जब सरकार को किसान की पूरी सरसों खरीदनी ही नही थी तो पोर्टल-पोर्टल का खेल खेलकर किसान को ठगने की क्या जरूरत थी? विद्रोही किसान तब तक अपनी लडाई लडता रहेगा जब तक सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत सभी किसानों की सरसों का एक-एक दाना भाजपा सरकार एमएसपी पर खरीदने की व्यवस्था नही करेगी : विद्रोही 11 मई 2023 – हरियाणा भाजपा-जजपा खट्टर सरकार के छह जिलों रेवाडी, महेन्द्रगढ़, गुरूग्राम, नूंह, चरखी दाहरी व झज्जर में केवल दो दिन 11 व 12 मई को सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हुए किसानों की सरसों आढ़तियों द्वारा हैफेड के लिए एमएसपी पर खरीदने के निर्देश को स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सरसों उत्पादक किसानों के साथ धोखाधडी बताया। विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व भाजपा-जजपा सरकार किसान की सरसों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रूपये प्रति क्विंटल भाव से खरीदने के अपने वादे से भागकर किसानों के साथ धोखाधडी कर रहे है। हरियाणा सरकार द्वारा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की भी सरसों एमएसपी पर न खरीदने से किसानों में जो रोष है, उसे कम करने के लिए भाजपा खट्टर सरकार ने किसानों को ठगने दो दिन 11-12 मई को आढतियों द्वारा हैफेड के लिए सरसों एमएसपी पर खरीदने की चाल चली ताकि भाजपा-जजपा सरकार द्वारा दो दिन सरसों खरीद के लालीपोप से किसान गुमराह होकर शांत हो सके। विद्रोही ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार द्वारा दो दिन सरसों खरीदने के लालीपोप से किसान गुमराह होकर शांत नही बैठेगा और किसान तब तक अपनी लडाई लडता रहेगा जब तक सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत सभी किसानों की सरसों का एक-एक दाना भाजपा सरकार एमएसपी पर खरीदने की व्यवस्था नही करेगी। सवाल उठता है कि जब सरकार को किसान की पूरी सरसों खरीदनी ही नही थी तो पोर्टल-पोर्टल का खेल खेलकर किसान को ठगने की क्या जरूरत थी? विद्रोही ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के इन जिलों का किसान पहले बेमौसम बरसात, आंधी, ओलो की मार से अपनी अधिकांश सरसों व गेंहू फसल बर्बाद होने से आर्थिक संकट में फंस चुका है। अहीरवाल क्षेत्र में समय पर बर्बाद फसलों की गिरदावरी न होने से नष्ट फसलों का किसान को पूरा मुआवजा मिलना पहले ही दुष्कर हो चुका है। भाजपा सरकार व बीमा कम्पनियों की आपसी सांठगांठ से किसानों पूरा मुआवजा न मिले, इसकी तिडकम पहले ही भिड़ा चुकी है और ऊपर से सरसों की पूरी खरीद न करके किसानों के साथ धोधाखडी कर उसका कर्ज बोझ और बढ़ाया जा रहा है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से मांग की कि वे तिडकमी चाले चलकर किसान को ठगने व लूटने की बजाय भाजपा-जजपा सरकार के वादे अनुसार सभी किसानों की सरसों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रूपये प्रति विंवटल भाव से सरकारी खरीद एजेंसियों को खरीदने का स्पष्ट आदेश दे। Post navigation पूर्व विधायक समेत दर्जभर नेताओं ने थामा कांग्रेस का दामन हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20,000 रुपये की रिश्वत लेते एक निजी व्यक्ति को रंगे हाथों किया गिरफ्तार