गठबंधन में रहते हुए आखिर कैसे जेजेपी 10 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, क्या बोले डिप्टी सीएम चौटाला
लोकसभा, विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कसी कमर, बनेगी रणनीति
लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर पूरा फोकस

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. भाजपा, कांग्रेस, जजपा तथा आप प्रदेश में तेजी से अपनी तैयारियां कर रही है. जहां रैलियों के जरिए सांसदों-विधायकों की अग्नि परीक्षा ली जा रही है. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो 30 जून तक प्रदेश में की जा रही रैलियों के आधार पर नेताओं का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा. 

सांसद ने रैली को लेकर अपने जिले में किस तरह की तैयारी कीं, और वर्तमान में कितनी विधानसभा सीटों पर सांसद का प्रभाव है, इस रिपोर्ट कार्ड से ही तय होगा कि लोकसभा चुनाव में उस सासंद को फिर से टिकट मिलेगी या नहीं.

हाईकमान को भेजी जाएगी रिपोर्ट

हरियाणा बीजेपी की तरफ से सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर पार्टी हाईकमान को भेजा जाएगा. ताकि अगले लोकसभा चुनावों से पहले सांसदों की जमीनी हकीकत का पता चल सके. सांसदों ही नहीं बल्कि विधायकों की भी कुंडली तैयार की जा रही है. इस रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि किस नेता का कितना वजूद है. पिछले दिनों गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लब देव, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धड़खड़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सांसदों को लोकसभा स्तर की रैलियों में पूरी ताकत झोंकने के लिए कहा गया था. उन्हें कहा गया था कि इन रैलियों के जरिए उनके पास पूरी ताकत दिखाने का मौका है. 

विधानसभा और लोकसभा सीटों पर सर्वे

बीजेपी के द्वारा सभी 90 विधानसभा और 10 लोकसभा सीटों पर सर्वे करवाया जा रहा है. इस सर्वे के आधार पर देखा जा रहा है कि विकास कार्य हुए है या नहीं और किस तरह के सुधार की जरूरत है. उनके क्षेत्र में किस नेता का कितना जनाधार है ये सब देखा जा रहा है. यह भी देखा जा रहा है कि वर्तमान विधायक या सांसद को अगर टिकट दी जाएगी तो नतीजा क्या रहने वाला है. यह भी देखा जा रहा है कि वर्तमान विधायक या सांसद की जगह अगर दूसरे नेता को टिकट दी जाती है तो उसका क्या नतीजा रहेगा. कुल मिलाकर बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर पूरा फोकस लगा दिया है. 

 क्या बोले डिप्टी सीएम चौटाला

हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी के नेताओं की तरफ से एक ओर तो गठबंधन के आगे भी चलते रहने के दावे किए जा रहे हैं. दूसरी तरफ दोनों ही पार्टियों लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है और दसों लोकसभा सीटों पर अपने चुनाव लड़ने का दावा कर रही है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी एक बार फिर दसों लोकसभा सीटों पर जीत का दावा किया है. यहीं नहीं, भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा सीट से उन्होंने अपने पिता अजय चौटाला को प्रत्याशी भी बताया है.

बीजेपी-जेजेपी के गठबंधन को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गठबंधन को लेकर कोई संशय नहीं है. गठबंधन मजबूती से चल रहा है, और आगे भी चलता रहेगा. वहीं सिरसा रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीजेपी की दसों सीटों पर दावे को लेकर कहा कि जेजेपी कौन सा 2-4 सीटों पर जीत का दावा कर रही है. वो भी हरियाणा की 10 की 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और जीतेगी भी. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनके पिता अजय चौटाला को कोर्ट से राहत मिल जाती है तो वो भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे.

चौटाला ने कहा, ”न तो भाजपा हमें रोक सकती है और न ही हम उन्हें रोक सकते हैं.” उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल अपना आधार बढ़ाने की दिशा में काम करता है और उसे ऐसा करने का पूरा अधिकार है.

सभी पार्टी को अपना जनाधिकार बढ़ाने का अधिकार: चौटाला

चौटाला ने बताया, ”जेजेपी हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और हमें अपनी ताकत मजबूत करने का पूरा अधिकार है.” यह पूछे जाने पर कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सभी दस सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का सुझाव दिया है, चौटाला ने कहा, “हर पार्टी को ऐसा करने का अधिकार है, हमें भी है. 

राजस्थान में भी चुनाव लड़ेगी चौटाला की पार्टी

उन्होंने कहा कि जेजेपी राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों में 25 उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है. चौटाला ने कहा, “राजस्थान में गठबंधन पर फैसला दोनों पार्टियों का नेतृत्व करेगा। हमने 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य रखा है, भले ही हम कोई गठबंधन बनाने में सक्षम न हों.” हरियाणा में गठबंधन पर उन्होंने कहा, “गठबंधन दृढ़ और स्थिर है और मुझे उम्मीद है कि यह अपना कार्यकाल बरकरार रखेगा.”

जेजेपी का बढ़ा वोट बैंक

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दावा किया है कि जब से जेजेपी बनी है उसका वोट बैंक बढ़ा है. इस बढ़े हुए वोट बैंक के साथ वो इस बार हरियाणा में 40 प्रतिशत वोट पाने का लक्ष्य रख रही है. उन्होंने कहा कि जेजेपी ने बीजेपी के साथ मिलकर धरातल पर कार्य किए है. जिसकी वजह से उसने अपने लिए एक मजबूत स्थिति बनाई है. चौटाला ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने की दिशा में पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की हल्कों में ड्यूटी लगाई गई है. डिप्टी सीएम ने कहा कि बढ़ती गर्मी के साथ राजनीतिक पारे में भी उछाल आएगा और चुनावी समीकरण और दिलचस्प होते जाएंगे. 

चुनाव को लेकर तैयार हो रही कांग्रेस

कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया प्रदेश नेताओं व कार्यकर्ताओं की लगातार दो दिन चंडीगढ़ में ‘क्लास’ लेंगे. बाबरिया की पाठशाला में दिग्गज नेताओं के साथ पूर्व में पदाधिकारी रहे नेताओं को भी आमंत्रित किया है. शनिवार और रविवार को चंडीगढ़ प्रवास के दौरान वे जहां आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाएंगे वहीं प्रदेश कांग्रेस के संगठन गठन और गुटबाजी दूर करने सहित कई मुद्दों पर नेताओं से मंत्रणा करेंगे.

हरियाणा मामलों के प्रभारी बनने के बाद उनकी यह पहली बैठक होगी। बैठक से पहले अधिकांश वरिष्ठ नेता उनसे नई दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं. शिकायतों का दौर भी शुरू हो चुका है. इस बीच, बृहस्पतिवार की रात राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा पूर्व मंत्री व तोशाम विधायक किरण चौधरी ने बाबरिया से मुलाकात की. बताते हैं कि किरण ने इस बात पर नाराज़गी जताई है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से उन्हें इस बैठक के लिए सूचना ही नहीं भेजी गई.

बैठक में पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, चारों कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, जितेंद्र कुमार भारद्वाज, रामकिशन गुर्जर, श्रुति चौधरी व सुरेश गुप्ता के अलावा सभी विधायकों, पूर्व मंत्रियों, सांसदों व विधायकों, 2019 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों, अग्रणी संगठनों, महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस सहित उन नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो पूर्व में जिलाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रह चुके हैं.

बैठक में कांग्रेस की तिकड़ी

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला व किरण चौधरी पर नज़र रहेगी. माना जा रहा है कि ये तीनों ही नेता इस बैठक में शामिल हो सकते हैं. बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों व डेलीगेट्स को भी आमंत्रित किया है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में दो दिन चलने वाली इस बैठक की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बाबरिया पहले सामूहिक बैठक लेंगे.

शनिवार को सभी नेताओं के साथ संयुक्त संवाद के बाद वे सभी नेताओं के साथ एक-एक करके मुलाकात करेंगे. मुलाकात का यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहेगा. बाबरिया संगठन गठन को लेकर नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे. साथ ही, आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति तय की जाएगी। उनके सामने संगठन गठन तो बड़ी चुनौती है ही, साथ ही कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी दूर करना भी उनके सामने बड़ा चैलेंज है. गुटबाजी को दूर करके सभी नेताओं को एक मंच पर लाना होगा.

पार्टी छोड़ चुके नेताओं को संदेश

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे नेताओं को भी प्रभारी की बैठक में बुलाया है. इसी तरह से संगठनात्मक चुनावों में विभिन्न राज्यों में पीआरओ और एपीआरओ की भूमिका निभा चुके नेताओं को भी बुलाया है. रोचक बात यह है कि कुछ नेता ऐसे हैं, जो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तो रहे, लेकिन अब सक्रिय नहीं हैं. इनमें से कुछ कांग्रेस ही छोड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें भी बैठक का संदेशा भेजा गया है.

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