टाइगर पार्क बनाने की आवश्यकता पर भी विचार किया जाएगा

चंडीगढ़, 1 मई – हरियाणा ने कम हो रही जैव-विविधता को ध्यान में रखते हुए और विभिन्न क्षेत्रों में वन्य एवं घरेलू हितधारकों को संरक्षण देने के लिए राज्य स्तर पर 2030 तक की कार्य-योजना तैयार की है। 

हरियाणा राज्य जैव-विविधता बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने बताया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार की गई इस कार्य-योजना के तहत हरियाणा जैव-विविधता 

ज्ञान केन्द्र भी बनाने का प्रस्ताव है। यह केन्द्र नवाचारों और तकनीकी के स्रोत के साथ-साथ एक थिंक टैंक के रूप में भी काम करेगा।मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य-योजना को स्वीकार करने से पहले और समय-समय पर निगरानी के लिए एक सब-कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में वित्त विभाग के अलावा विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा जो जैव-विविधिता पर आंकड़े़ एकत्र करेगी और बारीकी से अध्ययन करेगी।   

उन्होंने कहा कि राज्य के किस क्षेत्र में नील गाय व अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है, बैठक के दौरान इस पर विस्तार से विचार किया गया। उन्होंने कहा कि कलेसर पार्क में गत दिनों टाइगर देखा गया है। इसलिए वहां टाइगर पार्क बनाने की आवश्यकता पर भी विचार किया जाएगा। कमेटी इस पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर एक माह में प्रस्तुत करेगी। बोर्ड की अगली बैठक जून माह में आयोजित की जाएगी।

कार्य-योजना के अनुसार विभिन्न विभागों द्वारा गाय, भैंस, बंदर, नीलगाय आदि प्रजातियों को बचाने के लिए कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, खेती योग्य भूमि, भूमिगत जल, शहरी क्षेत्र में हाई रिस्क मंजिलों में रहने वाली आबादी के लिए पर्याप्त मात्रा में पेयजल आदि के प्रबंधन को लेकर भी कार्य किया जाएगा।

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, हरियाणा वन निगम के मुख्य महाप्रबंधक विवेक सक्सेना, जैव-विविधता बोर्ड के चेयरमैन पंकज गोयल, वन्यजीव संस्थान के डॉ. वी. पी. उनियाल सहित बोर्ड के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

error: Content is protected !!