गांव राठीवास की सरपंच सुमन देवी के नेतृत्व में पंचायत का फैसला खुशी हो या गम जबरदस्ती करने वाले किन्नरों की मनमानी नहीं चलेगी ग्राम पंचायत के फैसले की एक कॉपी स्थानीय पुलिस को सौंपी गई फतह सिंह उजाला पटौदी । किन्नर भी समाज का ही हिस्सा है, इतना ही नहीं आज के दौर में साधु संतों के साथ साथ किन्नर समाज का भी अलग से अखाड़ा बनाकर साधु संत की मान्यता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के द्वारा दी जा चुकी है । लेकिन समाज में आज भी बहुत बड़ा किन्नर तबका खुशी के मौके पर ही संबंधित परिवार यह सदस्यों के यहां पहुंच नाच गाकर बक्शीश लेते हैं । इतना ही नहीं अक्सर इसके लिए किन्नर सामने वाले व्यक्ति या परिवार की आर्थिक स्थिति देखे बिना अपनी अपनी जिद पर भी अङ जाते हैं । इसके अलावा एक पक्ष किन्नर समाज का और है वह अब लोकतंत्र का एक अटूट हिस्सा बनकर जनप्रतिनिधि का चुनाव भी लड़ रहे हैं । इतना ही नहीं यथा सामर्थ सामाजिक कार्यों में आ रहे हैं । लेकिन सबसे अधिक परेशान करने वाला पहलू किन्नर समाज के द्वारा और किन्नर समाज के प्रतिनिधियों के द्वारा विवाह शादी नवजात के कुआं पूजन या फिर अन्य खुशी के मौके पर संबंधित परिवार के घर पहुंचकर जबरदस्ती अनाप-शनाप पैसे की मांग करना और कथित रूप से गाली गलौज करते हुए अभद्र व्यवहार करना शामिल है । विशेष रुप से यदि मौके पर नवविवाहिता या फिर युवातिया मौजूद रहे । इन्हीं सब बातों को देखते हुए पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव राठीवास की महिला सरपंच सुमन देवी के नेतृत्व में ग्राम पंचायत ने पहल करते हुए खुशी हो या गम किन्नर समाज के प्रतिनिधियों के लिए 11 सौ रुपए ही देना निश्चित किया है । इस संदर्भ में लिए गए फैसले पर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि तथा प्रबुद्ध ग्रामीणों से भी राय की गई । सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि किन्नरों की इस प्रकार की मनमानी या फिर जबरदस्ती मुंह मांगे पैसे वसूल करने पर रोक लगाना जरूरी है । बैठक में मौजूद सरपंच सुमन देवी के अलावा रेणु देवी, अंजू, सुनीता , रवीना, रामेश्वर , सहित अन्य ग्रामीणों के द्वारा प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर किए गए । इतना ही नहीं इस प्रस्ताव की एक प्रति बिलासपुर थाना पुलिस को भी जरूरत के समय कार्रवाई के वास्ते सौंपी गई है । Post navigation एमएलए जरावता अब जाटोली निवासियों की भावना को समझेंगे – कमांडर योगेश सामाजिक कार्यों में समाज किन्नर समाज का करें सहयोग : महामंडलेश्वर महंत बुलबल