केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की ससुराल जाटोली नाम बना राजनीति की फुटबॉल जाटोली नाम के नाम ही हो गया गायब, ना गूगल पर ना दस्तावेजों में जाटोली को , पटौदी मण्डी नगर परिषद, मंत्रिमंडल, जनप्रतिनिधि या विधानसभा निगल गए एमएलए जरावता को जाटोली निवासियों ने सौंपा ज्ञापन, 15 दिन क़ा अल्टीमेटम: फतह सिंह उजाला जाटोली / पटौदी मंडी परिषद । गाव जाटोली के लोगो नें अपने गाँव के नाम और पहचान को बचाने के लिए एक महापंचायत क़ा आयोजन बीते रविवार को पृथ्वीराज चौहान भवन में किया । जिसमें जाटोली सहित आस पास के काफी लोगो नें हिस्सा लिया। महापंचायत के बाद महापंचायत द्वारा गठित क़ी गईं कमेटी मास्टर ओमसिंह क़ी अध्यक्षता में एमएलए एडवोकेट जरावता से पटौदी उनके कार्यालय में विरोध जताने व ज्ञापन देने के लिए गांव जटोली के विभिन्न संस्थाओं के प्रबुद्ध नागरिक गए और साफ व सीधे शब्दों में क़हा कि जब भी विकास होता है य़ा छोटी इकाई को मिला कर बड़ी इकाई बनाई जाती है , तों आस पास के सम्बंधित क्षेत्रों से रायशुमारी क़ी जाती है । एमएलए जरावता को कहा तानाशाह लेकिन पटौदी के एमएलए एडवोकेट जरावता नें अपनी तानाशाही दिखाते हुए अपने आप ही दोनों नगरपालिका हेली मण्डी और पटौदी को मिला कर दस गाँव सहित बिना ग्रामीणों से पूछे और राय मुसारी कराए पटौदी मण्डी नगर परिषद क़ा गठन कर दिया और जनता से बिना पूछे ही हेली के विवाद से बचते हुए हेली शब्द को हटा कर मण्डी को पटौदी से जोड पटौदी मण्डी बना दिया गया । जबकि हेली मण्डी नाम को अगर राजस्व रिकॉर्ड में देखा जाए तों जाटोली क़ी जमीन में बसा हुआ है तों सीधा व साफ मतलब निकलता है कि मर्ज किए हुए क्षेत्र के नाम को भी उसके साथ जोड़ा जाना था। क्या मंडी शब्द का कोई सरकारी रिकॉर्ड है ? जाटोली गाँव क़ी पंचायत द्वारा गठित कमेटी नें जब एमएलए एडवोकेट जरावता से इस बारे में पूछा के जो ये मण्डी शब्द लगाया गया है ? उसका कोई कागजी रिकॉर्ड है य़ा नही ? अगर नही तों ये किस हिसाब से लगाया गया ! तों एमएलए नें बात को टालमटोल कर दिया, इसका साफ मतलब यह हुआ कि पटौदी नगरपालिका और हेली मण्डी नगरपालिका को खत्म करके जो पटौदी मण्डी नगरपरिषद बनाया गया उसमें पटौदी के साथ जाटोली को भी जरूर जोड़ा जाना चाहिए था । जबकि ऐसा नही हुआ और हजारों लोगो क़ी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया। एमएलए ग्रामीणों को सीएम के पास लेकर चले जाटोली सहित आसपास के ग्रामीणों नें भारी रोष दिखाते हुए एमएलए एडवोकेट जरावता को पंद्रह दिन क़ा अल्टीमेटम दे कर क़हा कि य़ा तों हमे सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिलवा जाए । हम उनके समक्ष अपनी मांग रखेंगे और यदि हमारी इस मांग पर कोई सकारात्मक जवाब नही आयेगा , तों हम अपने हक व अधिकार क़ी लड़ाई के लिए हर सीमा को पार कर जाएंगे । जिसके जिम्मेदार स्वयं एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता होंगे। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से मास्टर ओमसिंह, पूर्व कप्तान जनक सिंह चौहान , राज् सिंह ,पूर्व कमांडर योगेश चौहान, गुलशन शर्मा , रवि चौहान , सुरेन्द्र चौहान , भूषण सिंह , प्रवीण ठाकरिया ,जयप्रकाश सिंह , सतबीर पंवार ,देवी सिंह , हरीश चौहान , गुड्डन चौहान , योगिंद्र सिंह ,विक्रम चौहान आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। Post navigation बीपीएल को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा – आरती राव किसी भी असंतुष्ट के लिए फरियाद का लास्ट प्लेटफार्म मीडिया या पत्रकार – पर्ल चौधरी