यौन शोषण : संसद से सड़क तक

-कमलेश भारतीय

महिला पहलवानों व महिला कोच से यौन शोषण का मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है और सरकार है कि कोई कान या ध्यान नहीं दे रही बल्कि पुलिस दल इनके साथ बदतमीजी पर उतर आया है । जिस तरह का वीडियो सामने आया है , क्या यही सम्मान है उन बेटियों का जिन्होंने देश का गौरव बढ़ाया? यही सम्मान है उन बेटियों का जिन्होंने तिरंगा फहराने का अवसर बनाया ? नहीं ! यह तो सम्मान नहीं है , सीधे सीधे अपमान हो रहा है । इधर एक अच्छी बात हुई है कि भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने अपनी गलती सुधारते हुए जंतर-मंतर के धरना स्थल पर जाकर महिला पहलवानों के गले मिलकर उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया । कम से कम अपनी भूल समय रहते सुधार ली । उन्होंने पहलवानों से कहा कि वे पहले एथलीट हैं , बाद में प्रशासक ! यह बहुत अच्छा यू टर्न लिया ! काश ! दूसरे लोग भी ऐसा ही कदम उठायें। वैसे ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने भी इतना तो कहा कि जिन्होने देश के लिये पदक जीते , उनको फुटपाथ पर बैठे देखकर दुख हो रहा है । इसी तरह सानिया ने भी महिला पहलवानों की हालत पर दुख व्यक्त किया । दो शब्द सहानुभूति के तो बोल ही सकते हो !

इसके बावजूद धरनास्थल पर बैठीं महिला पहलवानों केसाथ पुलिस का रवैया बहुत ही आपत्तिजनक है । कल रात भी फोल्डिंग बेड लेकर आ रहीं पहलवानों के साथ पुलिस ने कहासुनी की । यह वीडियो वायरल हुआ । इससे क्या दैश की छवि बनी या चार चांद लग गये ?

बृजभूषण शरण सिंह इस मुद्दे को बार बार राजनैतिक रंग देने के लिये राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर महिला पहलवानों को उकसाने का आरोप लगा रहे हैं । इनके जवाब में दीपेंद्र ने धरना स्थल पर जाकर खुलेआम कहा कि हम अपनी बेटियों को अपमानित और प्रताड़ित होने के लिये बिल्कुल नहीं छोड़ सकते ! बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों ने कहा कि इन्होंने एक फिर नहीं अनेक बार यह गुनाह किया है । विदेश में भी यही गंदी नजर रखते थे ।

चाहे बृजभूषण शरण सिंह हों या हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह यदि सच्चे हैं , निर्दोष हैं तो फिर पाॅलिग्राफी टेस्ट से बचते क्यों फिर रहे हैं ? अपने अपने पदों से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे क्यों नहीं दे देते ताकि जांच निष्पक्ष हो सके ! पर नहीं । चिपको आंदोलन की तरह कुर्सियों और पदों पर चिपके बैठे हैं हुजूर !

कहने को बहुत कुछ था
अगर कहने पे आते
अपनी तो ये जिद्द है
कि हम कुछ नहीं कहते !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

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