लोकतंत्र में आज किसी पार्टी का राज है और कल किसी और का होगा। आज हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर है, उससे पहले कोई और था और आगे कोई और रहेगा : विद्रोही किसी भी दल की सरकार के दौर में सत्ता अहंकार इतना नही रहा जितना सत्ता अहंकार भाजपा के विगत 9 सालों के दौर में रहा है : विद्रोही 24 मई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने यूपीएससी परीक्षा में चयनित रेवाडी जिले से सम्बन्धित तुषार कुमार, नितिश मौर्य, अभिरूचि, योगेश सैनी, आरती यादव, अनमोल यादव सहित हरियाणा के सभी चयनित उम्मीदवारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र के साधारण घरों सेे लड़के व लडकिया जिस तरह हर साल यूपीएससी परीक्षा में चयनित होकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे है, वह पूरे प्रदेश व सभी हरियाणावासियों के लिए गौरव का विषय है। वहीं विद्रोही ने कहा कि लोकतंत्र में आज किसी पार्टी का राज है और कल किसी और का होगा। आज हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर है, उससे पहले कोई और था और आगे कोई और रहेगा। हरियाणा में कांग्रेस, जनता पार्टी, लोकदल, इनेलो, हाविपा, भाजपा, जनला दल की सरकारे विभिन्न समय में रही है, लेकिन प्रदेश में किसी भी दल की सरकार के दौर में सत्ता अहंकार इतना नही रहा जितना सत्ता अहंकार भाजपा के विगत 9 सालों के दौर में रहा है। अपने को स्वयंसेवक व आम व्यक्ति बताने वाले मनोहरलाल खट्टर तो सत्ता अहंकार में इतने ज्यादा चूर है कि वे अपने को एक लोकतांत्रिक निर्वाचित मुख्यमंत्री मानने की बजाय सार्वजनिक जीवन में ऐसा आचरण करते है कि मानो वे पैदाईशी राजा-महाराजा हो। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री के कथित जनसंवाद कार्यक्रम सत्ता अहंकार के राजसी दरबार में तब्दीेल हो गए जहां जो फरियादी मुख्यमंत्री की प्रशंसा करता है उससे मुख्यमंत्री गदगद होकर आत्मविभोर होते है और जो फरियादी अपनी तकलीफ बताकर उनका समाधान चाहता है, सरकार व प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठता है तो जनसंवाद में ऐसे फरियादी को मुख्यमंत्री से अपमान व सत्ता कहर का सामना करना पडता है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब पुलिस-प्रशासन व सत्ता बल पर खट्टर जी को अपने कथित जनसंवाद कार्यक्रम में अपने सत्ता अहंकार का ही प्रदर्शन करना है तो ऐसे जनसंवाद का औचित्य ही क्या है? Post navigation मुख्यमंत्री के जनसंवाद में कुछ होने की संभावना ? जनकल्याण की नीतियों पर फ़ोकस करें : बराला