-कमलेश भारतीय रिसर्च , रोज़गार और पर्यावरण पर मेरा ध्यान फोकस रहेगा । ये मेरी प्राथमिकताएं भी कह सकते हैं । यह कहना है गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो नरसी राम बिश्नोई का । वे इसी विश्वविद्यालय में एस्सिटेंट प्रोफैफर से कुलपति पद तक पहुंचे हैं और बिश्नोई समाज से संबंध रखने वाले पहले ऐसे वैज्ञानिक हैं जो इस पद पर नियुक्त हुए । इससे गुजवि में शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मियों में एक अलग तरह का उत्साह है और सभी विभागों के ही नहीं समाज के अन्य गणमान्य लोग भी ऑफिस में बधाई देने पहुंच रहे हैं । गुजवि के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मियों ने भी आशा जताई कि इन्हें ग्राइंड रियल्टी पता है जिसके सार्थक परिणाम आयेंगे । प्रो नरसी राम बिश्नोई मूल रूप से झंडवाला बिश्नोइयां के निवासी हैं और चौथी कक्षा तक वहीं प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की । इसके बाद मंडी डबवाली के हाई स्कूल में मैट्रिक की । वे बताते हैं कि डबवाली के इसी स्कूल से पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला व बादल भी पढ़े हैं । सन् 1978 से 1982 तक डीएन काॅलेज, हिसार से बीएससी बायोलाॅजी की और फिर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से प्लांट फिजियोलॉजी तक पीएचडी की । -पहली जाॅब कहां ?-चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बावल कृषि केंद्र में एस्सिटेंट प्रोफैसर की । -गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय में कब से ?-सन् 1998 से एस्सिटेंट प्रोफैसर, पर्यावरण व विज्ञान विभाग में । सन् 2021 में सेवानिवृत्त । -इन वर्षों के दौरान किन किन पदों पर रहे ?-अनेक पदों पर । विभाग के चेयरमैन के पद से लेकर डीन के पद पर रहा । -गुजुटा के अध्यक्ष कितनी बार रहे ?-पांच बार । -आपने पुस्तक भी तो लिखी है ?-जी, धर्म व पर्यावरण । प्रो किशना राम बिश्नोई के साथ ह इसके चार खंड हैं जिनमें एक खंड अंग्रेजी में है तो तीन खंड हिंदी में । -कुछ महत्वपूर्ण पुरस्कार ?-साइंस की नेशनल अकादमी की ओर से सन् 2015 व सन् 2021 में साइंटिस्ट ऑफ द ईयर प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार । विश्व के दो प्रतिशत चर्चित वैज्ञानिकों से एक । इसके अतिरिक्त अनेक सम्मान/पुरस्कार । -कैसा लगा उसी विश्वविद्यालय में कुलपति बनकर जहां शिक्षक रहे ?-सारे जाने पहचाने अपने ही लोग हैं , चेहरे हैं । कोई अलग सी फीलिंग नहीं । क्या सपना है नये कुलपति का ?-टीचर्स के लिये रिसर्च की सुविधायें उपलब्ध करवाना और प्रक्रिया का सरलीकरण करवाने व छात्रों के लिये रोज़गार यानी प्लेसमेंट को प्राथमिकता देना । पर्यावरण के लिये प्रयासरत रहना क्योंकि इसी विभाग में काम किया । -परिवार ?-पत्नी डाॅ बंदना बिश्नोई अंग्रेजी की प्राध्यापिका व प्रिंसिपल रहीं गवर्नमेंट काॅलेज में और मंगाली के गवर्नमेंट काॅलेज से प्रिसिपल के रूप में सेवानिवृत्त। एक बेटी और एक बेटा । बेटी कादम्बरी कनाडा में जाॅब कर रही है तो बेटा प्रद्युम्न जर्मनी में है ।हमारी शुभकामनायें प्रो नरसी राम बिश्नोई को । Post navigation 21 मई को होने वाला पन्ना प्रमुख सम्मेलन होगा इतिहासिक : निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता यौन शोषण : संसद से सड़क तक