कमलेश भारतीय

महात्मा गांधी भी बेसहारा के सहारे हैं । अब देखिये न कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ न तो कोई विधायक आया और न कोई बड़ा नेता लेकिन महात्मा गांधी के पोस्टर के सहारे पायलट ने पांच घंटे भ्रष्टचार के विरूद्ध अनशन कर लिया ! है न कमाल ! महात्मा गांधी के पोस्टर में दम है ! वैसे निशाना लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी । पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाये जाने के बहाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी लपेट लिया और यह भी संकेत दिया कि दोनों में मिलीभगत है , इसलिये जांच नहीं करवाई जा रही । हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को ऐसा करने से रोका था लेकिन विद्रोह करने वाले कब कब रुकते हैं ? सचिन नहीं रुके ! सब निर्देश ताक पर रख कर अनशन पर बैठ गये । अब जो होना है सो हो ! क्या कांग्रेस हाईकमान इस पर कोई एक्शन लेगी या अनदेखी करेगी या पायलट के अगले कदम का इंतजार करेगी ? हालांकि छत्तीसगढ के वरिष्ठ काग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने सचिन का समर्थन करते कहा है कि पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार नहीं की । वसुंधरा राजे की सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच हमारी सरकार ने नहीं करवाई जो करवानी चाहिए थी !

अब देखना यह है कि काग्रेस हाईकमान इसे लक्ष्मण रेखा पार करना मानता है या नहीं ? यह तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसा कमाल हो गया जब मुख्यमंत्री ही धरने पर बैठ जाये ! पुलिस की कमान दिल्ली को सौपा जाने की मांग को लेकर सर्दियों में रजाई ओढ़कर धरना दिया था ! मासूम चालाकी देखिये कि सचिन ने भाजपा नहीं वसुंधरा पर निशाना साधा ताकि भाजपा में जाने की गुंजाइश बची रहे ! हर तरह का नया नुकसान देखकर ही अनशन किया है !

क्या अब अगले विधानसभा चुनाव को आते देख सचिन ने फिर तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं ? काग्रेस ने भी बगावती सचिन को एक बार मनाने के बाद फिर कोई खोज खबर नहीं ली । उपमुख्यमंत्री पद गया सो अलग ! रही सही कसर अशोक गहलोत की बयानबाजी पूरी कर देती है ! जैसे छले पर नमक छिड़क रहे हों ! आखिर अगले चुनाव तक सचिन काग्रेस में बने रहेंगे या नहीं ? यह बहुत बड़ा सवाल इस धरने से निकल कर आ रहा है । जवाब कांग्रेस हाईकमान के पास है और वही तय करेगी सचिन का भविष्य !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

error: Content is protected !!