी शामिल होंगे। जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के मार्ग दर्शन में जयराम संस्थाएं पुरे देश के विभिन्न राज्यों में संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार की मुहिम चलाये हुए हैं। जयराम संस्थाओं के प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में विद्यार्थी तथा ब्रह्मचारी संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर पुरे देश में बांटते हैं। आचार्य प. राजेश लेखवार शास्त्री ने जनेऊ संस्कार एवं उपनयन संस्कार के महत्व के बारे में बताया कि पहले तो जीव अपनी मां से पहला जन्म लेता है और उसके उपरांत जनेऊ संस्कार एवं उपनयन संस्कार के रूप में विद्यार्थी जीवन में प्रवेश करते हुए उसका दूसरा जन्म होता है। उन्होंने बताया कि नए सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों तथा ब्रह्मचारियों का जनेऊ संस्कार एवं उपनयन संस्कार वैदिक विधि से मंत्रोच्चारण के साथ गुरु पूर्णिमा के अवसर पर होगा। इस अवसर विद्यार्थियों के अभिभावकों के अलावा कई गणमान्य हस्तियां भी पहुंचेंगी

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