भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। मानेसर नगर निगम पर 10 नवंबर 2022 को सीएम फ्लाइंग और विजिलेंस की टीम ने रेड की थी और वह रेड लगभग 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक चली थी, जिसमें टीम ने निगम की अनेक चीजें जांच के लिए जब्त की थीं और अब लगभग 8 माह पश्चात भी जनता को यह नहीं पता चला कि उस जांच में क्या मिला।

जब निगम पर सीएम फ्लाइंग और विजिलेंस की रेड पड़ी तब मैंने विधायक सत्यप्रकाश जरावता से इस बारे में पूछा था तो उनका उत्तर था कि यह रेड मेरे कहने से ही पड़ी है, क्योंकि निगम में सफाई का कार्य भली प्रकार से नहीं हो रहा था।

अब लगभग एक माह से मैं विधायक सत्यप्रकाश जरावता से संपर्क करने का प्रयास कर रहा था लेकिन संभव नहीं हो पा रहा था। समझ में नहीं आता कि एक ओर तो यह जनसंपर्क अभियान चलाते हैं और दूसरी ओर पत्रकारों से भी बात करने का इन्हें समय उपलब्ध नहीं होता। आज लगातार 5-6 फोन मैंने किए, तो संपर्क हो पाया। जब उनसे इस बारे में पूछा था तो उनका कहना था कि वह रेड तो इसलिए लगी थी कि कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं आते थे और दूसरी प्रॉपर्टी आइडी के कार्यों में भी ढीलापन कर रहे थे। अब उसके पश्चात सबकुछ ठीक हो गया है। कर्मचारी समय पर आने लगे हैं और प्रॉपर्टी आइडी का कार्य भी एक सप्ताह में हो जाता है। अत: जिस काम के लिए रेड पड़ी थी वह पूरा हो गया।

इस पर मैंने पूछा कि आपके कहने से रेड पड़ी तो आपने शिकायत की थी। आपकी बात नहीं मानते थे? तो उत्तर मिला कि शिकायत करने का काम आपका भी है और प्रत्येक नागरिक का भी है। हमें कहीं भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

इसके पश्चात मैंने निकाय मंत्री कमल गुप्ता से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उसमें भी सफलता प्राप्त नहीं हुई। मैं उनसे जानना चाहता था कि क्या सीएम फ्लाइंग और विजिलेंस के छापे के पश्चात उसमें क्या मिला, वह रिपोर्ट सावर्जनिक नहीं करनी चाहिए? लेकिन पूछ नहीं पाया।

सीएम फ्लाइंग का एक पोर्टल भी है और उस पोर्टल पर वह अपनी जांच रिपोर्ट पब्लिश कर देते हैं लेकिन अभी तक वहां भी वह रिपोर्ट नहीं है। इस पर कई प्रश्न खड़े होते हैं। 

पहला तो यह कि मानेसर निगम नया बना है और उसमें अभी मेयर टीम का चुनाव नहीं हुआ है, इसलिए उसका सारा कार्य वहां के स्थानीय विधायक ही देखते हैं और स्थानीय विधायक स्वयं भी कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री के बहुत नजदीक हैं और जनता भी यह बात मानती है। फिर निगम कर्मचारी उनकी समय पर आने की बात न मानें, यह जंचता नहीं कि अप्रत्यक्ष रूप से वह मुख्यमंत्री को अनदेखा कर सकें।

दूसरा प्रश्न— जब सीएम फ्लाइंग का पोर्टल है तो उस पर यह सबकुछ क्यों नहीं पोस्ट किया गया? 

तीसरा सवाल— यदि समय पर न आने की बात होती तो सीएम फ्लाइंग और विजिलेंस प्रात: 9 बजे कार्यालय खुलने के समय पर छापा मारते, देर से छापा मारना और लगभग 9 घंटे जांच करना तो यह दर्शाता है कि जांच किन्हीं और कारणों से ही थी? 

आम जनता का कहना है कि निगम द्वारा किए गए कार्य ठीक नहीं होते, उन कार्यों की यदि जांच की जाए तो वह मानकों पर पूरा नहीं उतरने वाला। जनता का कहना है कि  यहां कमीशन का खेल चलता है और अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलाए जाते हैं तथा चहेते ठेकेदारों को टेंडर का मतलब हमें कहने की आवश्यकता नहीं, आप खुद ही समझ सकते हैं। कुल मिलाकर जनता का मानना है कि यह सब कमीशन बढ़ाने का खेल नजर आ रहा है।

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