*भारतीय संस्कृति का संवाहक है जोगी समाज: धनखड़*
भारत की संस्कृति को बनाए रखने में जोगी समाज के संतों का अतुलनीय योगदान: धनखड़

चंडीगढ़, 4 मई। करनाल की अनाज मंडी में गुरुवार को गुरू गोरक्षनाथ स्मृति उत्सव का राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में नाथ समाज के कई प्रमुख संत और भाजपा के नेता भी पहुंचे। इस मौके पर भाजपा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने जोगी समाज को भारतीय संस्कृति का संवाहक बताया और कहा कि भारत की संस्कृति को बनाए रखने में इस समाज के संतों का अतुलनीय योगदान रहा है। धनखड़ ने इस अवसर पर कांग्रेस की विचारधार पर भी प्रहार किए और कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान हमारे तीर्थों की उपेक्षा की जाती रही है। राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा अलवर के सांसद महंत बालक नाथ, महंत शिवनाथ व अन्य संतों व नेताओं ने भी संबोधित किया।

प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ ने कहा कि नाथ सम्प्रदाय की परम्परा, जोगी समाज की परम्परा, नौ नाथ और 84 सिद्धों की परम्परा भगवान शिव से आती है। देश का प्रधान सेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा आनंदित तब होते हैं जब वे बाबा केदारनाथ, महाकाल, विश्वनाथ मंदिर में होते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को अधिक से अधिक बेहतर करने की प्रेरणा भी वहीं से ही मिलती है। लोग गुरू गोरखनाथ जी को तारीखों में ढूंढते हैं कि वे कब आए और कब तक थे। ऐसे लोगों की सोच पर बोलते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि जो लोग इतिहास की तारीखों में जाते हैं वे भारत की परम्परा और संस्कृति को समझ नहीं सके। भारत की परम्परा तिथियों में नहीं हैं और ना ही किसी चीज को पुरानी करने में है। भारत की परम्परा तो नवनीत की तरह से है, मक्खन पुराना भी है और रोजाना निकले जब नया भी है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे शिव सृष्टि के प्रारंभ से भी हैं और आज भी हमारे साथ हैं। हमारे श्री कृष्ण द्वापर में भी हैं और जब हम जन्माष्टमी मनाते हैं तब हमारे साथ होते हैं। हमारे राम जब भी थे और आज भी सभी जगहों पर हैं। हमने अपने महापुरूषों को इतिहास की तारीख में कहीं छोड़ा नहीं, हम अपने साथ लेकर चलते हैं। ऐसे ही गुरू गोरक्ष नाथ हमेशा भारत के साथ होते हैं और भारत के हर हिस्से में होते हैं। भारत के राष्ट्रवाद पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि भारत किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया। भारत को बनाने का नजारा देखेंगे तो जहां से परम्परा शुरू होती है वहीं से भारत है। केदारनाथ, सोमनाथ, असम के शिव सागर और रामेश्वरम में भारत है। सम्पूर्ण द्वादस ज्योर्तिलिंगों में भारत है। भारत का राष्ट्रवाद सांस्कृतिकवाद है। भारत संस्कृति में जीता है और इसी के पुर्नउत्थान का यह युग है।

गोरक्षनाथ स्मृति उत्सव इस पावन मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि तीर्थों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। कांग्रेस के जमाने में हमारे तीर्थों की उपेक्षा की जाती थी। उन्होंने बताया कि जब सोमनाथ मंदिर के पुर्नउद्धार के बाद उद्घाटन होना तथा तब देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पत्र लिखकर वर्तमान राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को रोकने का प्रयास किया था। लेकिन उस समय राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि यह शिव का मंदिर मैं जरूर जाउंगा।

श्री धनखड़ ने कहा कि आज हर तीर्थ स्थान का पुर्नउद्धार हो रहा है। देश के प्रधानमंत्री को हम तीर्थों पर साष्टांग प्रणाम करते देख रहे हैं। मोदी के बनाए सांस्कृतिक पुर्नउद्धार के युग में हम जी रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सीएम को समाज के अंतिम व्यक्ति की चिंता है। उन्होंने कहा कि जोगी समाज ने हमेशा ज्ञान के आधार पर अंधविश्वास को दूर करने काम काम किया है। ऐसे समाज का मैं अभिनंदन करता हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया कि जोगी समाज की जो भी मांगे हैं उन गौर अवश्य किया जाए।  

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