गरीब परिवारों के बच्चे उच्च शिक्षा से रह जायेंगे वंचित: डॉ. सुशील गुप्ता बेटियों के लिए केवल सपना बनके रह जायेगी उच्च शिक्षा: डॉ. सुशील गुप्ता हरियाणा की यूनिवर्सिटी पहले से ही घाटे में चल रही : डॉ. सुशील गुप्ता ग्रांट रोकने से छात्र-छात्राओं पर पड़ेगा बढ़ी फीस का असर : डॉ. सुशील गुप्ता स्टाफ की सैलरी के लिए खड़ा हो जायेगा संकट: डॉ. सुशील गुप्ता कृषि विश्वविद्यालय को ग्रांट बंद होने पर जुटाने होंगे करीब 750 करोड़: डॉ. सुशील गुप्ता लोकतंत्र में प्रदर्शन करना सबका अधिकार, लाठीचार्ज कर आवाज दबाना चाहती है सरकार: डॉ. सुशील गुप्ता चंडीगढ़, 20 जून – आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने खट्टर सरकार के प्रदेश के विश्वविद्यालयों को सेल्फ फाइनेंस करने को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार प्रदेश में उच्च शिक्षा को बर्बाद करना चाहती है। प्रदेश की सभी प्रमुख यूनिवर्सिटी महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, भगत फूल सिंह महिला महाविद्यालय, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय और चौधरी चरण सिंह विवि समेत सारे उच्च शिक्षा के संस्थान सरकारी ग्रांट के सहारे ही चल रहे हैं। इससे न केवल स्टाफ की सैलरी का संकट खड़ा हो जायेगा, बल्कि विश्वविद्यालयों में रिसर्च का काम भी रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, सवा 400 करोड़ एमडीयू का खर्च है। पिछले साल सरकार की तरफ से 200 करोड़ की ग्रांट जारी हुई थी। इस बार सरकार ने घटा कर 147 करोड़ की ग्रांट जारी की है। वहीं एमडीयू की आय करीब 175 करोड़ है। अगर, सरकार की तरफ से ग्रांट नहीं मिलेगी तो इसका भर बच्चों पर डाला जायेगा। यही हालात भगत फूल सिंह महिला महाविद्यालय के हैं। यूनिवर्सिटी की अपनी आय 22 करोड़ है जबकि, 90 करोड़ के आसपास सैलरी तो स्टाफ की है। इसलिए सेल्फ फाइनेंस के तहत सारे खर्च का भर छात्राओं पर पड़ेगा। वहीं गरीब घरों की बेटियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना महज एक सपना ही रह जायेगा। दूसरी तरफ प्रदेश के सबसे बड़े चौधरी चरण सिंह कृषि विश्विद्यालय के भी यही हालात हैं। विश्विद्यालय की आय महज 60 करोड़ के आसपास है। वहीं खर्च लगभग 800 करोड़ है। अगर, सरकार ने ग्रांट बंद की तो लगभग 740 करोड़ की आमदनी विश्विद्यालय की खुद से करनी पड़ेगी, जोकि असंभव है। इसका सीधा असर छात्रों पर पड़ेगा। हरियाणा के विश्वविद्यालयों में ग्रामीण परिवेश के छात्र ज्यादा पढ़ते हैं। विश्वविद्यालय इसका खर्च छात्रों की फीस बढ़ा कर करेंगे। उच्च शिक्षा महंगी होने से ग्रामीण परिवेश के बच्चे पढ़ाई करना ही छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार प्रदेश के युवाओं को अनपढ़ रख कर बेरोजगार रखना चाहती है। आम आदमी पार्टी सभी विश्वविद्यालयों के टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ है। वहीं जब इसका विरोध प्रदर्शन किया गया तो खट्टर सरकार ने रोहतक में प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलवा दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन करने का अधिकार सबको है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को दूरस्थ शिक्षा और विद्यार्थियों की फीस के सहारे ही आय होती है। अगर, सरकार ने ग्रांट बंद की तो सभी विश्विद्यालयों की फीस में बढ़ोतरी कर दी जाएगी, जिसका भार विद्यार्थियों को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार प्रदेश में तानाशाही फैसले लागू कर रही है। जोकि प्रदेश के हर वर्ग की त्रस्त करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार को उच्च शिक्षा संस्थानों को सेल्फ फाइनेंस करने का फैसला वापस लेना होगा, अन्यथा आम आदमी पार्टी भी आंदोलन करने को मजबूर होगी। Post navigation फीका पड़ रहा शाह का चुनावी शंखनाद ! केंद्रीय गृह मंत्री बताएँ हरियाणा में CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं या मनोहरलाल खट्टर – दीपेन्द्र हुड्डा