उपायुक्त से मिलने के बाद किसान आश्वस्त थे लेकिन सड़क निर्माण के लिए जे.सी.बी. मशीन पहुंची तो किसानों से उसे लौटाया। किसानों की कमेटी के निर्णय के बाद ओवरब्रिज बनाने की मांग को पंचायतों ने प्रस्ताव डाला। किसानों का निर्णय मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद नहीं होने देंगे। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 14 अप्रैल : तीन दिन पहले कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा से मिलने के बाद मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से प्रभावित होने वाले करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के सैंकड़ों किसान आश्वस्त हो गए थे। उपायुक्त ने किसानों की बात को सुनने के बाद कहा था कि वे इस संबंध में पूरी जानकारी हासिल करेंगे। किसानों की समस्या के समाधान के लिए उपायुक्त मौके का निरीक्षण भी करेंगे। मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से प्रभावित होने वाले किसानों एवं अखिल भारतीय मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के अनुसार शुक्रवार को अचानक फिर से नई सड़क एन. एच. 152 जी को बनाने वाली एजेंसी के लोग एवं जे.सी.बी. मशीन पहुंच गए। ऐसे में भारी संख्या में प्रभावित किसान एवं गांव के सरपंच भी मौके पर पहुंच गए। किसानों और सरपंचों ने उन्हें कहा कि उनकी प्रशासन एवं सरकार से बात हुई है। इसलिए किसी भी समाधान से पहले वे सड़क का निर्माण नहीं कर सकते हैं। किसानों की बात सुनकर एजेंसी के लोग एवं जे.सी.बी. मशीन वापिस लौट गए। महंत जगन्नाथ पुरी, लखविंदर सिंह, साहब सिंह, सरजा सिंह, गुलजार सिंह, काबल सिंह, बलविंदर सिंह, गुरनाम सिंह, प्रगट सिंह, कश्मीर सिंह, गुरनाम सिंह सैनी, बलबीर सिंह फौजी, कुलजीत सिंह, साहब सिंह, बीरा, लक्खा सिंह इत्यादि किसानों ने कहा कि मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से वे अपनी सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद नहीं होने देंगे। सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए 15 गांवों के सरपंचों के उनकी 11 सदस्यीय कमेटी की शनिवार को बैठक भी रखी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले उपायुक्त कुरुक्षेत्र के कार्यालय में हरियाणा शुगर केन बोर्ड सदस्य एवं जजपा नेता डा. जसविंदर खैरा के नेतृत्व में मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से सैंकड़ों एकड़ फसलों को बचाने के करीब एक दर्जन गांवों के लोगों का प्रतिनिधिमंडल मिला था। उपायुक्त ने किसानों की बात को गंभीरता से सुना था। डा. जसविंदर खैरा ने भी कहा था कि उपायुक्त ने किसानों की बात को सुना है और कहा कि किसानों की समस्या के समाधान होगा। इसके लिए वे हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से भी मिलेंगे। शुक्रवार को फिर से मौके पर सड़क निर्माण एजेंसी के लोगों का आना चिंता का विषय है। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब 10 दिनों से मारकंडा नदी की बाढ़ एवं पानी के ओवरफ्लो के कारण प्रभावित किसान सरकार से सड़क के निर्माण कार्य में उचित व्यवस्था करने की गुहार लगा रहे हैं। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि अगर किसानों ने बकायदा राज्य सरकार के मंत्रियों एवं अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया है। मारकंडा नदी से प्रभावित होने वाले गांवों के सरपंचों ने कमेटी बनने के बाद नियमानुसार अपनी पंचायतों में प्रस्ताव भी पारित किये हैं ताकि सरकार से समस्या का समाधान जल्द हो। किसानों का कहना है कि नई सड़क एन. एच. 152 जी को बनाने की जो योजना है उससे करीब एक दर्जन गांवों की सैंकड़ो एकड़ फसलों को मारकंडा के ओवरफ्लो तथा बाढ़ पानी से भारी नुकसान होगा जो किसान सहन नहीं कर सकते हैं। किसान लगातार प्रशासन एवं सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी से व्यवस्था ठीक करने की गुहार लगा रहे हैं। ठसका मीरां जी, अजमत पुर, मेघा माजरा, जलबेहड़ा, दुनिया माजरा, खंजर पुर मोहम्मद शाह, श्री नगर, मांडी, पीपली माजरा इत्यादि के किसानों का कहना है कि नई सड़क एन. एच. 152 जी के निर्माण कार्य में व्यवस्था अगर ठीक न की गई तो उनकी सैंकड़ों एकड़ फसल के बर्बाद होने का खतरा है। वह बार बार मांग कर रहे है कि छोटे पाइपों एवं पुलिया से मारकंडा का ओवरफ्लो पानी का समाधान नहीं हो सकता है। सड़क के बनने से बाढ़ का खतरा अधिक रहेगा। किसानों ने बताया कि उनके गांवों का काफी क्षेत्र सहित ठसका मीरां जी के डेरे एवं डेरा बाबा मारकंडा फ्लड एरिया (बाढ़ प्रभावित क्षेत्र) में आते हैं। अगर सड़क निर्माण कार्य ठीक न किया गया तो इस क्षेत्र के गांव एवं डेरे ओवरफ्लो पानी में डूब जायेंगे। किसानों ने सरकार को लिखे पत्र में भी कहा है कि सरकार ने जलबेहड़ा बांध से मोहम्मद शाह बांध तक इसे ओवरफ्लो पानी की निकासी के लिए खुला छोड़ा हुआ है। इस क्षेत्र में अब सड़क निर्माण हो रहा है। किसानों का कहना है कि बीते वर्षों में भी इस क्षेत्र में अवरोध आने से ओवरफ्लो बाढ़ का पानी आने से किसानों की सैंकड़ों एकड़ फसल एवं डेरों को नुकसान पहुंचा था। किसानों का कहना है कि सरकार ओवरब्रिज बनाकर किसानों की सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद होने से बचा सकती है। Post navigation गैरहाजिर रहने पर 5 विभागों के एचओडी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई – कमल गुप्ता पतंग बनाओ प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों ने दिखाई प्रतिभा, 5 विद्यालयों ने जीता सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार