चंडीगढ़, 12 मई – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने बताया कि प्रधान मंत्री आवास योजना- शहरी  के तहत राज्य में 30,000 लाभार्थियों को लगभग 30 वर्ग मीटर कारपेट क्षेत्र (36.22 गज लगभग) के घरों का स्वामित्व दिया गया है।

श्री कौशल ने बताया कि बेनेफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC) घटक के तहत केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 67,649 लाभार्थियों के लक्ष्य में से, हाउसिंग फॉर ऑल (शहरी) मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (MIS) में 64,829 लाभार्थियों के डेटा जोड़े गए हैं। घरों के निर्माण की प्रगति की ट्रैकिंग करने के लिए 64,805 घरों को जियो टैगिंग किया गया है जबकि 44,427 घरों को पर्यवेक्षकों द्वारा मंजूरी दी गई है।

श्री कौशल ने यह भी बताया कि 14 जिलों की 41 शहरी स्थानीय निकायों से नामों के संबंध में सूचना में परिवर्तन प्राप्त हुआ है जिन्होंने स्वामित्व प्रमाण नहीं जमा किया है या शहर छोड़ दिया है या अनुसरण नहीं किया है या पहले से ही एक पक्का घर है या आधार में या ओनरशिप की जाति में दोहरापन है। उन्होंने अधिकारियों को इस प्रक्रिया को त्वरित करने और इस संबंध में दो हफ्ते की प्रगति रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।

श्री कौशल ने कहा कि राज्य सरकार सभी पात्र लाभार्थियों को घरों के निर्माण की सहायता के लिए मौजूदा 1.50 लाख  रुपये  की सहायता के अतिरिक्त तकनीकी सहायता के  रुप में  1.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इस प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए, लाभार्थियों के लिए बेनेफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC) और क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना (CLSS) के तहत विकास शुल्क, भवन नियोजन स्क्रूटनी फीस और भवन नियमावली/नक्शे के ऑफलाइन मंजूरी के लिए एक बार की छूट दी गई है। इस छूट का उद्देश्य इन लाभार्थियों के लिए वित्तीय बोझ को कम करना और अनुमोदन प्रक्रिया को सुचारू बनाना है।

मुख्य सचिव ने कहा कि बेनेफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC) लक्ष्य के तहत, पहली किश्त लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) जारी होने के तुरंत बाद ही जारी की जाएगी। उसी तरह, दूसरी किश्त घर की छत रखने से पहले लिंटल स्तर तक निर्माण की प्रगति के बाद दी जाएगी। इस से यह सुनिश्चित होगा है कि लाभार्थियों को निर्माण प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरणों पर समयबद्ध ढंग से वित्तीय सहायता प्राप्त हो।

इसके अलावा, एक सकारात्मक कदम  के रूप में ऐसे प्रार्थी जिन्होंने पहले भी इस आवास योजना का लाभ  प्राप्त किया है और वर्तमान में उनके घरों को मरम्मत की  आवश्यकता है वे भी  इस योजना का लाभ ले  सकते हैं।  इस प्रावधान से उन्हें योजना के तहत अपने घरों का पुनर्निर्माण करने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें उनकी जीवनशैली में सुधार का अवसर मिलेगा है।

बैठक में बताया गया  कि नई दिल्ली की  मैसर्स जैक्लोन इंडिया लिमिटेड  ने घरों की थर्ड पार्टी  गुणवत्ता मॉनिटरिंग की थी। इस एजेंसी ने 39 शहरों (27 क्लस्टरों) के पहले दौर की रिपोर्ट जमा की जिसमें 3527 घरों का दौरा किया गया था।

इस बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा चकबंदी विभाग के वित्तीय आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजेश खुल्लर, हाउसिंग फार ऑल के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री राजा शेखर vundru, हाउसिंग फार ऑल के निदेशक श्री अजीत बालाजी जोशी, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी के अतिरिक्त मुख्य सचिव,श्री ए.के. सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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