·       लगता है सरकार खिलाड़ियों से ही नहींदेश के लिये जीते गये पदकों से भी घृणा कर रही है -दीपेंद्र हुड्डा

·       देश के दिल में दर्द है कि प्रधानमंत्री जी ने मेडल बहाने जा रहे खिलाड़ियों को रोकने की अपील करना भी उचित नहीं समझा- दीपेंद्र हुड्डा

·       विश्वस्तर पर अगर सरकार की छवि खराब करने का काम कोई कर रहा है तो वह स्वयं ये सरकार है – दीपेंद्र हुड्डा

·       अगर देश में न्याय नहीं होगा तो कौन अपनी बहनबेटी को प्रैक्टिस के लिये भेजेगा – दीपेंद्र हुड्डा

·       सरकार की नीयत स्पष्ट तौर पर आरोपी को बचाने की है जिसकी पीड़ा देशवासियों के दिल में है- दीपेंद्र हुड्डा

·       सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खिलाड़ियों से गंगा में मेडल बहाने, आमरण अनशन के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की

·       बेटियों को न्याय मिलने तक हर संघर्ष में साथ रहेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 31 मई। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि देश के धैर्य की परीक्षा न ले। उन्होंने कहा कि कल गंगा में मेडल बहाने हरिद्वार पहुंचे खिलाड़ियों के मन में कितनी टीस रही होगी कि उन्होंने इतना कठोर कदम उठाने का फैसला किया। ये सरकार कितनी निदर्यी, असंवेदनशील है जिसने उन्हें ऐसा सोचने को मजबूर कर दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मेडल का त्याग किसी भी खिलाड़ी के लिये अपने प्राण त्यागने से कम नहीं। विश्वस्तर पर अगर सरकार की छवि खराब करने का काम कोई कर रहा है तो वह स्वयं ये सरकार है। उन्होंने कहा कि देश के दिल में इस बात का दर्द है कि प्रधानमंत्री जी ने मेडल बहाने जा रहे खिलाड़ियों को रोकने की अपील करना भी उचित नहीं समझा। दुनिया में क्या संदेश गया होगा। दुनिया के किसी भी देश में खिलाड़ियों के साथ ही नहीं अपनी बेटियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं हुआ होगा। सरकार के व्यवहार से ऐसा लगता है कि वो खिलाड़ियों से ही नहीं, देश के लिये जीते गये पदकों से भी घृणा कर रही है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से खिलाड़ियों से गंगा में मेडल बहाने, आमरण अनशन के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की और कहा कि ये मेडल आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण की मेहरबानी से नहीं मिले बल्कि वर्षों की उनकी मेहनत, तप और माता-पिता के त्याग से प्राप्त हुए हैं। ये मेडल देश का गौरव हैं, इनसे हिन्दुस्तान के 135 करोड़ लोगों की भावनाएं जुडी हुई हैं। इनमें अखाड़े की मिट्टी, खिलाड़ियों का खून-पसीना, मां-बाप के आंसू, उनका संघर्ष सब मिले हुए हैं। न्याय की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी और पूरा देश अपनी बेटियों के साथ हैं बेटियों को न्याय मिलने तक उनके साथ खड़े रहेंगे।

AICC मुख्यालय पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि समान नागरिक संहिता की बात करने वाली भाजपा ये बताए कि क्या इस देश में भाजपा नेताओं के लिये अलग और 135 करोड़ भारतवासियों के लिये अलग-अलग कानून है? क्या कारण है कि सरकार ऐसे आरोपी को जिसपर देश की सात-सात बेटियों ने गंभीर आरोप लगाये, उसको बचाने के लिये अपनी पूरी मशीनरी झोंक रही है। भाजपा के चाल चरित्र को पहले भी लोगों ने देखा है। हाथरस, कठुआ, हरियाणा के खेल मंत्री हों या बृजभूषण की बात हो सत्ताधारी दल आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है। हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह आज भी कैबिनेट में हैं। अगर इस देश में न्याय नहीं होगा तो कौन अपनी बहन, बेटी को खेल के मैदान में प्रैक्टिस के लिये भेजेगा? उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत स्पष्ट तौर पर आरोपी को बचाने की है जिसकी पीड़ा देशवासियों के दिल में है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का ये कहना कि मेडल तो 15 रुपये में मिल जाते हैं, देश का अपमान है। जो इनाम और पद मिलते हैं वो मेडल को ही तो मिलते हैं। क्या मेडल जीते बिना राह चलते किसी भी व्यक्ति को इनाम या पद दे सकते हैं? कांग्रेस पार्टी चुनौती देती है कि वो ओलंपिक मेडल खरीद कर दिखाए। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों को सरकार के उदासीन रवैये के कारण करीब सवा महीने तक सड़कों पर भूखे-प्यासे बैठना पड़ा, जहां प्रैक्टिस का भी कोई प्रबंध नहीं था। अगर खिलाड़ी अनशन पर बैठ गये तो फिर क्या बचेगा। क्या भूख हड़ताल पर बैठा हुआ खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीत पायेगा।

उन्होंने कहा कि देश की बेटी की इज्जत को राजनीति, धर्म, जाति या क्षेत्र के आधार पर नहीं देखा जाता। बेटी अगर न्याय की गुहार करे तो उसको न्याय दिलाना ही राजधर्म की परिभाषा है। उन्होंने कहा कि बार-बार सत्ताधारी दल और आरोपी बीजेपी सांसद ब्रजभूषण की तरफ से कहा जा रहा है कि ये खिलाड़ी एक प्रदेश के हैं, एक जाति से हैं। क्या हरियाणा की बेटियों को इस देश में न्याय नहीं मिलेगा? इस देश की परंपरा में दुश्मन की बहन-बेटी को भी अपनी बहन-बेटी माना जाता है। खिलाड़ियों का साथ देने के भाजपा के आरोपों पर दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अगर मेरे पर आरोप है कि मैं अपनी बेटियों का साथ दे रहा हूं तो मैं इस आरोप को स्वीकार करता हूं। अगर आरोप लगाने वाले ये सोचते हैं कि आरोपों से डरकर मैं पीछे हट जाऊंगा तो वो गलतफहमी में हैं। बेटियों की न्याय की लड़ाई में न्याय मिलने तक मैं उनके साथ हूँ।

दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि यूपीए सरकार के समय से लेकर अब तक ओलंपिक में कुल 17 मेडल जिसमें से 10 हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। हरियाणा की सरकार ने प्रोत्साहन का वातावरण बनाया। उन्होंने मौजूदा सरकार के खोखले प्रचार की पोल खोलते हुए कहा कि सरकार के मंत्री खेलो इंडिया का ढोल पीट रहे हैं जबकि इनके कार्यकाल में 2 ओलंपिक हुए हैं और 8 में से 4 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। इसमे से भी 3 मेडल कुश्ती से जुड़े खिलाड़ियों ने जीते।

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