भारत सारथी

रोहतक। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर अब तक का बड़ा बयान दिया है. अभी तक ये बात इशारों में चल रही थी लेकिन नफे सिंह राठी ने पहली बार खुले तौर कहा है कि मौजूदा सरकार को हटाने के लिए वो किसी से भी गठबंधन कर सकते हैं. यही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि हमारे आदर्श देवीलाल भी पुराने कांग्रेसी थे.

कांग्रेस और इनेलो का डीएनए मेल नहीं खाने के हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के बयान पर जवाब देते हुए नफे सिंह राठी ने कहा कि उन्होंने कौन सी डीएनए की मशीन लगा रखी है, जो वो ऐसा कह रहे हैं. राठी ने कहा कि चौधरी देवीलाल की राजनीतिक शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही हुई थी. जहां तक कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात है तो चुनाव के नजदीक आने पर सारा मामला साफ हो जायेगा. नफे सिंह राठी इनेलो की परिवर्तन यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के लिए रोहतक पहुंचे थे. 2 मई को रोहतक जिले में यात्रा के पहुंचने को लेकर कार्यक्रम तैयार किया गया.

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा साफ कह चुके हैं कि जिस पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है उसके साथ गठबंधन कैसे संभव है.

ओपी धनखड़ ने कहा कि इनेलो का डीएनए कांग्रेस से नहीं इनेलो से मेल खाता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि पीछे हमारे बीजेपी के साथ गठबंधन रहे हैं. लेकिन कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से. अब इस सरकार ने इंतहा कर दिया है. इसलिए हमारे नेता ओपी चौटाला ने कहा है कि इस मौजूदा सरकार को हटाने के लिए हमे किसी से परहेज नहीं है. जहां तक डीएनए का सवाल है. देवीलाल संयुक्त पंजाब में कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे. ओम प्रकाश चौटाला पहली बार कांग्रेस से ही विधायक बने थे. सिर्फ नीतियों की बात है. इसलिए बीजेपी सरकार को हटाने के लिए किसी से भी हाथ मिला सकते हैं. नफे सिंह राठी, प्रदेश अध्यक्ष, इनेलो हालांकि कांग्रेस की तरफ से इनेलो के साथ गठबंधन को लेकर कोई सकारात्मक बयान अभी तक नहीं आया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा साफ कह चुके हैं कि जिस पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है उसके साथ गठबंधन कैसे संभव है. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि हरियाणा में जब से भूपेंद्र सिंह हुड्डा का उभार हुआ है, तब से इनेलो के साथ कांग्रेस के संबंध ठीक नहीं रहे. जेबीटी भर्ती घोटाले में ओपी चौटाला के जेल जाने के बाद दोनों परिवारों के बीच भी टकराव और बढ़ गया था. हालांकि राजनीति में एक कहावत है कि कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता.

इसी साल जनवरी में कई दशक बाद ओपी चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एक साथ देखा गया. 15 जनवरी को पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा के पिता की जयंती के मौके दोनों की मुलाकात हुई. मुलाकात ही नहीं बल्कि भूपेंद्र हुड्डा ने ओपी चौटाला से पूरी गर्मजोशी से हाथ मिलाया हाल चाल चाना. दोनो नेता एक साथ चाय पीते हुए एक टेबल पर भी नजर आये. लंबे समय बाद दो धुर विरोधी माने जाने वाले नेताओं की मुलाकात ने सियासी माहौल गरमा दिया था.