– रविवार को तलवंडी राणा बाई पास पर ग्रामीणों के धरने को करेंगे संबोधित –

हिसार 3 जून : रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि 4 जून रविवार को ग्रामीणों के धरने पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला आएंगे। वे परिवर्तन यात्रा के दौरान धरने पर पहुचेंगे और धरने को संबोधित करेंगे। इस मौके पर उनके साथ इनेलो के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी व नेता भी रहेेंगे। कोहली ने बताया कि हमारे धरने को 117 दिन हो चुके हैं और ग्रामीण अपने हक स्थायी रोड के लिए धरने पर डटे हुए हैं। सरकार रोड देने में लगातार देरी करती जा रही है लेकिन ग्रामीणों के उत्साह में कोई कमी नहीं है जब तक हमें हिसार से तलवंडी राणा तक स्थायी रोड नहीं मिल जाता हम धरने पर डटे रहेंगे। कोहली ने बताया कि भारी बारिश आंधी, तूफान में अनेक बार धरना स्थल पर टैंट फटने से बार-बार ग्रामीणों को टंैट बदलना पड़ रहा था। अब ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके वाटर प्रूफ बल्लियां लगाकर स्थायी टैंट धरना स्थल पर लगा दिया है जिससे बारिश के मौसम में भी ग्रामीणों को धरने पर कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि धरने पर ग्रामीणों का इतना पैसा लग रहा है उसके बावजूद भी सरकार उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रही।

ओ.पी. कोहली ने बताया कि सरकार के लिए ग्रामीणों को रोड उपलब्ध करवाना कोई बड़ी बात नहीं यदि सरकार चाहती तो अब तक यह रोड बनकर तैयार हो जाता लेकिन ग्रामीणों की मांग व 117 दिन के धरने के बावजूद रोड की कार्यवाही में लेटलतीफी की जा रही है और उदासीनता बरती जा रही है। जिस तरह से एयरपोर्ट के कार्य पूरी गति के साथ किए जा रहे हैं और उसके लिए जमीन अधिग्रहण सहित सभी औपचारिकताएं तुरंत पूरी की जा रही हैं। उसी तरह यदि ग्रामीणों की मुश्किलों को समझते हुए सरकार रोड बनाने में भी गंभीरता दिखाती तो अब तक रोड कब का बन चुका होता।

कोहली ने कहा कि सरकार ग्रामीणों को ही रही मुश्किलों की अनदेखी कर रही है। तलवंडी राणा मार्ग बंद हो जाने से दर्जनों गांवों के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी प्रभावित हुए हैं। शहर में पढऩे जाने वाले बच्चे व लड़कियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। उनके शिक्षण संस्थानों की दूरी तीन से चार गुणा अधिक बढ़ गई है जिससे उनका अधिकतर समय आवागमन में खर्च हो रहा है। वहीं नियमित रूप से शहर जाने वाले ग्रामीणों जिनमें कर्मचारी, मजदूर, किसान, फल, सब्जी, दूध विक्रेता आदि शामिल हैं उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्पिटल व अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए शहर जाने वाले लोगों को भी अपने गंतव्य पहुंचने के लिए काफी मशक्त करनी पड़ती है इसके साथ ही उन पर आर्थिक बोझ भी काफी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हिसार रोड पर पडऩे वाले छोटे-बड़े सभी उद्योग, धंधे, स्कूल कॉलेज, दुकानें इत्यादि भी बेहद प्रभावित हुए हैं। ग्रामीणों की एक ही मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द हिसार एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ स्थायी रास्ता दिया जाए ताकि हम सभी की परेशानियों दूर हो सकें।

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