अभी 13 तारीख को हुई 3 महिलाओं की दर्दनाक मौत ग्रामीण भुला भी नहीं पाए  
अब संडे को जराऊ सुंदरपुर में मिट्टी में दबने से दो की हुई दर्दनाक मौत 
 गहरे खड्डे में मिट्टी गिरने के बाद दोनों मजदूरों को बचाने की जी तोड़ कोशिश  

फतह सिंह उजाला                                       

पटौदी । पटौदी देहात में खेत की मिट्टी को क्या मानसून की नजर लग गई है या फिर खेत की मिट्टी मजदूरों का बोझ नहीं झेल पा रही है ? 15  दिन के दौरान पटौदी क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में खेत में काम करते हुए हादसो को देखा जाए , तो ऐसा महसूस होता है कि देहात में खेत की मिट्टी मजदूरों की जान की दुश्मन बनती जा रही है । संडे को क्षेत्र के गांव जराऊ सुंदरपुर में दो व्यक्ति खुदाई की मजदूरी कर रहे थे । गहरा लंबा चौड़ा खड्डे की खुदाई करते हुए दोनों मजदूर नीचे गहराई में मिट्टी निकाल रहे थे । इसी दौरान अचानक खेत के फरमे निकालते हुए अचानक बराबर की मिट्टी का तोदा टूटकर तेजी से से खडे ने गिर  गया ।    

मिट्टी के नीचे दोनों काम कर रहे मजदूर दब गए । इस संदर्भ में मंगल पुत्र राजेंद्र गांव सिवाङी थाना फरुखनगर के द्वारा पुलिस को शिकायत देकर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करने से इनकार किया है । पुलिस ने उपलब्ध शिकायत के मुताबिक सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए। मृतकों की पहचान राजेंद्र पुत्र रामपत गांव सिवाङी और मनोज पुत्र नरेश गांव मिरदोल जिला अहरिया के रूप में की गई है । यह दोनों मजदूरी करने के लिए मुकेश पुत्र ओमप्रकाश गांव जराऊ सुंदरपुर के खेत पर खेत के फर्मे निकाल रहे थे ।

जैसे ही मिट्टी ढहने और वहां मजदूरों के मिट्टी में दबने की खबर आस पास काम कर रहे ग्रामीणों तथा गांव में पहुंची तो बिना देर किए पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस को इस हादसे के बारे में सूचना दी गई । लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी , दोनों मजदूरों को डॉ के द्वारा मृत घोषित किया गया । इससे पहले भी पटौदी क्षेत्र के ही गांव दरापुर में खेत में मिट्टी ढहने से आधा दर्जन से अधिक महिलाएं दब गई थी । जिनमें से 3 महिलाओं की दर्दनाक मौत होना सामने आया । जानकारों के मुताबिक दोनों हादसो पर ध्यान दिया जाए तो यह बात कहने में कोई हिचक नहीं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम मौके पर नहीं किए गए ।

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