शनिवार को महिलाओं सहित पुरुषों और एससी बस्ती के निवासियों ने काटा बवाल   
 ग्रामीणों का आरोप बार-बार शिकायत करने पर भी नहीं हो रहा समाधान  
गर्मी शुरू होते ही एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण
 ग्रामीणों के अलावा पशु पक्षी और पालतू मवेशियों के लिए भी बना संकट 

फतह सिंह उजाला                                       

पटौदी । वीआईपी गांव मेहचाना  में बीते 1 महीने पीने का पानी का जबरदस्त संकट बना हुआ है । राजनीतिक नजरिए से मेहचाना गांव ने एक नहीं दो दो एमएलए पटौदी विधानसभा क्षेत्र को दिए हैं । इसीलिए इस गांव को वीआईपी गांव भी कहा जाता है ।   

 शनिवार को बढ़ते तापमान और धूप की वजह से ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया । इसके बाद अनुसूचित कॉलोनी के निवासी महिलाएं और पुरुष गर्मी में घर से बाहर निकलने को मजबूर हो गए,  इतना ही नहीं ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर बवाल काटा ।के  ग्रामीणों ने आरोप लगाया अधिकारी और सरकार के चुने हुए मंत्री सहित जनप्रतिनिधि गांव में पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखाई दे रहे । ग्रामीणों की माने तो गांव मेहचाना में अनुसूचित वर्ग की बस्ती में बीते 3 महीने से पानी का संकट बना हुआ है ।   

 ग्रामीणों के द्वारा सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम लिखित शिकायत पत्र में कहा गया है कि बार-बार शिकायतें करने के बाद भी अधिकारी गांव में पानी के संकट स्थाई समाधान नहीं कर रहे हैं । अधिकारी और फील्ड कर्मचारी मौके पर पहुंचकर दी गई शिकायत और ग्रामीणों की समस्या पर कोई भी एक्शन नहीं लेते हैं । गांव की पंचायत और ग्रामीण दो बार गांव खंडेवला के ट्यूबेल पर पहुंचे तो यहां पर पेयजल आपूर्ति करने वाला वाल बंद मिला । इतना ही नहीं यह सब ट्यूबवेल ऑपरेटर और ग्राउंड स्टाफ की लापरवाही के कारण हो रहा है । पूर्व पंच रणजीत सिंह कृष्णपाल शीशराम जय वीर श्रीचंद गंगाराम अजय पाल कुलदीप राकेश कुमार देवेंद्र कुमार पाल महेंदर देविंदर राजबाला गीता केला देवी मीणा कैलाश सहित अन्य ग्रामीणों ग्रामीणों ने आरोप लगाया जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के जेई और एचडीई ग्रामीणों की शिकायत और समस्या को सुनते ही नहीं है या फिर बहुत ही हल्के में ले रहे हैं।  हद की बात तो यह है कि अधिकारियों ने महचाना के ग्रामीणों के मोबाइल फोन ही रिसीव करने बंद कर दिए हैं ।

ग्रामीणों की सीएम मनोहर लाल खट्टर चुने हुए जनप्रतिनिधि और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मांग है कि फील्ड स्टाफ की मिलीभगत से जितने भी मुख्य पेयजल पाइप लाइन में अवैध कनेक्शन किए गए हैं , उनकी जांच कर तुरंत ऐसे कनेक्शन कटवा कर अधिकृत ग्रामीण उपभोक्ताओं को पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए । बादली से नहरी पानी की जो आपूर्ति सर्दियों में गांव मेहचाना में आरंभ की जानी थी , वह प्रोजेक्ट भी संबंधित विभाग और अधिकारियों की लापरवाही से बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रहा है । गांव के अंदर जितनी थी पेयजल पाइप लाइनें हैं , उन सभी पेयजल पाइप लाइनों को भी बदलवा कर नया पाइपलाइन डलवाया जाए । इसके अलावा अनुसूचित मोहल्ले में जो पेयजल पाइपलाइन उसका लेबर सही करवाया जाए मूलभूत जरुरत का पानी ग्रामीणों को उपलब्ध हो सके ।

छात्र छात्राओं के लिए भी संकट                       

गांव के एकमात्र स्कूल मैं 130 छात्र-छात्राएं मेजबान गांव सहित आसपास के गांव से पढ़ने के लिए आते हैं । गांव में पानी के संकट को देखते हुए अपने-अपने घर पर पानी लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं । लेकिन पानी खत्म होने पर छात्र-छात्राएं एक घूंट पानी के लिए तरस रहे हैं । इस संदर्भ में मेहचाना हाई स्कूल प्रबंधन की तरफ से भी जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग को पत्र लिखकर गांव सहित स्कूल में पेयजल संकट के समाधान जी तरफ ध्यान जिला या गया है।

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