गुरुग्राम 5 मई। महम चौबीसी के ऐतिहासिक गांव निंदाना में नगर निंदाना गौरव दिवस धूमधाम से मनाया गया। समारोह में नेहरा खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप नेहरा सिरसा ने मुख्य अतिथि व वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सा लिया जबकि अध्यक्षता डॉ. जिले सिंह नेहरा ने की। इस अवसर पर निंदाना गांव के सैंकड़ों गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया। यह समारोह नगर निंदाना गौरव पीठ के तत्वावधान में हुआ।

इस अवसर पर पीठ के संयोजक सुरेश राठी, सतबीर नेहरा एडवोकेट, वजीर सिंह नेहरा, रोहतास वर्मा, संजय शर्मा पहलवान, पवन राठी, जिले सिंह सिंघल, रणबीर नेहरा, रमेश नेहरा, पवन नेहरा, संदीप नेहरा, चांदराम राठी, बारे नेहरा, राजेंद्र नेहरा, सहीराम सहारण व प्रख्यात सांगी धनपत के प्रपौत्र प्रदीप ने उपस्थिति दर्ज की।

इस अवसर पर संदीप नेहरा सिरसा ने कहा कि वे नगर निंदाना में अभिभूत हैं और इस प्रकार के प्रोग्राम लगातार होते रहने चाहियें। उन्होंने कहा कि मेरे पिता स्वर्गीय जगदीश नेहरा पूर्व केबिनेट मंत्री नगर निंदाना से बेहद लगाव रखते थे और इस गांव की हर समस्या का प्राथमिकता के आधार पर हल कराते थे। संदीप नेहरा ने कहा कि मैं भी इस परंपरा को जारी रखूंगा और निंदाना के किसी भी व्यक्ति को निराश नहीं करूँगा।

सतबीर नेहरा एडवोकेट ने घोषणा की कि भविष्य में गांव के सेना, पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत जवानों के शहीद होने पर उनके परिवार को हर सम्भव सहायता दी जायेगी। इसके अलावा गांव में पैदा होने वाली हर बच्ची के जन्म पर गांव की शामलाती जमीन में 5 पौधे लगाए जाएंगे।

नगर निंदाना गौरव पीठ के संयोजक व हरियाणा युवा शक्ति के अध्यक्ष सुरेश राठी ने बताया कि नगर निंदाना गौरव दिवस पिछले 20 वर्षों से लगातार हर वर्ष 5 मई को मनाया जाता है। इस बार भी हमें गांव के प्रतिभाशाली बच्चों व युवाओं को सम्मानित करने का सौभाग्य मिला है।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने 900 साल से भी पुराने गांव निंदाना की गौरव गाथा सुनाई। उन्होंने बताया कि निंदाना गांव की गिनती उत्तर भारत के सबसे बहादुर गांवों में की जाती है। इस गांव की ख्याति सुनकर अकबर बादशाह ने भी इस गांव का दौरा किया था। पानीपत की तीसरी लड़ाई में जब मराठे, अहमद शाह अब्दाली से हार गए थे तो निंदाना के शूरवीर दादा बारछी नेहरा ने अपनी जान पर खेलकर मराठा महिलाओं को अब्दाली के चंगुल से छुड़वाया था। गांव जांटी की एक अपहृत कन्या को 85 गांवों के आह्वान पर निंदाना के केवल चार शूरवीरों ने क्रूर अपहरणकर्ताओं से पलक झपकते ही छुड़वा लिया था। यही नहीं निंदाना के तीन युवाओं ने एक बेकाबू खतरनाक शेर को मार गिराया था।

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