स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आदेश हुए तार-तार

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सायं 4 बजे गुरुग्राम स्टेशन पहुंची। उसका स्वागत करने के लिए गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला, जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़, सोहना संजय सिंह, निवर्तमान मेयर मधु आजाद, सूरजपाल अम्मू आदि अनेक भाजपाई वहां उपस्थित थे और उनके हाथों में भाजपा के झंडे और तिरंगे झंडे भी नजर आ रहे थे।

ट्रेन तय समय से लगभग 50 मिनट देरी से पहुंची। इतने समय सभी भाजपाई वहां इंतजार करते रहे। ट्रेन आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खूब जयकारे लगाए और मजेदारी यह रही कि जिसके हाथ में जो झंडा था, वही सबसे ऊंचा करने का प्रयास कर रहा था। हमने तो आज तक यह देखा है कि ट्रेन चलाने के लिए गार्ड पीछे से हरी झंडी दिखाता है लेकिन ये सभी कार्यकर्ता इंजन के आगे खड़े होकर हरी झंडी दिखा रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आदेश हुए तार-तार

पिछले दिनों से हमारे देश में कोरोना फिर पांव पसार रहा है। कोरोना बचाव के लिए 11-12 अप्रैल को सारे प्रदेश में मॉक ड्रिल भी की गई। लगातार बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पहले तो स्वास्थ मंत्री ने जनता से अपील की कि भीड़-भाड़ वाले स्थान पर मास्क का प्रयोग करें। फिर स्वास्थ विभाग की ओर से आदेश पारित हुआ कि जहां भी 100 से अधिक व्यक्ति हों, वहां मास्क अवश्य लगाया जाए। ऐसे निर्देश सरकारी कार्यालयों के लिए भी दिए गए लेकिन यहां किसी के मुंह पर मास्क नजर नहीं आ रहा और सभी एक-दूसरे से कंधा सटाए खड़े हैं। 

प्रश्न यह उठता है कि क्या स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आदेश केवल आम जनता के लिए हैं, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए नहीं?

और नेता भी वह जिनके ऊपर अपने क्षेत्र के सुधार, विकास, स्वास्थ्य सबकुछ ठीक रखने की जिम्मेदारी है अर्थात विधायक और वहां गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला भी थे तथा सोहना विधायक संजय सिंह भी थे, बाकी भी बहुत महत्वपूर्ण नेता थे। तो क्या जनता इनसे यह संदेश ले कि यह नियम तो केवल कागजों में है। इन्हें मानने की कोई आवश्यकता नहीं। 

राष्ट्र ध्वज (तिरंगा) का प्रयोग करने के नियम हैं। प्रश्न यह है कि क्या उन नियमों का पालन किया गया है? या अतिरेक और खुशी में कहीं भी किसी भी स्थिति में तिरंगा फहराया जा सकता है? और तिरंगे से ऊपर अन्य ध्वज जा सकता है? क्या यहां राष्ट्र ध्वज के नियमों का पालन हुआ है?

हमारी क्षमता इतनी नहीं है कि हम इस विषय पर कोई विचार देने की हिम्मत कर सकें लेकिन आप सब इस चित्र को देखिए और विचार कीजिए कि जो प्रश्न हमने उठाए हैं, वे उचित हैं या अनुचित।

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