मुख्यमंत्री खट्टर व हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार नेफेड द्वारा सरसों खरीदने का दमगज्जा तो उछाल रहे है, पर विगत एक सप्ताह से प्रदेश मेें कहीं भी सरसों खरीद नही रहे : विद्रोही किसान व्यापारियों को अपनी सरसों 4500 रूपये प्रति क्विंटल के आसपास बेचने को मजबूर है। किसान की सरसों मंडियों में कोडियों के भाव में लूटी जा रही : विद्रोही 4 मई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार का किसान रबी फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदने व खरीदी गई फसल का 72 घंटे में किसान बैंक खाते में भुगतान का दावा जमीन पर हवा-हवाई साबित हो रहा है। विद्रोही ने कहा कि पूरे प्रदेश में विगत एक सप्ताह से सरसों फसल की एमएसपी पर सरकारी खरीद बंद है। नेफेड ने अपनी ओर से सरसों फसल खरीद का कथित कोटा पूरा खरीदने का दावा करके सरकारी खरीद को बंद कर दी। मुख्यमंत्री खट्टर जी व हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार नेफेड द्वारा सरसों खरीदने का दमगज्जा तो उछाल रहे है, पर विगत एक सप्ताह से प्रदेश मेें कहीं भी सरसों खरीद नही रहे। किसान व्यापारियों को अपनी सरसों 4500 रूपये प्रति क्विंटल के आसपास बेचने को मजबूर है। किसान की सरसों मंडियों में कोडियों के भाव में लूटी जा रही है और हरियाणा सरकार किसान सरसों का एक-एक दाना खरीदने का जुमला उछालकर किसानों को ठग रही है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि किसान खरीदी फसलों का 72 घंटे में बैक खातों में पैसे के भुगतान का दावा भी हवा-हवाई जुमला है। सरकार झूठ पेल रही है कि गेंहू की खरीदी फसल का 92 प्रतिशत पैसों किसानों को भुगतान कर दिया गया है व 80 प्रतिशत खरीदी फसलों का मंडियों से उठान से हो चुका है। हरियाणा सरकार के उक्त दोनो दावे महाझूठे है व ऐसे दावे करके भाजपा-जजपा नेता किसानों को ठग रहे है। आज भी मंडियां गेंहू व सरसों से अटी पडी है। सरकार द्वारा खरीदा गेंहू व मंडी में बिकने आया किसान का गेंहू वर्षा से भीग रहा है और सरकार जुमलेबाली करके लोगों को ठग रही है। विद्रोही ने कहा कि विगत एक माह में रेवाडी जिले की रेवाडी, बावल, कोसली मंडियों में किसानों का 24033 मीट्रिक टन गेंहू व 32090 मीट्रिक टन सरसों खरीदी गई है। सरकार दावा 24 घंटे में खरीदी फसल का भुगतान बैंक खातों में करने का दमगज्जा तो उछाल रही है जबकि कटु सत्य यह है कि रेवाडी जिले में केवल 21 प्रशिशत किसानों को पैसों का भुगतान हो पाया है। रेवाडी जिले के 79 प्रतिशत किसान अपनी बेची फसले का पैसा बैंक खातों में आने का इंतजार कर रहे है। यही स्थिति पूरे हरियाणा की है। सरकार के दावे व जमीन धरातल की सच्चाई में दिन-रात का अंतर है। विद्रोही ने सवाल किया कि जब 72 घंटे में खरीदी फसल का पैसा किसान बैंक खाते में नही पहुंच रहा, यह जानते हुए भी भाजपा-जजपा सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री व संतरी मीडिया बयान बहादुर बनकर झूठ क्यों बोल रहे है, यह समझ से परे है। वहीं विद्रोही ने मांग की किे मुख्यमंत्री खट्टर अपनी घोषणा के अनुसार किसान की सरसों फसल का एक-एक दानो न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रूपये प्रति क्विंटल भाव पर खरीदे। किसानों की सरसों की एमएसपी पर खरीद बंद करके किसानों के साथ धोखाधडी न करे। Post navigation हरियाणा में राज्य पुरस्कारों के लिए निजी स्कूलों के शिक्षकों पर भी होगा विचार सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई की बंद, एफआईआर दर्ज हो चुकी है