राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा, जीवन में सीखने का भाव कभी ना छोड़े राज्यपाल ने युवाओं से किया आह्वान, केंद्र व राज्य की सेवाओं का लाभ उठाते हुए स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़े गुरुग्राम, 13 मई। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज कहा कि व्यक्ति जीवन के अंत तक विद्यार्थी रहता है इसलिए जीवन में सीखने का भाव कभी ना छोड़े। अगर आप इस सोच और विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे तो निश्चित ही आपको सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैं आज भी एक विद्यार्थी हूँ और प्रत्येक दिन कुछ नया सीखने की चाहत रखता हूँ। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में डिग्री प्राप्त करना केवल शिक्षा प्रक्रिया का एक हिस्सा है। आपको भविष्य की चुनोतियों से पार पाने के लिए समाज मे निरन्तर हो रहे बदलावों से अपडेट रहना होगा। ऐसे में विद्यार्थी जीवन व उसके बाद भी सीखने की ललक प्रत्येक विद्यार्थी में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सीखने के इस मूलमंत्र को आपने जीवन मे आत्मसात कर लिया तो जीवन में कितनी ही बड़ी चुनोती क्यों ना आए आप उससे आसानी से पार पा सकते हैं। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय शनिवार को गुरूग्राम के सोहना रोड स्थित जी.डी गोयनका युनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। युवाओं से सीधा संवाद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लिए एक गेम चेंजर साबित होगी। क्योंकि नई शिक्षा नीति में नैतिक मूल्यों व टेक्नॉलॉजी के साथ-साथ हमारी मातृ भाषा पर ज्यादा ज़ोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में शिक्षा की पुरानी पद्धति का अनुसरण नही किया जा सकता। ऐसे में नई शिक्षा नीति में भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से गुणवत्तापरक शिक्षा पर बल दिया गया है। जो देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि भारत 21वीं सदी में कल्चरल लीडर के रूप में वैश्विक नेतृत्व को फिर से हासिल करने का प्रयास कर रहा है। जिससे उभरती डिजिटलीकृत दुनिया में अपेक्षित नए कानूनों और अनुपालनों के साथ-साथ पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में भी असीमित वृद्धि की संभावना है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में इन दो उद्योगों से अगले दशक में करीब 50 मिलियन नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। राज्यपाल ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी व इंटरनेट का युग है जिसके आधार पर वैश्विक स्तर पर बड़े परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे में हमारे शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए तीन प्रमुख बिंदु नामतः टेक्नोलॉजी, इनोवेशन व रिसर्च पर विशेष ध्यान देना होगा। श्री दत्तात्रेय ने प्रधानमंत्री के “मेक इन इंडिया”विजन का जिक्र करते हुए कहा कि आज इस दीक्षांत समारोह में डिग्री मिलने के उपरांत आप सभी नौकरी के पीछे ना भागकर उद्यमशीलता अपनाकर नौकरी देने वाले बने। इस समारोह में उन्होंने विश्वविद्यालय के 1109 विद्यार्थियों को डिग्री व डिप्लोमा प्रदान किए। उन्होंने आज डिग्री प्राप्त करने वाले सभी युवाओं से आह्वान किया कि वे केंद्र व राज्य की सेवाओं का लाभ उठाते हुए स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़े, तभी हमारा भारत आत्म निर्भर होगा। इस अवसर पर जी.डी गोयनका विश्वविद्यालय की चांसलर रेणू गोयनका, जी.डी गोयनका विश्वविद्यालय गुरूग्राम के कुलपतिडॉ बी. एस सत्यनारायण, सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स के प्रेजिडेंट डॉ ललित भसीन सहित शेफ एंटरप्रेन्योर रणवीर सिंह बराड़ उपस्थित थे। Post navigation कांग्रेस कार्यालय पर खूब बजे ढोल नगाड़े आयुध डिपो के प्रतिबंधित दायरे में स्थित सुखराली इन्कलेव में एक अवैध भवन को किया गया जमींदोज