भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) अधिकारियों की गलती लॉजिस्टिक हब मार्ग पर भारी पड़ रही है। कारण, विकास निगम ने ताजीपुर गांव में जोहड़ के समीप की जमीन का पैसा पंचायत फंड में जमा ही नहीं करवाया और ग्रामीणों की क्लीयरेंस नहीं मिलने के बावजूद आनन-फानन में सड़क निर्माण शुरू कर दिया। अब करीब दो साल बाद चुनाव उपरांत नई पंचायत अस्तित्व में आई तो सड़क निर्माण पर आपत्ति जताते हुए इसके निर्माण पर रोक लगा दी। अब एचएसआईआईडीसी जमीन का पैसा पंचायत के फंड में डाले तो निर्माण आगे बढ़े अन्यथा ग्रामीण व पंचायत इसके खिलाफ मुखर हो चुके हैं और उन्होंने रोड में गई पंचायती जमीन का पैसा मांगने के लिए सांसद से लेकर मंत्री तथा पंचायत अधिकारियों तक के संज्ञान में मामला ला दिया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट लॉजिस्टिक हब निजामपुर क्षेत्र में तैयार किया जाना है। इसी हब की कनेक्टिविटी के लिए निजामपुर क्षेत्र के गांव घाटासेर से गांव मुकुंदपुरा-ताजीपुर होते हुए मांदी के पास आकर छह मार्गी सड़क में मिलना है। घाटासेर से ताजीपुर जोहड़ के समीप पुल तक नई सड़क का निर्माण किया चुका है। इससे गांव ताजीपुर से मांदी तक की सड़क भी बनाई जा चुकी है। बस केवल ताजीपुर जोहड़ के पास लगभग 300-400 मीटर का टुकड़ा बचा हुआ है। यह टुकड़ा भी एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों की भूल या जानबूझकर की गई गलती है, यह तो वही बेहतर जानें, लेकिन इन अधिकारियों के कारण लॉजिस्टिक हब को मांदी से निजामपुर को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण पर जरूर भारी पड़ गई है। क्योंकि जब एचएसआईआईडीसी ने हब एवं सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण की, तब जमीन के मालिकों यानि किसानों वगैरा को उनकी जमीन के हिसाब से पैसा दे दिया, लेकिन ताजीपुर की पंचायती जमीन का पैसा पंचायत के खाते में ट्रांसफर नहीं किया और बिना क्लीयरेंस मिले ही सड़क निर्माण शुरू कर दिया। यही गलती अब सड़क निर्माण की राह में रोड़ा बन गई है।

वर्तमान स्थिति

घाटासेर से ताजीपुर जोहड़ यानि धौलेड़ा रोड क्रासिंग तक सड़क एवं पुलिया बना दिया गया है। जिस पर ग्राम पंचायत ने आपत्ति लगा दी है। इस कारण यहां सड़क अधूरी है। इस अधूरी टूटी-फूटी सड़क से जब वाहन खासकर डंपर गुजरते हैं तो धूल का गुब्बार भारी मात्रा में उड़ता रहता है, जो आसपास के लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहा है।

वर्ष 2017 में की थी जमीन अधिग्रहित

घाटासेर से मुकुंदपुरा होते हुए मांदी तक की इस सड़क निर्माण के लिए वर्ष 2017 में एचएसआईआईडीसी ने जमीन अधिग्रहण की थी। तब एचएसआईआईडीसी ने प्राइवेट भू-मालिकों को उनकी जमीन के हिसाब से पैसा दिया, लेकिन ग्राम पंचायत ताजीपुर को उसकी जमीन का पैसा नहीं दिया। पुरानी पंचायत ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। बाद में करीब दो साल तक हरियाणा में पंचायतों नहीं बनाई गई और अब जब नई पंचायत अस्तित्व में आई तो उसने भी उक्त सड़क निर्माण पर आपत्ति लगाते हुए इस पर रोक लगा दी। पंचायत का दो टूक जवाब है कि जमीन का पैसा नहीं तो सड़क निर्माण भी नहीं।

यह कहती है पंचायत

गांव महिला सरपंच राजबाला, उनके ससुर सतबीर सिंह गुर्जर एवं पंचायतों का संयुक्त रूप से कहना है कि वह लॉजिस्टिक हब के पक्ष में है, लेकिन जिस प्रकार एचएसआईआईडीसी वालों ने किसानों को उनकी जमीन का पैसा दिया है, उसी हिसाब से पंचायत की जमीन का पैसा भी मिलना चाहिए। ताजीपुर पंचायत की करीब 120 कनाल जमीन इस सड़क में चली गई है, जिसका कोई पैसा पंचायत फंड में जमा नहीं कराया गया है। इस बाबत बीडीपीओ से लेकर डीसी एवं सांसद एवं मंत्री को भी लिखित में अवगत करवा दिया गया है। जब पैसा डाल देंगे, तब सड़क निर्माण करने दिया जाएगा।

यह कहते हैं अधिकारी

सड़क निर्माण करवा रहे पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग के कार्यकारी अभियंता अश्विनी कुमार ने बताया कि इस सड़क का निर्माण सर्वोदया कंपनी से करवाया जा रहा है। ग्रामीणों की मांग जायज है तथा इस मसले पर पिछले डीसी डा. जेके आभीर एवं ग्रामीणों के बीच आपसी सहमति बन चुकी है। अब फाइल उच्च स्तर पर भेजी हुई है। उम्मीद है कि ग्राम पंचायत को उसकी जमीन का पैसा मिलेगा। पैसा मिलने उपरांत आपत्ति हट जाएगी। जिस बाद ही अधूरी सड़क का निर्माण पूरा किया जा सकेगा। सड़क निर्माण जब भी पूरा होगा, तब उसके 15 दिन के अंदर-अंदर शेष कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।

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