रैलियों पर टिका सांसदों का भविष्य, भाजपा दो टूक बोली- ‘टिकट पर भी लटक रही तलवार’ बीजेपी-जेजेपी के गठबंधन पर फैसला करेंगे अमित शाह! सिरसा रैली से तय होगा भविष्य का संकेत सरकार को संपत्ति आईडी और बीपीएल पहचान पत्र से नाम हटाने जैसे मुद्दों पर काम करने की जरूरत अशोक कुमार कौशिक लोकसभा चुनाव 2024 की आहट के बीच हरियाणा बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है।2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर माहौल तैयार होने लगा है। हरियाणा में तो लोकसभा चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनावों की भी तैयारी की जा रही हैं। हरियाणा बीजेपी ने मंगलवार रात अपने लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के साथ पांच घंटे लंबी बैठक की। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि राज्य में सभी लोकसभा और विधानसभा सीटें जीतने के लिए पार्टी को क्या करना होगा। गुड़गांव में हुई बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के साथ इस बात पर मंथन किया गया कि बीजेपी में कहां कमी है, उनकी शिकायतें क्या हैं और लोकसभा चुनाव में जीत की संभावना कैसे बढ़ाई जाए। प्रधानमंत्री मोदी के 9 साल के कार्यकाल को लेकर बीजेपी जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। जिसको लेकर लगभग सभी प्रदेशों में बीजेपी बड़ी रैलियां कर रही है। अब हरियाणा में इन रैलियों के जरिए ही प्रदेश के नेताओं की जनता तक पहुंच की तैयारी है। मंगलवार को हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ द्वारा एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब और पार्टी के तमाम सांसद शामिल हुए थे। इस बैठक में सांसदों ने मन की बात आपस में सांझा की। हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के बीच चल रही तनातनी पर विराम लग जाएगा या फिर दोनों पार्टियों के रास्ते अलग-अलग हो जाएंगे इसका फैसला अब जल्द ही होने वाला है। हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब निर्दलीय विधायकों की मुलाकात जारी है। पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने भी बिप्लब देब से मुलाकात की है । लगातार निर्दलीयों के मिल रहे साथ अब क्या बीजेपी जेजेपी से अपना नाता तोड़ लेगी इसको लेकर फैसला अब गृहमंत्री अमित शाह की सिरसा रैली में हो सकता है। शाह की रैली पर बीजेपी से ज्यादा जेजेपी की नजरें टिकी हुई है। जननायक जनता पार्टी के साथ भी गठबंधन पर भी सांसदों की राय ली गई। कई सांसदों का मानना था कि जेजेपी के साथ गठबंधन उनकी जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है। कुछ का मानना था कि अगर जेजेपी अकेले चुनाव लड़ती है, तो वह कांग्रेस के वोट काटेगी और बीजेपी को फायदा पहुंचाएगी। रैलियों की तैयारी को लेकर रणनीति इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जहां मोदी सरकार और प्रदेश सरकार के कार्यों को सांझा किया। वहीं प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब और प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने पार्टी को मजबूती की दिशा में ले जाने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर जानकारी दी। आपको बता दें कि प्रदेश में लोकसभा स्तर की 8 और प्रदेश स्तर की दो रैलियां होने वाली है. जिसको लेकर 3 घंटे तक सांसदों के साथ बैठक की गई और 2024 के चुनावों को लेकर मंथन किया गया। सांसदों को दिए गए सख्त निर्देश बीजेपी की तरफ से सभी सांसदों को कहा गया है कि जून में होने वाली इन रैलियों में वो अपनी पूरी ताकत झोंक दें। इन रैलियों की कामयाबी पर ही सांसदों का भविष्य भी टिका हुआ है। ऐसे में अगर रैली फीकी दिखाई दी तो उस लोकसभा क्षेत्र के सांसद की टिकट पर भी तलवार लटक सकती है। दूसरी तरफ पार्टी सूत्रों का कहना है कि 29 जून को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अंबाला में एक बड़ी रैली कर सकते है। इस रैली में केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल सिरसा में 18 जून को होने वाली गृह मंत्री अमित शाह की रैली को लेकर तैयारियां जोर-शोर से हो रही है। हर सांसद को अलग-अलग पूछा गया सूत्रों ने कहा कि हर सांसद को अलग-अलग बुलाया गया और शिकायतों, कमजोरियों और इसे हल करने के लिए कदमों के बारे में पूछा गया। सूत्र ने कहा कि हर सांसद से गठबंधन, कमजोरियों और सरकार की छवि को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इस बारे में उनके विचार पूछे गए। सभी की शिकायतों को हरियाणा के प्रभारी बिप्लब देब, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य प्रमुख ओपी धनखड़ ने अलग-अलग सुना। किसानों और पहलवानों के विरोध का कितना असर किसानों और पहलवानों के विरोध जैसे मुद्दों का भी चुनाव पर असर पड़ने या इनके बेअसर होने के बारे में पूछा गया। सूत्र ने कहा कि इस पर सांसदों के अलग-अलग विचार थे। एक सांसद ने कहा, कुछ ऐसे थे जो मानते थे कि जाट खुश नहीं हैं, किसान खुश नहीं हैं और कुछ का मानना था कि खिलाड़ियों को सरकार का समर्थन मिलना चाहिए। जबकि कुछ ऐसे थे जिन्होंने दावा किया कि पहलवानों का लोगों पर कोई असर नहीं होता है। कुछ ने कहा कि सरकार को संपत्ति आईडी और बीपीएल पहचान पत्र से नाम हटाने जैसे मुद्दों पर काम करने की जरूरत है। एक वरिष्ठ सांसद ने कहा कि वे (देब, खट्टर और धनखड़) तीसरी बार जीत का फॉर्मूला जानना चाहते हैं। जेजेपी से गठबंधन पर पेंच बरकरार जेजेपी के साथ गठबंधन जारी रखने के मुद्दे पर सांसदों के बीच मिलीजुली प्रतिक्रिया रही। एक अन्य वरिष्ठ सांसद ने कहा कि एक समूह और भी है जो गठबंधन तोड़ना चाहता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा। अमित शाह का सिद्धांत है कि पहले हमें सत्ता में आने की जरूरत है। किसी भी कीमत पर हमें जीतना है। हालांकि, ऐसे सांसद भी थे जिन्होंने दावा किया कि पार्टी के पास निर्दलीय विधायकों का समर्थन है और गठबंधन को खत्म कर देना चाहिए। एक अन्य वरिष्ठ सांसद ने कहा कि पूरी कवायद का उद्देश्य 2024 लोकसभा में सभी सीटें जीतना है। Post navigation सीएम विंडो पर आने वाले शिकायतों का निवारण प्राथमिकता के आधार पर तय समय सीमा में किया जाए पूरा – देवेंद्र सिंह राष्ट्रपति ने दी मंजूरी एचपीएससी के पूर्व अध्यक्ष केसी बांगड़ व 13 सदस्यों पर मुकदमा चलाने की