पवनतनय, केसरी नंदन और शंकर सुवन कैसे तीन पिता हो सकते हैं किसी के – इस पर बोधराज सीकरी ने किया गहन व्याख्यान
संकल्प से सिद्धि का रास्ता दिखाता हनुमान चालीसा का पठन : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। दिनांक 20- 6- 2023 को मंदिर श्री बालाजी (हनुमान जी) महाराज शिवाजी नगर के पवित्र प्रांगण में श्री हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन पूजनीया श्री देवता जी महाराज जो दिनांक 18-5-2023 को अपना नश्वर शरीर छोड़ कर प्रभु चरणों में विलीन हो गये थे उनकी स्मृति में एवं जो संकल्प आदरणीय बोधराज सीकरी ने बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए पिछले चार महीने से श्री हनुमान चालीसा की एक मुहिम शुरू की हुई है उसके तहत “श्री हनुमान चालीसा” के पाठ का आयोजन किया गया था। श्री हनुमान चालीसा के पाठ को आरंभ करने से पूर्व पंडित भीम दत्त ज्योतिषाचार्य द्वारा बोधराज सीकरी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुरेश सीकरी व श्री एच. एस. चावला से पूजा करवाई।पूजा के पश्चात श्री एच. एस.चावला का पगड़ी पहनाकर व दोशाला भेंट कर बोधराज सीकरी ने स्वागत किया। सीकरी साहब को पगड़ी, दोशाला भेंट कर चावला साहब ने स्वागत किया। तत्पश्चात श्री गजेंद्र गोसाई ने पहले श्री बोधराज सीकरी से आशीर्वाद लेकर व्यासपीठ से पहले अपने संबोधन में बोधराज सीकरी के बारे में अपने विचार रखे व उसके पश्चात संगीतमय ढंग से “श्री हनुमान चालीसा” का 21 बार सभी को साथ लेकर पाठ किया। लगभग 380 साधकों ने इसमें भागीदारी की।

इसके अतिरिक्त हर मंगलवार की भाँति जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ़ कैलास में 31 साधकों ने पाँच-पाँच बार हनुमान चालीसा के पाठ का पठन किया और कुल आँकड़ा दो लाख पंद्रह हज़ार पार हो गया।

श्री हनुमान चालीसा के पाठ के पश्चात श्री गजेंद्र गोसाई ने व्यास पीठ से पुन: एक बार पूजनीया श्री देवता जी महाराज को संबोधित कर याद करते हुए कहा कि वह भाव विहल हो गये। उन्होंने अपने 52 वर्ष से इस मंदिर से जुड़ने के बारे में व श्री देवता जी के बारे में बताया व श्री सीकरी साहब के बारे में बताया कि उनकी पूजनीया माता भगवान देवी जी व उनके पूजनीय पिता गणपत राम जी जिन्होंने समाज को ऐसा सुयोग्य लाडला रतन दिया है जो सामाजिक आध्यात्मिक व हर विषय से संबंधित ज्ञान रखता है। वह समाज में बढ़-चढ़कर प्रत्येक क्षेत्र में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। इसके पश्चात बोधराज सीकरी ने अपने 25 मिनट के संबोधन में श्री हनुमान चालीसा को आधार मानते हुए विस्तृत रूप से हनुमान जी के जन्म के बारे में व उनके पिता के बारे में शास्त्रों के प्रमाण के आधार पर संबोधित किया व कहा कि हनुमान जी तीन पिता के नाम से जाने जाते थे “पवन पुत्र “केसरी नंदन “शंकर सुवन”और उन्होंने शास्त्रों का प्रमाण देकर सिद्ध करके बताया कि यह कैसे सम्भव हो सकता है। उनके संबोधन से मंदिर में उपस्थित जनसमूह उनके ज्ञान से स्तब्ध रह गया। किस प्रकार राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ करवाना, कैसे अग्नि देव द्वारा दिया गया प्रसाद दशरथ की रानियों को देना, कैसे प्रसाद का एक हिस्सा माँ अंजनी के पास पहुँचाना और कैसे माँ अंजना ने गर्भ धारण किया जिसके फलस्वरूप हनुमान जी का जनम होना, उनके जनम में पवन का क्या योगदान था कैसे सतयुग में रुद्र रूप बाद में हनुमान रूप प्रकट हुआ आदि विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

इसके अतिरिक्त “तुम मम प्रिय भरतही सम भाई” का विश्लेषण भी किया।

इसके पश्चात श्री लछमन दास बवेजा ने कविता के माध्यम से मंदिर के बारे में अपने विचार प्रकट किए। मंदिर की प्रधाना पिकीं सेठ ने भी अपने संबोधन के साथ-साथ मंगलवार को जो हनुमान जी के प्रति आरती से पूर्व नियम है उसका निर्वाह किया व आरती के पश्चात सभी के लिए मैनेजमेंट की ओर और से भंडारे का विशेष प्रबंध था। अंत में श्री गजेंद्र गोसाई द्वारा आए सभी भक्तों का जिन-जिन संस्थाओं के पदाधिकारी पधारे थे उनका दिल से आभार व्यक्त किया।

श्री बोध राज सीकरी जी ने मंदिर के प्रधान श्री गजेन्द्र गोसाईं का स्वागत किया। ज्योत्सना बजाज व सह-संयोजिका ज्योति वर्मा और रचना बजाज और शक्ति मंदिर गढ़ी हरसरू की संयोजिका पूनम माता की पुत्री अलका शर्मा ने प्रधाना पिकीं सेठ का स्वागत किया।

अलका शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कावड़ का समय आ रहा है और हमें अपने धर्म का मज़ाक़ ना उड़ाकर अपनी संस्कृति को ध्यान में रखना चाहिए।

आज के कार्यक्रम में केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा के प्रधान श्री सुरेंद्र खुल्लर, श्री उदय भान ग्रोवर, डेरावल बिरादरी के प्रधान श्री रमेश चुटानी व उनकी समस्त कार्यकारिणी, हनुमान मंदिर मदनपुरी के प्रधान श्री राम राम ग्रोवर व उनकी समस्त कार्यकारिणी, श्याम मंदिर न्यू कॉलोनी से श्री सुभाष ग्रोवर एडवोकेट, श्री रणधीर टंडन, श्री जगदीश रखेजा, श्री गीता आश्रम ज्योति पार्क से श्री राजेश गाबा, श्री हेमंत मंगिया, श्री कृष्ण कृपा समिति से श्री गोविंद आहूजा एवं उनकी समस्त कार्यकारिणी, मां वैष्णो दरबार गढ़ी हरसरू से डॉक्टर अल्का शर्मा व इसके अतिरिक्त श्री सी.एल.शर्मा श्री सी.बी. मनचंदा, श्री ओ.पी.मनचंदा उपस्थित रहे।

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