प्रदेश की लोकसभा सीटें 10 से बढ़कर 17 और राज्यसभा की 5 से बढ़कर 7 हो जाएंगी

भारत सारथी

चण्डीगढ़। नई परिसीमन रिपोर्ट के अनुसार 2026 में भारत में लोकसभा की सीटें 800 तथा राज्यसभा में 332 हो जाएंगी। यानि देश में लोकसभा और राज्यसभा की कुल सीटें 1132 हो जाएंगी। नई परिसीमन रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा प्रदेश की लोकसभा सीटें 10 से बढ़कर 17 और राज्यसभा की 5 से बढ़कर 7 हो जाएंगी।

देश की कुल आबादी में हरियाणा की हिस्सेदारी 2.09 फीसद है। तथा क्षेत्रफल 44.2 वर्ग किलोमीटर है, जो कि देश के कुल क्षेत्रफल में से 1.40 फ़ीसदी है। नई परिसीमन रिपोर्ट द्वारा हरियाणा को लोकसभा और राज्यसभा के कुल 24 सांसद मिलेंगे।

लोकसभा और राज्यसभा की वर्तमान स्थिति

लोकसभा की सीटों के बंटवारे को हद बंदी करना कहते हैं। बता दें कि लोकसभा की सीटों को 1971 की जनसंख्या के हिसाब से बांटा गया था जो कि अगला परिसीमन 2026 में होना है। वर्तमान में, सदन में 543 सीटें हैं जो अधिकतम 543 निर्वाचित सदस्यों के चुनाव से बनती हैं। राज्य सभा भारतीय संसद की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है। जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नाम निर्देशित किए जाते हैं। इन्हें ‘नामित सदस्य’ कहा जाता है और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं। इन सदस्यों का चुनाव होता है। राज्यसभा में सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवा-निवृत होते हैं।

आखिर क्या होता है परिसीमन

परिसीमन का शाब्दिक अर्थ है किसी देश या प्रांत में विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की क्रिया या प्रक्रिया। परिसीमन का काम एक उच्चाधिकार निकाय को सौंपा जाता है। ऐसे निकाय को परिसीमन आयोग या सीमा आयोग के रूप में जाना जाता है। परिसीमन जनसंख्या में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करने के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभा सीटों की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने का कार्य है। परिसीमन का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के समान वर्गों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। इसका कार्य हाल की जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभा की पुनः सीमाएं निर्धारण करना और सीमाएं पुनर्निर्धारण में राज्य के प्रतिनिधित्व को स्थिर रखना।

पहले 4 बार हो चुके हैं परिसीमन आयोग गठित

परिसीमन आयोग भारत सरकार द्वारा परिसीमन अधिनियम के अन्तर्गत स्थापित आयोग है। इस सम्बन्ध में अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाती है। वर्ष 1952,1963,1973 और 2002 में परसीमन आयोग गठित किये गये थे।

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