‘हरिहर’ योजना के तहत बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाए मुख्यमंत्री

बेसहारा बच्चों के लिए ‘हरिहर’ योजना शुरू  करने वाला हरियाणा बना देश का पहला राज्य

मुख्यमंत्री ने 11 बच्चों को सरकारी विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे

चंडीगढ़, 22 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की बेसहारा, बेघर या परित्यक्त व आत्मसमर्पित बच्चों का पालन-पोषण, मुफ्त शिक्षा व रोजगार के लिए आरम्भ की गई ‘हरिहर’ योजना  से उन बच्चों के चेहरे पर उस समय मुस्कान आई जब मुख्यमंत्री ने 11 बच्चों को सरकारी विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।

आज मुख्यमंत्री निवास संत कबीर कुटीर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र सौंपे । इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, उप प्रधान सचिव श्री के.एम पाण्डुरंग, महिला एवं बाल विकास के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

इन बच्चों को स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, उपायुक्त कार्यालय कैथल में ग्रुप-सी व ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्ति दी  गई है। 

महिला एवं बाल विकास की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि हरियाणा देश का ऐसा पहला प्रदेश है जहां ऐसे बेसहारा बच्चों  के लिए यह अनोखी योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा यह एक पुण्य का काम है। उन्होंने बताया कि इन 11 बच्चों में 9 लड़कियां व 2 लड़के हैं, जिसमें अदीति, प्रार्थना, माधवी, मधुलिका, नीलिमा, अनादी, सुधा, सरिता, दिव्या, कन्हैया, हिमांशु शामिल है। 

राज्य सरकार को राज्य के बाल देखभाल संस्थानों से 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले परित्यक्त और आत्मसमर्पित बच्चों को शैक्षणिक, वित्तीय व रोजगार के लाभ  प्रदान करने के लिए ‘हरिहर’ नीति अधिसूचित की गई। नीति के तहत 5 वर्ष की आयु से पहले परित्यक्त व 1 वर्ष की आयु से पहले आत्मसमर्पित किए गए पात्र बच्चों  लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। 

तकनीकी शिक्षा, कौशल, विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण सहित मुफ्त स्कूल और उच्च शिक्षा और 25 वर्ष की आयु तक या शादी तक देखभाल, पुनर्वास और वित्तीय सहायता (सामाजिक न्याय और अधिकारिता  विभाग की विकलांगता पेंशन के बराबर यानि 2500/-रुपये प्रति माह) या शादी जो भी पहले हो।

अनुकम्पा के आधार पर उन परित्यक्त और समर्पित बच्चों को नौकरी, जिन्हें  05 वर्ष की आयु से पहले (परित्यक्त के रूप में) और 01 वर्ष की आयु से पहले (समर्पित के रूप में) बाल देखभाल संस्थानों में भर्ती कराया गया था और जिन्होंने बाल देखभाल संस्थानों में रहते हुए 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो और जिनके पास आवश्यक शैक्षणिक योग्यता है उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किए गए है।

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