भाजपा कार्यकर्ता नाराज, कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए नांगल चौधरी विधायक उतरे मैदान में वकीलों और पुलिस को लेकर तनातनी के आसार, दोनों पक्ष अड़े नलवाटी के हालात भयावह , राजनेता देते हैं कोरे आश्वासन भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । जिला महेंद्रगढ़ में मुख्यमंत्री के ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ का कल पहला दिन विवादों में घिर जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। वैसे जिला प्रशासन पूरी तरह इस बात के लिए तैयार है कि किसी स्थिति से जाना पड़े, पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई व्यवधान ना हो। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जहां भाजपा में जबरदस्त नाराजगी है वही नारनौल बार एसोसिएशन मुख्यमंत्री के समक्ष पुलिस अधीक्षक की ज्यादति को लेकर अपनी बात रखने के लिए आतुर है। आप पार्टी के लोग मुख्यमंत्री से दो दो हाथ करने करने को तैयार बैठे हैं। ऊंट किस करवट से बैठेगा यह देखने वाली बात होगी। निजामपुर में भाजपा कार्यकर्ता सूबेदार जगराम के यहां सीआईए नारनौल द्वारा दी गई धमकी सोशल मीडिया पर छाई रही। भारत सारथी मैं प्रकाशित समाचार की कटिंग के साथ लोग स्थानीय विधायक और पुलिस पर सवाल दाग रहे थे। नांगल चौधरी के विधायक पर स्वयं भाजपा कार्यकर्ता ने आक्षेप लगाए थे। आखिरकार सोशल मीडिया पर हो रही किरकरी को दूर करने के लिए डॉ अभय सिंह को मैदान में आना पड़ा और उन्होंने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं पुलिस ने जो किया है वह घोर निंदनीय है। अब देखना यह होगा की पुलिस की कार्रवाई की गाज किस अधिकारी पर गिरती है। वैसे सूबेदार जगराम ने सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह से लेकर पार्टी संगठन में अनेक जगह अपनी बात को रखा है और नाराजगी जताई है की पुलिस ने उसकी सामाजिक छवि को खराब किया है कि वह मुख्यमंत्री को काले झंडा दिखाना चाहता है। मुख्यमंत्री जनसंवाद के कार्यक्रम सीहमा में सरपंच के निवास पर चाय का प्रोग्राम निरस्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के टूर प्रोग्राम में इस प्रकार का कोई प्रोग्राम नहीं दर्शाया गया। कुछ समाचार पत्रों में सरपंच परिजनों को लेकर छपे समाचार के बाद प्रदेश के गुप्तचर विभाग की रिपोर्ट के बाद इसे निरस्त किया गया है। तीसरा मामला पुलिस द्वारा नारनौल के वकीलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि इसके बाद पुलिस द्वारा ही सोशल मीडिया के फुटेज जानबूझ कर लीक किए गए, और इसके पीछे पुलिस अधीक्षक की शह है। इस मामले में बुधवार को नारनौल बार एसोसिएशन में हंगामेदार बैठक आहूत है, जिसमें मुख्यमंत्री से बात रखने की रणनीति तय की जाएगी। वैसे लगता नहीं पुलिस अधीक्षक सहज में वकीलों की मुलाकात अपने खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष करने देंगे। दोनों पक्ष अड़े हैं फलस्वरूप कुछ नया विवाद होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उधर जिला महेंद्रगढ़ आप पार्टी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार बैठी है। कुछ क्रांतिकारी और सामाजिक संगठन से जुड़े लोग भी मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बातें रखना चाहते हैं। वैसे प्रशासन पूरी तरह एहतियात बरत रहा है और सरपंचों के माध्यम से पास उन्हीं लोगों के जारी किए जा रहे हैं जो किसी तरह का विवाद खड़ा नहीं करे। मुख्यमंत्री से मिलने वाले हर व्यक्ति की जन्मकुंडली को अच्छी तरह खंगाला जा रहा है। अब बुधवार को मुख्यमंत्री का जनसंवाद कितना हंगामेदार रहता है यह देखने वाली बात होगी। नलवाटी के लोगों का दुर्भाग्य है कि यहां नेताओं द्वारा सिर्फ कोरे आश्वासन तो दिए जाते हैं , लेकिन इन्हें पूरा करने की जहमत नहीं उठाई जाती । वर्षों से यहां के लोग नहरी पानी देखने को तरस रहें हैं , लेकिन अभी तक नहर निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। यहां के लोगों को बेहतर बिजली सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए खुद बिजली मंत्री ने सब डिविजन बनाने की घोषणा की थी , लेकिन मंत्री की घोषणा भी मात्र घोषणा ही साबित हुई , इसके क्रियान्वयन को अभी तक गति प्रदान नहीं की गई है । यहां के लोगों को मलाल है कि मूलभूत जरूरतों को पूर्ण करवाने के लिए ग्रामीणों को सबसे पहले पटवारी की आवश्यकता होती है , लेकिन पटवारी के दर्शन भी यहां अभी तक दुर्लभ हैं । इन सभी समस्याओं से झूंझते लोगों का कहना है कि बेशक मौजूदा सरकार सबका साथ सबका विकास से जुड़े नारों का इस्तेमाल कर अपनी पीठ थपथपा वाहवाही बटोरे, लेकिन नलवाटी की जनता आज भी विकास के नाम सिर्फ आश्वासनों के सहारे ही समय का इंतजार करती देखी जा रही है। सरकार के नुमाइंदे बेशक दावा करें कि हरियाणा के अंतिम छोर तक नहरी पानी मुहैया कराने में कामयाबी हासिल कर ली गई है , लेकिन नलवाटी क्षेत्र में अभी नहर खुदाई का काम शुरू ही नहीं हो पाया है। नहर निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने अनेकों दफा अधिकारियों से लेकर राजनेताओं के दरवाज़े पर दस्तक दी , आंदोलन किए लेकिन नतीज़ा वही ढाक के तीन पात वाला ही देखने को मिला। नहर के निर्माण तो आज तक शुरू नहीं हो पाया , लेकिन इतना अवश्य है कि यहां के लोगों को जानबूझ कर बागी करार देने से जुड़ी मुहिम अवश्य शुरू कर दी गई। नहरी पानी यहां के लोगों की अब जीवन रेखा बन चुका है। भूजल की संभावना यहां नगण्य साबित हो चुकी हैं। यहां का भू जलस्तर इतना नीचे जा चुका है कि किसान के लिए भूजल से खेती अब स्वप्न बन गया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए नहरी पानी ही एक मात्र ऐसा विकल्प शेष बचा है जिससे किसान की किसानी जीवित रह सकती है। यही मांग करते क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यहां गांव धनौता से आजमाबाद मोखुता जिसमें गांव दनचोली, निजामपुर , नापला , नारहेडी , ब्राह्मणवास, ढाणी छापडा , के साथ ही अन्य ढाणी भी लगती हैं। वही घटासेर से बायल के बीच गांव पवेरा , सरेली , गांवड़ी , इस्लामपुरा , रोपड़ सराय , नांगल दर्गू , नया गांव , मुसनौता , पचनौता, गोलवा ,बखरिजा , गंगूताना, रावता की ढाणी जैसे बड़े गांव आज भी नहरी पानी से वंचित हैं। लोगों को बताया कि यहां अकाल जैसे हालात हैं , लेकिन सरकार बदलने के बाद भी यहां के हालातों में कोई परिवर्तन देखने में नहीं आया । लोगों ने तमाम अधिकारियों से लेकर नेताओं तक की चौखट पर गुहार लगाई , लेकिन किसी के कान पर भी जूं तक नहीं रेंगी। विडंबना है कि सूखे के हालातों से रुबरु होते यहां के लोगों को बिजली मंत्री ने भरोसा दिलाया था कि निजामपुर को सब डिविजन का दर्जा देते हुए बेहतर व्यवस्था के इंतजाम किए जायेंगे , लेकिन मंत्री की घोषणा पर आज तक कोई अमल नहीं हुआ है। इतना ही नहीं यहां तो पटवारी तक के बैठने का कोई प्रावधान नहीं है।लोग छोटे छोटे काम के लिए हल्का पटवारी को ढूंढने में अपना कीमती समय बर्बाद करने पर विवश हो चुके , लेकिन अधिकारी हैं कि लोगों की सुनते ही नहीं। अब इन तमाम हालातों में यहां के लोग अपना और अपने बच्चों का भविष्य किस तरह सुरक्षित रखे , इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है । अब जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस क्षेत्र के गांव मुसनौता में जनसंवाद कार्यक्रम के तहत लोगों की समस्या का समाधान करने आ रहें हैं तो लोगों में भी एक उम्मीद की किरण जगी है कि हरियाणा के मुखिया इस नलवाटी संभाग के गांवों की दशा और दिशा सुधारने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाएंगे। देखना यह है कि मुख्यमंत्री का निजामपुर क्षेत्र में आगमन कुछ उम्मीद जगाता है या फिर वही पुराने ढर्रे पर चलते हुए एक बार फिर यहां ले लोगों को सिर्फ घोषणा का लालीपोप थमाते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाएगी ? Post navigation मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों को दी शुभकामनाएं जनसंवाद कार्यक्रम में सत्ता अहंकार का ही प्रदर्शन करना है तो ऐसे जनसंवाद का औचित्य ही क्या है ? विद्रोही