पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट स्टे के बावजूद चेंबर की अलॉटमेंट     
आरोप एडवोकेट को चेंबर अप्लाई लिस्ट से हटा दिया गया
एडवोकेट का दावा उनके द्वारा अपनी पूरी किस्त चेंबर के लिए भरी जा चुकी
बार काउंसिल ने भी पटौदी बार चैंबर्स के मामले में स्टे आर्डर किए  

  फतह सिंह उजाला                                     

पटौदी । पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट,  के स्टे आर्डर के बावजूद भी बार एसोसिएशन पटौदी के प्रधान और सचिव ने  गैरकानूनी और मनमाने तरीके से 3 जून 2023 की देर रात बिना किसी पूर्व सूचना के पटोदी बार के चैंबर्स की  एडवोकेट को कथित एलॉटमेंट कर दी।   

 पटौदी बार के ही एडवोकेट सदस्यों के आरोप के अनुसार पटौदी बार के पदाधिकारियों ने अपनी मनमानी करते हुए कुछ अधिवक्ताओं को चैंबर आवेदको की लिस्ट से हटा दिया था । जबकि उन सभी एडवोकेट ने चेंबर की अपनी अपनी किस्त भी भरी हुई थी। सूत्रों के अनुसार पटौदी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की कैनवस अबाउट मेंट के मामले में अनियमितता सहित मनमानी को देखते हुए एडवोकेट नंबर में रोष पनप गया इसके  बाद पाटोदी बार के ऐसे एडवोकेट आवेदक  पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चले गए थे। जिस पर पंजाब एवं हरियाणा माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 2 जून 23 को बार एसोसिएशन के द्वारा जारी लिस्ट पर रोक लगा दी थी ।  सूत्रों के मुताबिक पटौदी बार चैंबर्स के अलॉटमेंट का यह विवादित मामला सामने आने के बाद पटौदी बार के पदाधिकारियों के द्वारा संबंधित एडवोकेट स्कोर चेंबर अलॉट करने के लिए पत्र भी लिखा गया ।

 लेकिन बार के प्रधान और सचिव ने हाई कोर्ट के आदेश की भी परवाह न करते हुए गैर कानूनी रूप से  रविवार  4 जून 23 को चैंबर्स अलॉट कर दिए , जो की गलत और गैरकानूनी बताए गए है। इसके बाद बार के कुछ मेंबर्स ने इस बारे बार काउंसिल में शिकायत की तो बार काउंसिल ने भी चैंबर्स के इस मामले मैं  स्टे आदेश पारित कर दिए । इस संदर्भ में पटौदी बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट एडवोकेट सुनील शर्मा ने बताया की बार के प्रधान और सचिव ने मेरे मना करने के बावजूद भी ऐसा किया है जो की गलत है, उनके खिलाफ न्यायालय के आदेश की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

                                                                                                      

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